रक्षा से लेकर रणनीतिक गठबंधन के लिए मोदी जाएंगे यूएस, ओबामा कर रहे स्वागत की तैयारी

By: Team Aapkisaheli | Posted: 15 , 2014

रक्षा से लेकर रणनीतिक गठबंधन के लिए मोदी जाएंगे यूएस, ओबामा कर रहे स्वागत की तैयारी
अमेरिका को उम्मीद है भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूएस यात्रा द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों में बेहतरी लेकर आएगी। ऎसे में अमेरिका नरेंद्र मोदी के स्वागत-सत्कार की तैयारियों में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखना चाहता। उम्मीद की जा रही है कि इस यात्रा से द्विपक्षीय व्यापारिक और आर्थिक संबंधों के नए रास्ते खुलेंगे। प्रधानमंत्री 29 सितंबर को वाशिंगटन पहुंचेंगे।

इससे पहले वह न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के वाषिर्क अधिवेशन में भाग लेंगे। मोदी की यात्रा की तैयारियों से जु़डे सूत्रों ने बताया कि मोदी और ओबामा के बीच वाशिंगटन में दो दिन बातचीत होगी। इससे रक्षा और रणनीतिक गठबंधन, अंतरिक्ष विज्ञान और आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के संबंध में द्विपक्षीय संबंधों को नए आयाम मिलने की उम्मीद है।

तय कार्यRम के मुताबिक, ओबामा पहले 29 सितंबर को प्रधानमंत्री के साथ एक छोटे रात्रिभोज समारोह में मिलेंगे, जहां कुछ काम की बात होगी। अमेरिकी राष्ट्रपति इस तरह का भोज किसी विदेशी नेता के लिए कभी कभार ही देते हैं। इसी मुलाकात में अगले दिन दोनों के बीच व्हाइट हाउस में होने वाली बैठक की पृष्ठभूमि तैयार होगी। मोदी की जीत के बाद ओबामा ने उन्हें बधाई दी थी और वाशिंगटन आने का न्यौता दिया था।

उसके बाद दोनों के बीच फोन पर कोई बातचीत नहीं हुई, लेकिन दोनों के बीच पत्र का आदान-प्रदान होता रहा है। ओबामा पिछले कुछ समय से सीरिया, इराक, ईरान, ईजराइल-फिलीस्तीन और यूRेन की घटनाओं में उलझे हुए हैं। मोदी सरकार के शुरूआती 100 दिनों में उठाए गए कदमों से ओबामा प्रशासन उत्साहित है। अमेरिका भारत को एशिया प्रशांत क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण और रणनीतिक भागीदार के रूप में देखता है और एक मजबूत, समृद्ध भारत को अपने हितों की दृष्टि से उपयुक्त पाता है।

समझा जा रहा है कि अमेरिका के कई सांसदों ने ओबामा से इस यात्रा के दौरान अमेरिकी संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करने के लिए मोदी को आमंत्रण भेजने का आग्रह किया था, लेकिन यह संभव नहीं हो सका क्योंकि यहां नवंबर में चुनाव होने हैं। मोदी के न्यूयॉर्क और वाशिंगटन प्रवास के दौरान उनसे मुलाकात के लिए अमेरिकी व्यवसायिक समुदाय से भी कई अनुरोध प्राप्त हुए हैं और प्रधानमंत्री प्रमुख अमेरिकी उद्योगपतियों से मुलाकात कर सकते हैं।

गौरतलब है कि 2005 में अमेरिका के विदेश विभाग ने 2002 के गुजरात दंगों के संदर्भ में मोदी का वीजा वापस ले लिया था। मोदी ने उसके बाद कभी अमेरिका वीजा के लिए आवेदन नहीं किया।

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