1 of 1 parts

अच्छा खाएं रोगप्रतिरोधक क्षमता बढाएं

By: Team Aapkisaheli | Posted: 06 Nov, 2017

अच्छा खाएं रोगप्रतिरोधक क्षमता बढाएं
अक्सर देखा गया है कि मौसम बदलते ही सर्दी-जुकाम, खांसी, फ्लू आदि का प्रकोप बढ जाता है। कभी वायरल फीवर का, तो कभी डेंगू का, कभी बर्ड फ्लू का तो कभी स्वाइन फ्लू का आतंक। इन्हें रोक पाना हमारे हाथ में नहीं है। लेकिन हम अपनी रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढाकर इन बीमारियों से काफी हद तक सुरक्षित रह सकते हैं। अपनी रोगप्रतिरोधक क्षमता बढाने का सबसे अच्छा व सरल उपाय है अपनी डाइट में जरूरी बदलाव, इसके लिए इन चीजों को अपनी डाइट में शामिल करें।
अधिक मात्रा में प्रोटीन : शाकाहारी लोग दूध, दही पनीर, चीज, सोयाबीन जैसी वस्तुओं को अपनी डाइट में शामिल करें। मांसाहारी हफ्ते में कम से कम तीन बार एग, व्हाइट फिश तथा लीन मीट लें।  मेवे का नियमित सेवन : अखरोट व बादाम आदि मेवे सेहत की दृष्टि से लाभप्रद माने जाते हैं, लेकिन इन्हें भी सीमित मात्रा में ही लिया जाना चाहिए। साथ ही असली व तिल पाउडर भी रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढाने के लिए उपयोगी है। फल व सब्जियां : अलग-अलग प्रकार की तीन कटोरी सब्जियां व तीन प्रकार के फल रोज खाएं। मौसम के अनुसार सब्जियां व फल बदल कर खाएं। सीरियल्स : अपनी डाइट का एक हिस्सा यानी ब्रेकफास्ट में बाजरा, ओट, सोया, गेहूं, मूग चना आदि को शामिल करें।  ओमेगा-3 फैटी एसिड्स : ये फ्लेक्सीड यानी असली (दिन मे एक टेबलस्पून पाउडर), अखरोट, सोया, काला चना, चौली, साबुत उडद, हरी मैथी, बाजरा तथा फिश में पाया जाता है। अत: इन्हें अपने आहार में शामिल करें।  एंटीऑक्सीडेंट युक्त आहार : ऎसे पदार्थ लें, जिनमें विटामिन "सी" बीटा कैरोटीन, विटामिन "ई" तथा जिंक व सेलेनियम जैस मिनरल्स हों, क्योंकि ये पौष्टिक एनसीजी श्वास नली के टिश्यूज पर सुरक्षित प्रभाव डालते हैं, साथ ही ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस से भी आपको सुरक्षित करते हैं। इसके लिए सभी रंग की सब्जियां व फल खाएं। अर्थात् हर प्रकार की सब्जियां, लाल टमाटर, लाल, हरी, पीली शिमला मिर्च, चुकंदर, अनार, काले अंगूर, पपीता, संतरा आदि। विटामिन "सी" प्रदान करने वाले पदाथोंü का सेवन करें।   मैगेशिम युक्त पदार्थ : मैग्नेशियम एंटीइन्फ्लेमेटरी तथ मांसपेशियों को रिलेक्स करने वाला तत्व है। ये श्वास संबंधी समस्याओं से लडने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मैग्निशयम के अच्छे स्त्रोत हैं - बाजरा, ज्वार, मक्का, गेहूं का दलिया आदि, साथ ही साबुत चना, साबूत उडद,चौली, राजमा, सोयाबीन, साबुत मूग आदि भी इसके अच्छे साधन है। इसके अलावा बादाम, काजू अखरोट तथा आम, अलूचे, मूली, कमलककडी में भी मैग्नेशियम पाया जाता है। व्यायाम : नियमित व्यायाम आहर द्वारा प्राप्त पौष्टिक तथा संक्रमण से लडनेवाले सेल्स के लगातार फ्लो को बनाए रखता है तथा अनावश्यक तत्वों को शरीर से निकलने में मदद करता है। रहें स्ट्रेस फ्री : स्ट्रेस के कारण हमारी इम्यूनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) प्रभावित होती है। अत: यथासंभव रिलेक्स रहने की कोशिश करें। मेडिटेशन, योग, प्राणायाम आदि को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।  हाइजेनिक रहें : हाइजीन का पूरा-पूरा ख्याल रखें। बाहर खाना खाने से पहले खाद्य पदार्थ का सही निरीक्षण करें और अपने हाथों को अच्छी तरह से साफ करें।   इन जडी-बूटियों को भी आहार में शामिल करें। मुलैठी : चाइनीज औषाधियों में मुलैठी का अधिक प्रयोग होता है। ये हर्बल औषधि उपचार के प्रभाव को बढाती है, इसलिए मुलैठी रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढाने में सहायक है।
अश्वगंधा : इसमें एंटीबेक्टीरियल गुण हैं, इसीलिए ये हमारे इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाता है।
इलायची : हर्बल उपचार में काम आती है। फ्लेवर के साथ-साथ रोगप्रतिरोधक क्रियाओं में भी सहायक है।
चाय : हॉवर्ड मूडिकल स्कूल के एक अध्ययन के अनुसार चाय में निहित केमिकल संक्रमण से लडने व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने में सहायक है। इसके अलावा विभिन्न प्रकार की हर्बल टी भी संक्रमण से शरीर का बचाव करती है।
health,dite,

Mixed Bag

Ifairer