सत्यम् महेन्द्रा फिर लेगी अदालत की शरण

By: Team Aapkisaheli | Posted: 13 Jun, 2012

शाहरूख का महिलाओं का सम्मान, शुरूआत दीपिका से करेंगे!
सत्यम् महेन्द्रा फिर लेगी अदालत की शरण
नई दिल्ली। आईटी परामर्श और सेवा कंपनी महिंद्रा सत्यम (पूर्व में सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज लिमिटेड) आईएलऎडएफएस मामले में जल्द ही कानूनी प्रçRया को अंतिम रूप दे सकती है। इसके तहत आईएलऎंडएफएस इंजीनियरिंग ऎंड कंस्ट्रक्शन समूह की कंपनी आईएलऎंडएफएस फाइनैंशियल सर्विसेज ने कंपनी पर 1,230 करोड रूपये के दायित्व से बचने का आरोप लगाया था। सत्यम के संस्थापक और उनके परिवार के सदस्यों ने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में दावा किया है कि कंपनी के खातों में यह बात साफ तौर पर फिर नहीं कही गई है कि सत्यम पर उन लोगों के जरिए स्थापित की गई कंपनियों का 1,230 करोड रूपए बकाया है। राजू ने कुल 35 कंपनियां बनाई थीं। राजू परिवार के वकील एस निरंजन रेड्डी ने बताया, इसमें वित्तीय गडबडियों के अलावा कुछ भी नहीं है। इस जंग में आईएलएंडएफएस इंजीनियरिंग भी कूद पडी है। कंपनी ने हाई कोर्ट में यह कहते हुए अलग से याचिका दाखिल की है कि सत्यम के नए मालिक पर उसके 650 करोड रूपए बकाया हैं। आईएलएंडएफएस इंजीनियरिंग की दलील है कि अब वे ही उन दोनों कंपनियों के मालिक हैं, जिसने एक समय देश की चौथी सबसे बडी एक्सपोर्टर कही जाने वाली कंपनी (सत्यम) को पैसे उधार दिए थे। अप्रैल 2009 में टेक महिंद्रा ने सरकारी सहयोग से आयोजित नीलामी में सत्यम का नियंत्रण अपने हाथ में लिया था। इससे कुछ महीने पहले कंपनी के संस्थापक रामलिंगा राजू ने यह स्वीकार किया था कि उनके खातों में कम से कम से 7,139 करोड रूपए की गडबडी की गई है। राजू ने यह भी कहा था कि उन्होंने अपने रिश्तेदार की फमोंü से 1,230 करोड रूपए उधार लिए हैं। राजू परिवार के मालिकाना हक वाली दो रियल एस्टेट कंपनियों- मेटास इन्फ्रास्ट्रक्चर और मेटास प्रॉपर्टीज को इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन फर्म आईएलएंडएफएस ने खरीदा था। टेक महिंद्रा अब सत्यम का विलय कर 2.4 अरब डॉलर की एक इकाई बनाने की तैयारी में है। इस मर्जर के जरिए आईटी सर्विसेज मार्केट में इस कंपनी का कद बढेगा। राजू परिवार की आपत्ति है कि सत्यम को 1,230 करोड लायबिलिटी की तरह दिखानी चाहिए और इसके भुगतान के लिए प्रोविजनिंग की जानी चाहिए। रेड्डी ने कहा, अगर सत्यम को टेक महिंद्रा के साथ मर्ज करना है, तो सभी सत्यम की सभी लायबिलिटीज को टेक महिंद्रा को सौंपना होगा, ताकि क्रेडिटर्स समेत कंपनी के सभी स्टेकहोल्डरों के अधिकार सुरक्षित रह सकें। सत्यम के एक अधिकारी ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय इस मामले की जांच कर रहा था। जांच एजेंसी ने अगले आदेश तक कंपनी को 35 इकाइयों के दावों के भुगतान नहीं करने का निर्देश दिया है। कंपनी से इस राशि को अमाउंट्स पेंडिंग इनवेस्टिगेशन सस्पेंस एकाउंट में रखने के लिए कहा गया है। नाम जाहिर न करने की शर्त पर महिंद्रा सत्यम के एक अधिकारी ने कहा, हम अपने वकीलों से परामर्श के बाद नियत समय पर उचित कार्रवाई (कानूनी) करेंगे। फिलहाल हम इसमें उलझना नहीं चाहते हैं क्योंकि यह मामला पहले ही अदालत में लंबित है। हम अदालत द्वारा निर्देश देने तक इंतजार करेंगे। इसमें (कानूनी कार्रवाई) थोडा वक्त लगेगा, संभवत: अगले सप्ताह तक। महिंद्रा सत्यम का शेयरधारक होने के नाते आईएलऎंडएफएस फाइनैंशियल सर्विसेज ने वित्तीय लेनदेन से संबंधित कई मुद्दों पर कई सवाल खडे किए थे जिसमें कंपनी की बैलेंस शीट पर दिखाए गए 1,230 करो़ड रूपये का दायित्व भी शामिल है।
शाहरूख का महिलाओं का सम्मान, शुरूआत दीपिका से करेंगे!Next

Mixed Bag

Ifairer