1 of 1 parts

शरद पूर्णिमा की रात को करें ये काम...

By: Team Aapkisaheli | Posted: 11 Oct, 2019

शरद पूर्णिमा की रात को करें ये काम...
शरद पूर्णिमा का हिन्‍दू धर्म में खास महत्‍व है। ऐसी मान्‍यता है कि शरद पूर्णिमा का व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। बता दें कि इस साल शरद पूर्णिमा पर्व पर शुभ संयोग बन रहा है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार 13 अक्टूबर रविवार को शरद पूर्णिमा पर 30 साल बाद दुर्लभ योग बन रहा है। यह शुभ योग चंद्रमा और मंगल के आपस में दृष्टि संबंध होने से बन रहा है। जिसे महालक्ष्मी योग कहा जाता है। इस शुभ योग के बनने से शरद पूर्णिमा का पर्व और ज्यादा विशेष हो जाएगा।

कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात में मां लक्ष्मी अपने वाहन उल्लू पर सवार होती हैं और पृथ्वीलोक का भ्रमण करती हैं। इस दौरान मां लक्ष्मी यह देखती है कि कौनसा भक्त रात्रि में जागकर उनकी पूजा अर्जना कर रहा है। मां लक्ष्मी उस पर अपनी कृपा बरसाती हैं। इस शरद पूर्णिमा पर महालक्ष्मी योग में देवी की पूजा करने का सौभाग्य 30 साल बाद मिल रहा है।

ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति से बन रहा है महालक्ष्मी योग
बता दें कि इस साल शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा मीन और कन्या राशि में रहेगा। इस कारण दोनों ग्रह आमने -सामने रहेंगे। वहीं मंगल, हस्त नक्षत्र में रहेगा। जो कि चंद्रमा के स्वामित्व वाला नक्षत्र है। इससे पहले 1989 में ग्रहों की स्थिति ऐसी बनी थी। हालांकि 6 अक्टूबर 2006 और 20 अक्टूबर 2002 में भी चंद्रमा अौर मंगल का दृष्टि संबंध बना था।

शरद पूर्णिमा के दिन जरूर करें ये काम
ज्योतिषाचार्य के अनुसार महालक्ष्मी योग बनने से शरद पूर्णिमा पर खरीदारी और नए काम शुरू करना शुभ रहेगा। इस शुभ संयोग में प्रॉपर्टी, शेयर मार्केट में निवेश और महत्वपूर्ण लेन-देन करने से धन में वृद्धि की संभावना और ज्यादा हो जाएगी। नौकरी और व्यापार करने वाले लोगों के लिए शरद पूर्णिमा का दिन मंगलमय होगा।

शरद पूर्णिमा की रात्रि को क्या करें
अमृत रूपी प्रसाद को पाने के लिए जातक शरद पूर्णिमा की रात खुले आसमान के नीचे खीर का प्रसाद रखा जाता है, ताकि चंद्रमा की किरणें खीर पर पड़ सकें। कहा जाता है कि यह खीर आने वाले शीत ऋतु के प्रकोप से रक्षा करती है और वात, पित्त एवं कफनाशक होती है।

शरद पूर्णिमा पर चंद्र की किरणें भी हमें लाभ पहुंचाती हैं। इस लिए इस रात में कुछ देर चांद की चांदनी में बैठना चाहिए।

रात में चंद्रमा के आकाश के मध्य में स्थित होने पर चंद्र देव का पूजन करें तथा खीर का नेवैद्य अर्पण करें।
शरद पूर्णिमा की रात्रि घर के बाहर दीपक जलाना चाहिए। इससे घर में सकारात्मकता बढ़ती है।
शरद पूर्णिमा की रात्रि को चांद्रमा को खुली आंखों से देखना चाहिए। क्योंकि इससे आंखों से संबंधित रोग नहीं होते है।

#वक्ष का मनचाहा आकार पाएं


sharad purnima,30 years later,auspicious yoga,mahalaxmi yoga,new work auspicious,sharad purnima 2019,astrology in hindi

Mixed Bag

Ifairer