फिल्म समीक्षा :
बैनर : धर्मा प्रोडक्शन
निर्माता : करण जौहर
निर्देशक : करण मल्होत्रा
संगीत : अजय-अतुल
कलाकार : ऋतिक रोशन, संजय दत्त, प्रियंका चोपडा, ऋषि कपूर, ओम पुरी, जरीना बहाव, कनिका तिवारी
-राजेश कुमार भगताणी
ऎसा पहली बार हुआ जब किसी रीमेक को देखने के बाद निर्माता निर्देशक के उस दावे पर उनकी पीठ थपथपाने का मन हुआ जिन्होंने कहा था कि हमारी फिल्म मूल फिल्म से हटकर है। हालांकि कथानक वही है लेकिन लेखक निर्देशक करण मल्होत्रा ने अपनी पटकथा में इतना फेरबदल किया है कि उसे देखकर ऎसा लगता ही नहीं कि हम कोई 22 साल पहले बनी फिल्म का रीमेक देख रहे हैं। इस फिल्म को देखते वक्त मन में वही अहसास होता है जो किसी नई फिल्म को देखते वक्त होता है।
दमदार कथा-पटकथा, संवाद के साथ कलाकारों का बेहतरीन अभिनय फिल्म "अग्निपथ" (2012) में चार चांद लगाते हैं। अपने पिता यश जौहर की बनाई "अगि्नपथ" को श्रद्धांजलि दी है करण जौहर ने नई "अगि्नपथ" के जरिए। जब से इस फिल्म की निर्माण प्रक्रिया शुरू हुई तभी से ऋतिक रोशन की तुलना अमिताभ बच्चन से की जाने लगी थी। लेकिन इस फिल्म में जिस अंदाज में ऋतिक रोशन ने विजय दीनानाथ चौहान के किरदार को निभाया है वह बेमिसाल है। उन्होंने जिस खोमाशी और भाव भंगिमाओं के साथ इस चरित्र को जिया है उसे देखकर यह कहना बल्कि दावा करना सही होगा कि अमिताभ बच्चन के बाद कौन का जवाब हैं ऋतिक रोशन। "अग्निपथ" में ऋतिक एक सम्पूर्ण कलाकार के रूप में उभरते हैं। वे अब पहले से कहीं ज्यादा परिपक्व दिखाई दे रहे हैं। संजय दत्त ने अपने 32 सालों के अभिनय करियर में शायद ही कभी ऎसा किरदार निभाया होगा जो उन्होंने करण जौहर की "अगि्नपथ" में निभाया है। हालांकि वे अपनी युवावस्था में "नाम" के जरिये वो छाप छोड चुके हैं जो अब "अगि्नपथ" के सामने दबी हुई नजर आती है। संजय दत्त के अभिनय करियर में यह फिल्म मील का पत्थर साबित होगी। इस फिल्म में उन्होंने खलनायकी को नए अंदाज में पेश किया है। आने वाले समय में खल चरित्र निभाने वाले अदाकार उनके अभिनय को प्रशिक्षण शाला के रूप में देखेंगे। क्रूर कांचा के रूप में संजय दत्त ने बॉलीवुड के उन दिग्गज खलनायकों की श्रेणी में स्वयं को शामिल करवा लिया है जिनके बिना बॉलीवुड का इतिहास अधूरा नजर आता है। उनका खतरनाक गेटअप, अभिनय, मुस्कराहट और गुस्सा सभी कुछ कांचा चीना के किरदार को नई ऊंचाई पर ले जाता है। ऋषि कपूर कल किसने देखा है में खल पात्र निभा चुके हैं लेकिन इस फिल्म में उन्होंने जो कुछ किया है वह कभी नहीं किया है। रउफ लाला के रूप में ऋषि कपूर ने दर्शकों को चौंकाया है। ऋषि कपूर जमीन से जुडे अदाकार हैं। वे मिट्टी पकड पहलवान हैं जो यह जानता है कि कौन से दाव से किस पहलवान को कहा पटखनी दी जा सकती है। यह कहना गलत न होगा कि इस फिल्म के बाद ऋषि कपूर के पास खल पात्रों के प्रस्तावों का ढेर लग जाएगा। वैसे भी इन दिनों बॉलीवुड में खलनायक की वापसी हो चुकी है ऎसे में अब अगर संजय दत्त और ऋषि कपूर प्रकाश राज के साथ खलनायकों की तिकडी बनाने में कामयाब हो जाएं तो कोई आश्चर्य नहीं होगा।
इस फिल्म के मुख्य किरदारों के बाद चरित्र भूमिकाओं में आए किरदारों पर एक नजर डाली जाए तो ओमपुरी व जरीना बहाव का जिक्र करना जरूरी हो जाता है। एक अरसे बाद परदे पर दिखाई देने वाले ओमपुरी ने अपनी भाव भंगिमाओं के जरिए जो अदाकारी पेश की है वह हैरान करने वाली है। माई नेम इज खान के बाद जरीना बहाव को परदे पर काम करते हुए देखकर अच्छा लगा। उन्होंने अपनी भूमिका को सहजता के साथ निभाया है। फिल्म के एक मुख्य किरदार काली के रूप में नजर आने वाली प्रियंका चोपडा को लम्बी भूमिका मिली है लेकिन वे अपनी भूमिका में वो बात पैदा नहीं कर पाई हैं जो इस भूमिका की जरूरत थी। हालांकि उन्होंने कोशिश की है लेकिन वे ऋतिक, संजय और ऋषि कपूर के अभिनय के सामने दब गई हैं।
