कांवड़ यात्रा को लेकर यूपी सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करे: सुप्रीम कोर्ट
By: Team Aapkisaheli | Posted: 16 July, 2021
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने
शुक्रवार को कहा कि एक तीसरी कोविड लहर का डर सभी भारतीयों को सता रहा है।
ऐसे में कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से फीजिकल कांवड़ यात्रा के फैसले पर
पुनर्विचार करने के लिए कहा है। साथ ही, कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि
योगी सरकार की ओर से शत-प्रतिशत फीजिकल यात्रा की अनुमति उचित नहीं है।
न्यायमूर्ति आर.एफ. नरीमन और बी.आर. गवई ने कहा कि अधिकारियों को इस पर
पुनर्विचार करना चाहिए कि क्या फीजिकल कांवड़ यात्रा को आयोजित किया जाएगा
अन्यथा अदालत इस मामले में आदेश पारित करेगी।
पीठ ने कहा, हम पहली
नजर में मानते हैं कि यह हर नागरिक से जुड़ा मामला है और धार्मिक सहित अन्य
सभी भावनाएं नागरिकों के जीवन के अधिकार के अधीन हैं।
पीठ ने यूपी
सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन से कहा, कोविड महामारी और तीसरी लहर का डर है, जो सभी भारतीयों पर हावी है। क्या
प्राधिकरण धार्मिक कारणों से यात्रा की अनुमति देने पर पुनर्विचार करेगा?
न्यायमूर्ति नरीमन ने कहा, यूपी राज्य इसके साथ आगे नहीं बढ़ सकता। 100 प्रतिशत।
इसपर वैद्यनाथन ने जवाब दिया, हमने यूपी सरकार से हलफनामा जमा कर दिया है। हम सिर्फ एक प्रतीकात्मक यात्रा चाहते हैं।
उन्होंने
कहा कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने इस पर विचार-विमर्श किया और कहा
कि अगर कोई धार्मिक कारणों से यात्रा करना चाहता है, तो उन्हें अनुमति लेनी
चाहिए। आरटी-पीसीआर रिपोर्ट नकारात्मक होनी चाहिए और पूरी तरह से टीका
लगाया जाना चाहिए।
न्यायमूर्ति नरीमन ने कहा, हम आपको फीजिकल रूप
से यात्रा करने पर विचार करने का एक और अवसर दे सकते हैं या फिर हम एक आदेश
पारित करते हैं।
न्यायमूर्ति नरीमन ने कहा, हम सभी भारतीय हैं और
यह स्वत: संज्ञान लिया गया है क्योंकि अनुच्छेद 21 हम सभी पर लागू होता
है। या तो आप इस पर पुनर्विचार करें या हम आदेश देंगे।
वैद्यनाथन
ने कहा कि अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा और सोमवार सुबह तक अतिरिक्त
हलफनामा पेश किया जाएगा कि क्या इन शर्तों के बीच फीजिकल यात्रा आयोजित
करने पर पुनर्विचार किया जा सकता है।
शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई सोमवार को तय की है।
14
जुलाई को, शीर्ष अदालत ने चल रहे कोविड महामारी के बीच कांवड़ यात्रा की
अनुमति देने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले पर स्वत: संज्ञान लिया था। (आईएएनएस)
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