सकुशल है अगवा हुए कलेक्टर

By: Team Aapkisaheli | Posted: 26 Apr, 2012

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सकुशल है अगवा हुए कलेक्टर
रायपुर। माओवादियों द्वारा गत 21 अप्रैल को अगवा किए गए सुकमा के जिलाधिकारी एलेक्स पाल मेनन के पास दवा पहुंच गई है। अब उनकी सेहत ठीक है। वाम नेता मनीष कुंजाम ने दमे की दवाईयां पहुंचाने के बाद बताया कि हालांकि उनकी माओवादियों द्वारा अगवा किये गये कलेक्टर एलेक्स पाल मेनन से मुलाकात तो नहीं हो सकी लेकिन जरूरी दवाईयां उनतक जरूर पहुंच गयी हैं। उन्होंने कहा कि मेनन सकुशल हैं। आशा की जा रही है कि उनकी रिहाई के लिए गुरूवार से बातचीत शुरू हो जाएगी। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के वरिष्ठ नेता और आदिवासी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष कुंजम ने सुकमा पहुंचने से पहले रामाराम गांव में संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने कलेक्टर मेनन तक दवा पहुंचा दी है और वह स्वस्थ हैं। उन्होंने कहा, उनका काम सिर्फ कलेक्टर तक दवा पहुंचाना था और उन्होंने अपना काम कर दिया है। हालांकि कुंजम कलेक्टर से मिल नहीं सके हैं, मगर उन्होंने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि कलेक्टर स्वस्थ हैं। कुंजम ने कहा कि चूंकि वह इस मामले में मध्यस्थता नहीं कर रहे हैं इसलिए यह नहीं बता सकते कि नक्सलियों की आगे की रणनीति क्या होगी। उनसे पूछा गया कि क्या उनके पास कलेक्टर मेनन की पत्नी के लिए कोई संदेश है, तो उन्होंने कहा कि यह जानकारी वह सिर्फ मेनन की पत्नी आशा मेनन को ही देंगे। इसके बाद वह सुकमा रवाना हो गए। भाकपा ने नेता बताया कि वह 25 तारीख की रात ही सुकमा पहुंचने वाले थे मगर मेसमा गांव में ग्रामीणों ने आग्रह कर उन्हें रोक लिया था। इधर माओवादियों की ओर से मध्यस्थता कर रहे पूर्व अनुसूचित जनजाति आयुक्त बीडी शर्मा रायपुर पहुंच चुके हैं वहीं, प्रोफेसर हरगोपाल के दोपहर बाद रायपुर पहुंचने की संभावना है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ के सुकमा जिले के कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन के शनिवार को अपहरण के बाद माओवादियों ने बताया था कि उनका स्वास्थ्य काफी खराब है और मध्यस्थों के जरिए उनके लिए दवा मंगाई थी। इस दौरान माओवादियों ने बीडी शर्मा के साथ ही प्रशांत भूषण और कुंजम का भी नाम मध्यस्थों के रूप में आगे किया था, लेकिन भूषण और कुंजम ने मध्यस्थता करने से इनकार कर दिया था। बाद में कुंजम ने मेनन के लिए दवा पहुंचाने को राजी हो गए थे और 24 अप्रैल की शाम दवा लेकर ताडमेटला के जंगल की ओर रवाना हो गए थे। कुंजम की वापसी का इंतजार राज्य शासन, कलेक्टर की पत्नी आशा मेनन और मीडिया समेत सभी को था ताकि कलेक्टर मेनन के बारे में सही जानकारी मिल सके। इधर राज्य सरकार की तरफ से नियुक्त वार्ताकार मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच एवं छत्तीसगढ के पूर्व मुख्य सचिव सुयोग्य कुमार मिश्रा ने बुधवार रात मुख्यमंत्री रमन सिंह की अध्यक्षता में गठित मंत्रिमंडलीय उप समिति के साथ इस मसले पर सरकार के रूख की जानकारी ली। नक्सलियों की तरफ से घोषित दो वार्ताकारों में से एक बस्तर के पूर्व कलेक्टर बीडी शर्मा भी पहुंच चुके हैं। जबकि दूसरे वार्ताकार प्रोफेसर हरगोपाल के हैदराबाद से दोपहर बाद पहुंचने की संभावना है। आशा है कि दोनों पक्षों के वार्ताकार शाम तक शुरूआती बातचीत शुरू कर देंगे। राज्य सरकार की कोशिश है कि बातचीत राजधानी रायपुर में ही हो लेकिन इस बारे में नक्सलियों के वार्ताकारों से भी चर्चा करके अन्तिम निर्णय लिया जाएगा।
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