किशोरावस्था के विजय का किरदार निभाने वाले अरिश भिवंडीवाला का काम अच्छा लेकिन वह उतना प्रभाव नहीं छोड पाते जितना मूल फिल्म के बालक मंजू नाथ ने छोडा था। इस फिल्म के जरिए बॉलीवुड में हवा के ताजा झोंके की तरह करण जौहर ने कनिका तिवारी नामक बालिका को पेश किया है जिसने बहुत कम संवाद के बावजूद अपनी पहली फिल्म में जिस अंदाज में अदायगी की है वह बेमिसाल है। अगर इस बालिका को आगे फिल्मों में अच्छे किरदार मिले तो निश्चित रूप से यह बॉलीवुड की उन अदाकारों में अपना नाम शामिल करवाएंगी जिनका जिक्र हर नायिका के साथ किया जाता है। अभिनय के साथ-साथ फिल्म का संगीत पक्ष दर्शकों को रोमांचित करता है। फिल्म के गीत पहले से ही लोगों की जुबान पर चढ चुके हैं। ऋतिक रोशन और प्रियंका चोपडा पर बारिश में फिल्माया गया सूफिया गीत अदालती आदेश के बाद फिल्म से हटा दिया गया है लेकिन प्रोमोज में अभी भी यह गीत दिखाया जा रहा है। वैसे यह कहना गलत न होगा कि यही एक मात्र ऎसा गीत था जो श्रोताओं के मन को अन्दर तक छूता है। लेकिन श्रोताओं और दर्शकों को आकर्षित करता है कैटरीना कैफ पर फिल्माया गया "चिकनी चमेली"। इस गीत में कैटरीना की एनर्जी देखते ही बनती है। जिस तेजी के साथ उन्होंने अपनी शारीरिक लोच को पेश किया है वह अद्भुत है। फिल्म के लिए चिकनी चमेली प्लस पाइंट है।
कहानी है मुम्बई के समुद्र किनारे के दूसरे छोर पर बसे छोटे से टापू गांव मांडवा की, जहां विजय दीनानाथ चौहान (ऋतिक रोशन) का बचपन गुजरता है। उसके पिता मास्टर दीनानाथ चौहान (चेतन पंडित) उसे जीवन के सच से वाकिफ कराते हैं और बताते हैं कि सच के लिए लडने वालों को किस तरह से "अग्निपथ" से होकर गुजरना पडता है। लेकिन विजय का जीवन इतना आसान नहीं है। उसके परिवार की खुशियों पर ड्रग माफिया कांचा (संजय दत्त) की नजर लग जाती है। क्रूर कांचा विजय के पिता की मौत का कारण बनता है। गर्भवती मां के साथ विजय गांव छोडकर मुंबई आ जाता है। लेकिन उसका अब एक ही लक्ष्य है- मांडवा में वापस जाना और पिता, परिवार के खोए सम्मान को फिर हासिल करना।मुंबई का गैंगस्टर रउफ लाला (ऋषि कपूर) उसे अपनी गैंग में शामिल करता है। अपने मकसद को पाने और मांडवा वापस लौटने के लिए विजय मुंबई के अपराध जगत में तेजी से उभरता है। अपने मकसद को पाने के लिए वह कई रिश्ते बनता है वहीं कई रिश्तों को तोडता भी है। काली (प्रियंका चोपडा) विजय की सबसे अच्छी दोस्त है और वह हर समय, हर मोड पर विजय का साथ निभाती है। फिर एक वक्त आता है जब विजय मांडवा लौटता है। विजय के मांडवा लौटने के बाद जिस अंदाज में कथानक मोड लेता है उसे देखते हुए दर्शक चौंकने लगते हैं।
लेखक निर्देशक करण मल्होत्रा ने अपनी पहली फिल्म से दर्शकों पर अपनी निर्देशकीय क्षमता की वो छाप छोडी है जिसे भुलाना दर्शकों के लिए बेहद मुश्किल होगा। फिल्म का एक-एक दृश्य उन्होंने उसी तरह से फिट किया है जिस तरह से फ्रेम में फोटो की जाती है। "अगि्नपथ" देखने के बाद ऎसा महसूस ही नहीं होता कि यह किसी निर्देशक की पहली फिल्म है। पटकथा के हर किरदार को उन्होंने पूरी जीवंतता के साथ परदे पर उतारा है। यहाँ तक कि उन्होंने छोटी सी भूमिका में रउफ लाला के बेटे को भी पूरी शिद्दत और गम्भीरता के साथ दृश्यों की माला में पिरोया है। कुल मिलाकर 2012 की "अग्निपथ" 1990 में आई मूल फिल्म को सटीक श्रद्धांजलि देती है। कमाल के अभिन्य के साथ ऋतिक रोशन बॉलीवुड के 100 करोड के उस क्लब में शर्तिया रूप से शामिल होते हैं जहां अब तक सलमान खान, आमिर खान, अजय देवगन, करीना कपूर और विद्या बालन शामिल हैं।