इन श्रृंगारों के बिना अधूरा माना जाता है हरतालिका तीज, व्रत से पहले जानें
By: Team Aapkisaheli | Posted: 23 Aug, 2025
हरतालिका तीज एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखी दांपत्य जीवन के लिए व्रत रखती हैं और भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। श्रृंगार के बिना हरतालिका तीज का व्रत अधूरा माना जाता है, इसलिए महिलाएं इस दिन सोलह श्रृंगार करती हैं। इन सभी चीजों को पहनकर महिलाएं अपने श्रृंगार को पूरा करती हैं और भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं।
बिंदी
बिंदी माथे पर लगाई जाती है और यह सौभाग्य का प्रतीक है। यह महिलाओं के चेहरे की सुंदरता को बढ़ाती है और हरतालिका तीज के श्रृंगार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। बिंदी लगाने से महिलाओं को आध्यात्मिक और सौंदर्य दोनों दृष्टिकोण से लाभ होता है।
सिंदूर
सिंदूर विवाहित महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसे मांग में भरने से सुहागिन महिला के वैवाहिक जीवन के संकेत के रूप में देखा जाता है। सिंदूर लगाने से पति की लंबी आयु और सुखी दांपत्य जीवन की कामना की जाती है।
मेहंदी
मेहंदी हाथों और पैरों में लगाई जाती है और यह पारंपरिक पहनावे का महत्वपूर्ण हिस्सा है। मेहंदी का गहरा रंग पति के प्रति प्रेम और सौभाग्य का प्रतीक होता है।
चूड़ियाँ
चूड़ियाँ हाथों में पहनी जाती हैं और सुहाग का प्रतीक मानी जाती हैं। चूड़ियों का खनक महिलाओं की सुंदरता को और बढ़ा देता है।
पायल
पायल पैरों में पहनी जाती है और श्रृंगार का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके खनक से वातावरण में राग की ध्वनि गूंज उठती है।
नथ
नथ नाक में पहना जाने वाला आभूषण है और यह पारंपरिक भारतीय आभूषणों में से एक है। नथ पहनने से महिलाओं की सुंदरता में चार चाँद लग जाते हैं।
कमरबंद
कमरबंद कमर में पहना जाता है और यह श्रृंगार का अहम हिस्सा है। कमरबंद पहनने से महिलाओं की सुंदरता और आकर्षण बढ़ता है।
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