मां बाप की आदतों से बच्चे बन जाते हैं डरपोक, खुलकर नहीं कह पाते बातें
By: Team Aapkisaheli | Posted: 30 May, 2025
मां-बाप की आदतें और व्यवहार बच्चों पर गहरा प्रभाव डालते हैं। यदि मां-बाप डरपोक या चिंतित स्वभाव के होते हैं, तो बच्चे भी उन्हीं आदतों को अपना सकते हैं। मां-बाप के व्यवहार को देखकर बच्चे सीखते हैं और अपने जीवन में उसे लागू करते हैं। यदि मां-बाप हर छोटी बात पर डर या चिंता व्यक्त करते हैं, तो बच्चे भी उसी तरह की प्रतिक्रिया करने लगते हैं। इससे बच्चों में आत्मविश्वास की कमी हो सकती है और वे डरपोक स्वभाव के हो सकते हैं। इसलिए, मां-बाप को अपने बच्चों के सामने सकारात्मक और आत्मविश्वासी व्यवहार प्रदर्शित करना चाहिए। इससे बच्चे भी आत्मविश्वासी और साहसी बनेंगे और जीवन की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होंगे।
अत्यधिक सुरक्षामां-बाप की अत्यधिक सुरक्षा की आदत बच्चों को डरपोक बना सकती है। जब मां-बाप बच्चों को हर खतरे से बचाने की कोशिश करते हैं और उन्हें स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने की अनुमति नहीं देते हैं, तो बच्चे आत्मविश्वास की कमी महसूस कर सकते हैं। इससे बच्चे अपने निर्णयों पर संदेह करने लगते हैं और नई चीजों को आजमाने से डरते हैं। मां-बाप को बच्चों को स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने की अनुमति देनी चाहिए और उन्हें अपने अनुभवों से सीखने का मौका देना चाहिए।
नकारात्मक बातेंमां-बाप की नकारात्मक बातें बच्चों को डरपोक बना सकती हैं। जब मां-बाप बच्चों के सामने नकारात्मक बातें करते हैं और उन्हें डराने वाली कहानियां सुनाते हैं, तो बच्चे डर और चिंता महसूस कर सकते हैं। इससे बच्चे अपने आसपास की दुनिया को खतरनाक और अनिश्चित मानने लगते हैं। मां-बाप को बच्चों के सामने सकारात्मक और उत्साहजनक बातें करनी चाहिए और उन्हें आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करनी चाहिए।
अत्यधिक आलोचनामां-बाप की अत्यधिक आलोचना बच्चों को डरपोक बना सकती है। जब मां-बाप बच्चों की हर छोटी गलती पर आलोचना करते हैं और उन्हें नकारात्मक प्रतिक्रिया देते हैं, तो बच्चे आत्मविश्वास की कमी महसूस कर सकते हैं। इससे बच्चे अपने निर्णयों पर संदेह करने लगते हैं और नई चीजों को आजमाने से डरते हैं। मां-बाप को बच्चों की गलतियों को सकारात्मक तरीके से सुधारने में मदद करनी चाहिए और उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए।
डरावनी कहानियांमां-बाप की डरावनी कहानियां बच्चों को डरपोक बना सकती हैं। जब मां-बाप बच्चों को डरावनी कहानियां सुनाते हैं और उन्हें डराने की कोशिश करते हैं, तो बच्चे डर और चिंता महसूस कर सकते हैं। इससे बच्चे अपने आसपास की दुनिया को खतरनाक और अनिश्चित मानने लगते हैं। मां-बाप को बच्चों को सकारात्मक और शैक्षिक कहानियां सुनानी चाहिए और उन्हें आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करनी चाहिए।
आत्मविश्वास की कमीमां-बाप की आत्मविश्वास की कमी बच्चों को डरपोक बना सकती है। जब मां-बाप खुद आत्मविश्वास की कमी महसूस करते हैं और बच्चों के सामने अपने डर और चिंताएं व्यक्त करते हैं, तो बच्चे भी उसी तरह की प्रतिक्रिया करने लगते हैं। मां-बाप को अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने और बच्चों के सामने सकारात्मक व्यवहार प्रदर्शित करने का प्रयास करना चाहिए। इससे बच्चे भी आत्मविश्वासी और साहसी बनेंगे।
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