प. बंगाल में सेना तैनाती: पर्रिकर की चिट्ठी का ममता ने दिया कड़ा जवाब
By: Team Aapkisaheli | Posted: 10 Dec, 2016
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में हाल में टोल प्लाजा पर हुए सेना के अभ्यास का
मामला फिर गरमा गया जब रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने मुख्यमंत्री ममता
बनर्जी को एक तीखा पत्र लिखकर कहा कि उनके आरोपों से बल के मनोबल पर
‘प्रतिकूल’ असर हो सकता है। मगर ममता बनर्जी ऐसे में कैसे चुप रह सकती हैं,
उन्होंने भी उसी भाषा में पलटवार करते हुए इसे ‘बेतुका दावा’ करार दे
दिया।
बता दें कि पर्रिकर ने दो पृष्ठों के अपने पत्र में कहा था कि
सैन्यकर्मियों की तैनाती के सिलसिले में आरोपों को लेकर उन्हें ‘गहरा दुख’
हुआ है। उनके स्तर एवं सार्वजनिक जीवन के अनुभव वाले व्यक्ति से ऐसी उम्मीद
नहीं की जाती है। इस संबंध में आपके आरोपों से देश के सशस्त्र बलों के
मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पडऩे का खतरा है और यह आपके स्तर एवं सार्वजनिक
जीवन के अनुभव वाले व्यक्ति से ऐसी उम्मीद नहीं की जाती। केंद्र के नोटबंदी
कदम की सख्त विरोधी बनर्जी ने केंद्र पर पश्चिम बंगाल सरकार को सूचित किए
बिना राज्य के टोल प्लाजा पर सेना तैनात करने का आरोप लगाया था और इसे
‘अभूतपूर्व’ और ‘आपातकाल से भी खराब बहुत गंभीर स्थिति’ करार दिया था।
तैनाती के खिलाफ ममता ने पूरी रात कोलकाता में अपने कार्यालय में बितायी थी
और सवाल किया था कि क्या यह ‘सैन्य तख्तापलट’ है।
पर्रिकर ने 8 दिसम्बर
की तिथि वाले अपने पत्र में पूर्वी कमान द्वारा पश्चिम बांगल और अपने
अधिकार क्षेत्र के अन्य राज्यों में टोल प्लाजा पर भारी वाहनों के आवागमन
के बारे में सूचना एकत्रित करने के लिए संचालित अभ्यास को लेकर ‘विवाद से
बचने योग्य’ करार दिया। उन्होंने कहा है कि यह अभ्यास सेना द्वारा पूरे देश
में कई वर्षों से किया जाता है। पर्रिकर ने कहा कि अभ्यास राज्य सरकार की
एजेंसियों से मशविरे से सेना की सुविधाजनक तिथियों पर संचालित किए जाते
हैं। उन्होंने कहा, मीडिया में जैसा आया है, मुझे आपके आरोपों से गहरा दुख
हुआ है। यदि आपने राज्य सरकार से संबंधित एजेंसियों से जानकारी ली होती
आपको सेना और राज्य एजेंसियों के बीच संवाद के व्यापक अदान-प्रदान के बारे
में जानकारी होने के साथ ही उनके द्वारा स्थलों के किए गए संयुक्त निरीक्षण
के बारे में भी पता चल गया होगा।
ममता ने पर्रिकर की इस चिट्ठी पर
पलटवार करते हुए कहा, मैं आपके बेतुके आरोप पर कड़ी आपत्ति जताती हूं कि
बिना मंजूरी के सेना की तैनाती पर राज्य सरकार के अधिकारों को लेकर मेरी
अभिव्यक्ति से सशस्त्र बलों के मनोबल पर प्रभाव पड़ा है। उन्होंने दो
पृष्ठों के जवाब में कहा, बेतुका और निराधार आरोप लगाने का राजनीतिक दलों
और राजनेताओं की सुविधा होने के बारे में आपका सामान्य अवलोकन आपकी पार्टी
के लिए उपयुक्त होगा, लेकिन हम उस समूह से नहीं आते। मुख्यमंत्री ने कहा कि
रक्षा मंत्रालय ने नागरिक क्षेत्रों में सैन्य कर्मियों की बड़ी तैनाती से
पहले राज्य सरकार की अनुमति नहीं ली थी।
पर्रिकर ने कहा कि सैन्य
अधिकारियों को मामले में राज्य सरकार के साथ हुए अपने संवाद के रिकॉर्ड
मजबूरी में स्पष्ट करने पड़े। तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने
केंद्र पर मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, देखिये कौन
राजनीति कर रहा है। पत्र बंगाल की मुख्यमंत्री के पास भी नहीं पहुंचा था
कि उसे दिल्ली में मीडिया को लीक कर दिया गया।
-> एक दिन पहले ही हो गई थी जया की मौत पर बनाए रखा राज?