1 of 1 parts

फिल्म और TV के पर्दे पर नेताजी की बहादुरी के किस्से

By: Team Aapkisaheli | Posted: 22 Jan, 2021

फिल्म और TV के पर्दे पर नेताजी की बहादुरी के किस्से
नई दिल्ली। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती 23 जनवरी को पूरे देश में मनाई जाएगी। वह भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी बहादुरी के किस्से हमें आज भी उनकी याद दिलाती है। कभी नस्लवादी टिप्पणी के लिए अपने प्रोफेसर ईएफ ओटेन की पिटाई करने के चलते कोलकाता के प्रतिष्ठित प्रेसिडेंसी कॉलेज से निष्कासित होना, तो कभी एल्गिन रोड पर स्थित अपने आवास में नजरबंदर नेताजी का एक मुस्लिम बीमा एजेंट का भेष लेकर खुफिया अधिकारियों को चकमा देकर भाग जाना, तो कभी अफगानिस्तान और सोवियत संघ के रास्ते उनका जर्मनी तक पहुंचना -- ऐसे कई किस्से हैं, जो हमें उनकी वीरता और शौर्यता की याद दिलाती है। इस काम को बॉलीवुड और टेलीविजन की दुनिया ने भी बखूबी निभाया है, जिनके द्वारा समय-समय पर नेताजी की वीर गाथाएं हमारे सामने पेश की जाती रही हैं।

ऐसे ही कुछ प्रयासों पर नजर डालते हैं, जिन्हें नेताजी की जिंदगी के आधार पर दर्शकों के सामने प्रस्तुत किया गया है।

बोस डेड/अलाइव

साल 2017 में पेश की गई यह मिनी सीरीज साल 2012 में आई अनुज धर की किताब इंडियाज बिगेस्ट कवर-अप पर आधारित रही है। हंसल मेहता इसके किएटिव प्रोड्यूसर रहे हैं और एकता कपूर ने यह सीरीज बनाई थी। मशहूर अभिनेता राजकुमार राव को इसमें नेताजी के रूप में पेश किया गया था।

गुमनामी

बंगाली फिल्मों के जाने-माने फिल्मकार श्रीजीत मुखर्जी ने साल 2019 में आई अपनी इस फिल्म में बंगाली सुपरस्टार प्रोसेनजीत चटर्जी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के रूप में पेश किया था। फिल्म में नेताजी के गायब होने या उनके निधन को लेकर घिरे रहस्यों को सुलझाने और उन्हें उकेरने का एक अच्छा प्रयास किया गया था।

द फॉरगॉटन आर्मी : आजादी के लिए

साल 2020 में फिल्मकार कबीर खान ने अपनी वेब सीरीज के माध्यम से नेताजी की इंडियन नेशनल आर्मी (आईएनए) या आजाद हिंद फौज के बारे में बताने का प्रयास किया था। सनी कौशल और शरवरी इसमें मुख्य किरदारों में थे। सीरीज में उन पुरुषों और महिलाओं की सच्ची कहानियां बताई गई थीं, जिन्होंने आईएनए के एक हिस्से के रूप में भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी थी।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस : द फॉरगॉटन हीरो

श्याम बेनेगल की प्रस्तुत की गई इस बायोपिक में सचिन खेड़ेकर शीर्षक भूमिका में नजर आए थे। साल 2004 में रिलीज हुई यह फिल्म अब तक नेताजी पर बनी सबसे बड़ी फिल्म प्रोडक्शन रही है। इसमें नेताजी के दृष्टिकोण से देश की आजादी की लड़ाई को दर्शाने का प्रयास किया गया था। बेनेगल की यह कोशिश दर्शकों को काफी पसंद भी आई थी और बीएफआई लंदन फिल्म फेस्टिवल में फिल्म को खूब सराहा भी गया था।

इन परियोजनाओं के अलावा, साल 2017 में आई तिग्मांशु धूलिया की फिल्म राग देश, 1966 में आई पीयुष बोस की फिल्म सुभाष चंद्र और साल 2019 में ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित बंगाली सीरीज नेताजी में भी देश के प्रति नेताजी की भावनाओं, उनकी सोच, उनकी निडरता और दृढ़ निश्चयता को पर्दे पर बखूबी पेश किया गया है, जिन्हें देखकर देशवासियों को नेताजी की याद तो आती ही है और कुछ बेहतर कर गुजरने के उत्साह का भी संचार होता है।

#बॉलीवुड सेलिब्रिटीज सफेद रंग के लिबास में


stories of netaji bravery on the screen of film and tv,netaji subhash chandra bose,subhash chandra bose,netaji,bollywood news in hindi,bollywood gossip,bollywood hindi news

Mixed Bag

Ifairer