जियो के 6 साल पूरे, 100 गुना बढ़ी डाटा की खपत, 5जी लॉन्च के बाद 2 गुना और बढ़ने की उम्मीद
By: Team Aapkisaheli | Posted: 05 , 2022
नई दिल्ली । टेलीकॉम सेक्टर की दिग्गज कंपनी रिलायंस जियो, 5 सितंबर 2022
को अपने लॉन्च की 6ठी सालगिरह मना रहा है। इन 6 वर्षों में टेलीकॉम
इंडस्ट्री ने औसतन प्रतिव्यक्ति प्रतिमाह डाटा की खपत में 100 गुना से भी
अधिक की वृद्धि दर्ज की है। ट्राई के मुताबिक, जियो के लॉन्च से पहले हर
भारतीय ग्राहक एक महीने में मात्र 154 एमबी डाटा इस्तेमाल किया करता था। अब
डाटा खपत का आंकड़ा 100 गुना बढ़कर 15.8 जीबी प्रतिमाह प्रतिग्राहक के
आश्चर्यजनक स्तर पर जा पहुंचा है। उधर जियो यूजर्स हर महीने करीब 20 जीबी
डाटा इस्तेमाल करते हैं जो इंडस्ट्री के आंकड़े से कहीं अधिक है।
मुकेश
अंबानी ने दीवाली तक 5जी लॉन्च की घोषणा कर दी है। 5जी लॉन्च के बाद डाटा
खपत में खासा उछाल देखने को मिल सकता है। हालिया जारी एरिक्सन मोबिलिटी
रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि 5जी आने के बाद डाटा खपत अगले तीन साल
में 2 गुना से भी अधिक बढ़ जाएगी। जानकारों का मानना है कि 5जी तकनीक की
हाई परफॉर्मेंस और हाई स्पीड की बदौलत नए उद्योग धंधे पनपेंगे जो बड़ी
संख्या में यूजर्स को अपनी तरफ आकर्षित करेंगे। साथ ही वीडियो की मांग में
भी तेज वृद्धि संभव है। जिससे डाटा की मांग और भी बढ़ेगी।
4जी
तकनीक और स्पीड में रिलायंस जियो का रिकॉर्ड शानदार रहा है। अब 5जी को लेकर
भी कंपनी के बड़े प्लान सामने आ रहे हैं। कनेक्टिड ड्रोन, कनेक्टिड
एंबुलेंस- अस्पताल, कनेक्टिड खेत-खलिहान, कनेक्टिड स्कूल-कॉलेज, ईकॉमर्स
ईज,अविश्वसनीय स्पीड पर-एंटरटेनमेंट, रोबोटिक्स, क्लाउड पीसी, इमर्सिव
टेक्नोलॉजी के साथ वर्चुअल थिंग्स जैसी तकनीकों में कंपनी महारथ हासिल कर
रही है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने 6 साल
पहले जब जियो लॉन्च किया था तो किसी को गुमान न था कि लॉन्च के चंद वर्षों
में ही जियो देश की ही नही दुनिया की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनियों में शुमार
हो जाएगी। आज जियो भारत में 41 करोड़ 30 लाख मोबाइल व करीब 70 लाख
जियोफाइबर ग्राहकों के साथ 36% बाजार के हिस्से पर काबिज है। रेवेन्यू के
मामले में इसका हिस्सा 40.3% है। जियो की स्वदेशी 5जी तकनीक की बदौलत, आने
वाले वक्त में क्या बदलाव आएंगे या आ सकते हैं, इसकी तस्वीर कंपनी के पिछले
6 सालों की उपलब्धियों में दिखाई देती है।
6 साल बेमिसाल – किसको कितना हुआ फायदा
1. फ्री कॉलिंग – मोबाइल रखने का खर्च हुआ कम वॉयस
कॉलिंग के बड़े बिल भरने वाले इस देश में जियो ने आउटगोइंग वॉयस कॉल को
फ्री कर दिया और वो भी सभी नेटवर्कस पर, ग्राहकों के लिए यह पहला अनुभव था।
मोबाइल रखना अब पहले से कहीं आसान हो गया है। मोबाइल बिलों में भी भारी
कमी आई है। जियो के आउटगोइंग कॉल फ्री करने से बाकी ऑपरेटरों पर भारी दवाब
बना और उन्हें भी अपनी रणनीति में बदलाव कर दाम कम करने पड़े।
2. दुनिया का सबसे सस्ता डाटा भारत
में ने केवल डाटा की खपत सबसे अधिक है, डाटा की कीमतें भी पिछले 6 सालों
में आसमान से जमीन पर आ गिरी हैं। जियो के लॉन्च के वक्त अपने देश में
ग्राहकों को एक जीबी डाटा के लिए करीब 250 रु चुकाने पड़ते थे। डाटा कीमतों
