2 of 2 parts

चूडाकर्म संस्कार (मुंडन) क्यों!

By: Team Aapkisaheli | Posted: 24 July, 2015

मुंडन संस्कार क्यों!
चूडाकर्म संस्कार (मुंडन) क्यों!
मान्यता यह है कि शिशु के मस्तिष्क को पुष्ट करने, बुद्धि में वृद्धि करने तथा गर्भगत मलिन संस्कारों को निकालकर मानवतावादी आदर्शो को प्रतिष्ठापित करने हेतु चूडाकर्म संस्कार किया जाता है। इसका फल बुद्धि, बल, आयु और तेज की वृद्धि करना है। इसे किसी देवस्थल या तीर्थस्थान पर इसलिए कराया जाता है, ताकि वहां के दिव्य वातावरण का भी लाभ शिशु को मिले तथा उतारे गए बालों के साथ बच्चे के मन में कुसंस्कारों का शमन हो सके और साथ ही सुसंस्कारों की स्थापना हो सके। आश्वलायन गृह्मसूत्र के अनुसार- तेन ते आयुषे वपामि सुश्लोकाय स्वस्तये। अर्थात चूडाकर्म से दीर्घ आयु प्राप्त होती है। शिशु सुंदर तथा कल्याणकारी कार्यो की ओर प्रवृत होने वाला बनता है।
वेदों में चूडाकर्म संस्कार का विस्तार का उल्लेख मिलता है। यजुर्वेद में लिखा है- नि वर्तयाम्यायुषेअन्नाद्याय प्रजननाय। रामस्पोषाय सुप्रजास्त्वाय सुवीर्याय।। अर्थात हे बालक! मैं तेरी दीर्घायु के लिए, तुझे अन्न ग्रहण करने में समर्थ बनाने के लिए, उत्पादन शक्ति प्राчप्त के लिए, ऎश्वर्य वृद्धि के लिए, सुंदर संतान के लिए एवं बल तथा पराक्रम प्राप्ति के योग्य होने के लिए तेरा चूडाकर्म संस्कार करता हूं। उल्लेखनीय है कि चूडाकर्म वस्तुत: मस्तिष्क की पूजा या अभिवंदना है।
मस्तिष्क का सर्वश्रेष्ठ उपयोग करना ही बुद्धिमता है। शुभ विचारों को धारण करने वाला व्यक्ति परोपकार या पुण्यलाभ पाता है और अशुभ विचारों को मन में भरे रहने वाला व्यक्ति पापी बनकर ईश्वरीय दंड और कोप का भागी बनता है। यहां तक कि अपनी जीवन प्रक्रिया को नष्ट भ्रष्ट कर डालता है। अत: मस्तिष्क का सार्थक सदुपयोग ही चूडाकर्म का वास्तविक उद्देश्य है।
मुंडन संस्कार क्यों!Previous
hindu religion mundan sanskar

Most Popular

Mixed Bag

News

рдПрд▓рди рдорд╕реНрдХ рдиреЗ рдЯреЗрд╕реНрд▓рд╛ рдХреЗ рд╡рд░рд┐рд╖реНрда рдХрд░реНрдордЪрд╛рд░рд┐рдпреЛрдВ рдХреЛ рдмрд░реНрдЦрд╛рд╕реНрдд рдХрд┐рдпрд╛
рдПрд▓рди рдорд╕реНрдХ рдиреЗ рдЯреЗрд╕реНрд▓рд╛ рдХреЗ рд╡рд░рд┐рд╖реНрда рдХрд░реНрдордЪрд╛рд░рд┐рдпреЛрдВ рдХреЛ рдмрд░реНрдЦрд╛рд╕реНрдд рдХрд┐рдпрд╛

Ifairer