1 of 1 parts

समुद्री लाल शैवाल कोरोना के खिलाफ हो सकता है मददगार

By: Team Aapkisaheli | Posted: 14 Apr, 2020

समुद्री लाल शैवाल कोरोना के खिलाफ हो सकता है मददगार
नई दिल्ली। समुद्री लाल शैवाल से प्राप्त यौगिकों का उपयोग सैनिटरी वस्तुओं पर एक कोटिंग सामग्री के रूप में किया जा सकता है और साथ ही इसका उपयोग कोविड-19 से लड़ने के लिए एंटीवायरल दवाओं के उत्पादन में भी किया जा सकता है। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है। शोधकर्ताओं ने कहा कि प्राकृतिक स्रोतों, जैसे कि वनस्पतियों और जीवों, बैक्टीरिया, कवक और बड़े पौधों से प्राप्त उत्पादों में वायरस के कारण होने वाली बीमारियों से लड़ने की काफी क्षमता होती है।

पॉलीसैकराइड्स जैसे समुद्री घास, अल्गीनेट्स, फूकोडिन, कारागीनन, रमनन सल्फेट जैसे प्राकृतिक यौगिकों में जबरदस्त एंटीवायरल क्षमता होती है।

अध्ययन का टाइटिल मरीन रेड अल्गा पोरफिरिडियम एज ए सोर्स ऑफ सल्फेटेड पॉलीसकाराइड्स फॉर कंबेटिंग अगेंस्ट कोविड-19 है, जिसमें अध्ययनकर्ताओं ने मौजूदा उपलब्ध आंकड़े के संदर्भ में समुद्री शैवाल से प्राप्त सल्फेट पॉलीसैकराइड्स के संभावित एंटीवायरस क्षमता की जांच की।

प्रीप्रिंट्स में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, पोरफाइरिडियम (लाल सूक्ष्म शैवाल) से प्राप्त एसपी (सल्फेट पॉलीसेकेराइड) की एंटीवायरल गतिविधि पर दुनिया भर में विभिन्न विश्लेषण रिपोर्ट से स्पष्ट है कि शैवाल कई वायरल रोगों के उपचार में एक महत्वपूर्ण कारक साबित हो सकता है।

विभिन्न जैवविज्ञानिक स्त्रोतों से प्राप्त कैरीगीनन की भूमिका कोरोनावायरल श्वांस संक्रमण के नियंत्रण में सराहनीय है। (आईएएनएस)

#क्या देखा अपने: दीपिका पादुकोण का ग्लैमर अवतार


marine red algae,marine red algae may help combat covid-19,reliance researchers,coronavirus,covid 19

Mixed Bag

Ifairer