पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी का निधन

By: Team Aapkisaheli | Posted: 13 , 2018

पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी का निधन
कोलकाता। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी का यहां सोमवार को एक निजी अस्पताल में दिल का दौरा पडऩे से निधन हो गया। चटर्जी (89) लंबे समय से बीमार चल रहे थे।

वह अपने पीछे पत्नी, एक बेटी और एक बेटा छोड़ गए हैं।

बेलेव्यू क्लीनिक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रदीप टंडन ने आईएएनएस को बताया, ‘‘उनका निधन सुबह 8.15 बजे हुआ।’’

चटर्जी की हालत रविवार को दिल का दौरा पडऩे के बाद गंभीर थी। उन्हें किडनी संबंधी बीमारी भी थी और सात अगस्त को क्लीनिक में उन्हें गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था।

पूर्व माकपा नेता और 10 बार लोकसभा सांसद रह चुके चटर्जी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (सप्रंग) की सरकार के दौरान 2004 से 2009 तक लोकसभा के अध्यक्ष रहे।

उनके कार्यकाल के दौरान ही लोकसभा चैनल 2006 में अस्तित्व में आया।

चटर्जी को 1996 में ‘उत्कृष्ट सांसद पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था।

चटर्जी 1 968 में माकपा में शामिल हुए और पहली बार माकपा के समर्थन से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में बर्दवान निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव में 1971 में लोकसभा सांसद बने।

यह सीट एक हिंदू पुनरुद्धारवादी और अखिल भारतीय हिंदू महासभा के एक बार अध्यक्ष रह चुके उनके पिता निर्मल चंद्र चटर्जी के निधन के बाद खाली हो गई थी।

वह माकपा के टिकट पर जादवपुर से 1977 से 1980 तक लोकसभा सांसद रहे, लेकिन 1984 में वर्तमान में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से हार गए।

हालांकि अगले साल उन्होंने बोलपुर उपचुनाव जीतकर लोकसभा में प्रवेश किया। उन्होंने 1989, 19991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में सीट बरकरार रखी। उन्होंने 1989 से लेकर 2004 तक लोकसभा में माकपा नेता के रूप में काम किया।

23 जुलाई, 2008 को चटर्जी को माकपा से निष्कासित कर दिया गया क्योंकि माकपा द्वारा भारत-अमेरिका परमाणु समझौते को लेकर सप्रंग सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था।

असम के तेजपुर में 25 जुलाई 1929 को जन्मे चटर्जी ने मित्रा इंस्टीट्यूशन स्कूल, प्रेसीडेंसी कॉलेज और कलकत्ता विश्वविद्यालय में पढ़ाई की थी।

उसके बाद वह जीसस कॉलेज, कैम्ब्रिज से कानून में बीए और एमए की डिग्री लेने के लिए इंग्लैंड चले गए। उन्होंने कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक वकील के रूप में कानूनी प्रैक्टिस शुरू की।

चटर्जी पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु के बेहद करीबी थे, जिन्होंने राज्य में जरूरी निवेश लाने के लिए उन्हें पश्चिम बंगाल औद्योगिक विकास निगम (डब्ल्यूबीआईडीसी) के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभालने के लिए प्रेरित किया।

 चटर्जी चार साल तक पश्चिम बंगाल टेबल टेनिस एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे और मई में अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए वह पद से हट गए।

वह बंगाल क्रिकेट संघ के पूर्व कार्यकारी समिति के सदस्य भी थे। (आईएएनएस)

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