पर जियो के वार का ही नतीजा है कि आज यानी 2022 में यह 13 रू के आस पास
मिल रहा है। यानी डाटा की कीमतें 6 साल के अंदर करीब 95 फीसदी गिरी हैं। यह
आंकड़ा इसलिए भी बेहद खास है कि दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में डाटा
की कीमतें भारत में सबसे कम हैं।
3. डिजिटल इकॉनमी की रीढ़ - ई कॉमर्स की जानरिलायंस
जियो भारतीय डिजिटल इकॉनमी की रीढ़ बना हुआ है । सरकारी प्रयासों से हासिल
जागरूकता और जियो के सस्ते डाटा ने डिजिटल इकॉनमी में जान फूंक दी है।
जियो के लॉन्च के वक्त यानी सितंबर 21016 में यूपीआई की मार्फत केवल 32.64
करोड़ का ट्रांजैक्शन होता था। अगस्त 2022 आते आते इसमें भारी इजाफा देखने
को मिला आज यूपीआई से 10.72 लाख करोड़ का ट्रांजैक्शन होता है। वजह साफ
है, पिछले 6 सालों में न केवल ब्रॉडबैंड सब्सक्राइबर 19.23 करोड़ (Sept
2016) से बढ़कर करीब 80 करोड़ (June 2022) हो गए वहीं औसत इंटरनेट स्पीड भी
5गुना बढ़कर 5.6 एमबीपीएस (March 2016) से 23.16एमबीपीएस (April 2022) जा
पहुंची।
4. यूनिकॉर्न कंपनियों की बाढ़ आज भारत 105 यूनीकॉर्न
कंपनियों का घर है। जिनका वैल्यूएशन 338 अरब डॉलर से भी अधिक है। जबकि जियो
के लॉन्च से पहले भारत में 4 यूनिकॉर्न कंपनियां ही हुआ करती थी।
यूनीकॉर्न दरअसल उन स्टार्टअप कंपनियों को कहा जाता है जिनका नेटवर्थ 1 अरब
डॉलर को पार कर जाता है। वर्ष 2021 में 44 स्टार्टअप्स ने यूनीकॉर्न
कंपनियों की लिस्ट में अपनी जगह बनाई है। नई बनी यूनीकॉर्न अपनी सफलता का
श्रेय जियो को देती हैं। यूनीकॉर्न कंपनी जूमैटो की शेयर बाजार में बंपर
लिस्टिंग के बाद जोमैटो के संस्थापक और सीईओ दीपिंदर गोयल ने ऑफिशियली जियो
को धन्यवाद दिया था।
5. जियोफोन भारत का पहला 4जी फीचर स्मार्टफोन देश
में करीब 50 करोड़ लोग पुरानी और मंहगी (कॉलिंग के लिए) 2जी तकनीक का
इस्तेमाल केवल इसलिए कर रहे थे क्योंकि उनके पास 4जी तकनीक पर चलने वाले
मंहगे फोन खरीदने के पैसे नही थे या वे बटन वाला फोन ही इस्तेमाल करना
चाहते थे। जियो ने किफायती दरों पर 4जी जियोफोन लॉन्च कर इन दोनों ही
दिक्कतों को दूर कर दिया। जियोफोन भारतीय बाजारों में अबतक का सबसे सफल
मोबाइल फोन साबित हुआ। इसकी 11 करोड़ से अधिक यूनिट बिकी हैं। हाशिए पर रह
रहे करोड़ों लोगों को जियो ने जियोफोन की मार्फत डिजिटल दुनिया से जोड़ा
है।
6. जियोफाइबर – लॉकडाउन का साथी -वर्क फ्रॉम होम- क्लास फ्रॉम होम लॉकडाउन
का दंश झेल रहे देश में जियो की फाइबर सर्विस एक बड़ा सहारा बन कर उभरी
थी। सोचिए लॉकडाउन में अगर इंटरनेट न होता तो हमारी क्या हालत होती। वर्क
फ्रॉम होम, क्लास फ्रॉम होम या ई शॉपिंग जियोफाइबर ने अपनी विश्वसनीय
सर्विस और स्पीड से कोई काम रूकने नही दिया। तीन वर्षों में ही 70 लाख
परिसर जियोफाइबर से जुड़ चुके हैं। वर्क फ्रॉम होम का कल्चर कंपनियों को
ऐसा रास आया कि लॉकडाउन के बाद भी बहुत सी कंपनियां वर्क फ्रॉम होम पर ही
जोर दे रही हैं। जिंदगी आसान बनाने के अलावा जियोफाइबर अप्रत्यक्ष रूप से
रोजगार भी पैदा कर रही है। पिछले कुछ वर्षों में उभरी अनेकों इंटरनेट,
ई-कॉमर्स, होम डिलिवरी और एंटरटेनमेंट कंपनियों ने हजारों- लाखों को काम
दिया है।
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