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क्या बच्चे नहीं सुनते हैं आपकी बात, तो करें ये काम नहीं करेंगे मनमानी

By: Team Aapkisaheli | Posted: 06 Sep, 2025

क्या बच्चे नहीं सुनते हैं आपकी बात, तो करें ये काम नहीं करेंगे मनमानी
बच्चे अक्सर हमारी बात नहीं सुनते हैं, जिससे हमें लगता है कि वे हमारी बातों को अनदेखा कर रहे हैं। लेकिन ऐसा नहीं है, बच्चे अपनी उम्र और समझ के अनुसार बातें समझते हैं और प्रतिक्रिया देते हैं। कभी-कभी बच्चे अपनी भावनाओं और जरूरतों के कारण हमारी बातों को नहीं सुनते हैं। बच्चों को समझने और उनकी बात सुनने के लिए हमें धैर्य और सहानुभूति की आवश्यकता होती है। हमें बच्चों से बात करते समय उनकी उम्र और समझ का ध्यान रखना चाहिए और उन्हें सरल और स्पष्ट तरीके से समझाना चाहिए।
स्पष्ट और सुसंगत नियम बनाना
पेरेंट्स को बच्चों के लिए स्पष्ट और सुसंगत नियम बनाने चाहिए। इससे बच्चों को पता चलता है कि क्या सही है और क्या गलत। नियमों को स्पष्ट और सुसंगत बनाने से बच्चे अनुशासन और जिम्मेदारी की भावना विकसित करते हैं। पेरेंट्स को नियमों को लागू करने में भी सुसंगत रहना चाहिए, ताकि बच्चे नियमों का पालन करने की आदत डाल सकें।

बच्चों की बात सुनना और समझना
पेरेंट्स को बच्चों की बात सुननी और समझनी चाहिए। इससे बच्चे महसूस करते हैं कि उनकी बात सुनी जा रही है और उनकी भावनाओं का सम्मान किया जा रहा है। बच्चों की बात सुनने और समझने से पेरेंट्स बच्चों की जरूरतों और भावनाओं को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।

सकारात्मक अनुशासन का उपयोग करना
पेरेंट्स को सकारात्मक अनुशासन का उपयोग करना चाहिए। इससे बच्चे अनुशासन और जिम्मेदारी की भावना विकसित करते हैं और उनकी आत्म-सम्मान और आत्म-विश्वास बढ़ता है। सकारात्मक अनुशासन में बच्चों को अच्छे व्यवहार के लिए प्रोत्साहित करना और उनकी गलतियों को सुधारने में मदद करना शामिल है।

बच्चों को विकल्प देना
पेरेंट्स को बच्चों को विकल्प देना चाहिए। इससे बच्चे अपनी पसंद और नापसंद के बारे में सीखते हैं और अपनी निर्णय लेने की क्षमता विकसित करते हैं। बच्चों को विकल्प देने से पेरेंट्स बच्चों को अधिक आत्मनिर्भर और जिम्मेदार बना सकते हैं।

बच्चों की भावनाओं का सम्मान करना
पेरेंट्स को बच्चों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। इससे बच्चे महसूस करते हैं कि उनकी भावनाएं महत्वपूर्ण हैं और उनका सम्मान किया जा रहा है। बच्चों की भावनाओं का सम्मान करने से पेरेंट्स बच्चों को अधिक आत्मविश्वासी और भावनात्मक रूप से मजबूत बना सकते हैं।

बच्चों के साथ समय बिताना
पेरेंट्स को बच्चों के साथ समय बिताना चाहिए। इससे बच्चे महसूस करते हैं कि वे महत्वपूर्ण हैं और उनके पेरेंट्स उनकी परवाह करते हैं। बच्चों के साथ समय बिताने से पेरेंट्स बच्चों के साथ मजबूत संबंध बना सकते हैं और उनकी जरूरतों और भावनाओं को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं।

#उफ्फ्फ! ऐश ये दिलकश अदाएं...


Do your children not listen to you, Listening to and understanding children, using positive discipline, Spending time with children

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