बीते वित्त वर्ष में ठंडा रहा आईपीओ का बाजार

By: Team Aapkisaheli | Posted: 00 Aug, 0000

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बीते वित्त वर्ष में ठंडा रहा आईपीओ का बाजार
नई दिल्ली। बीते वित्त वर्ष 2011-12 में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) का बाजार ठंडा रहा। इस दौरान कंपनियां सिर्फ 5,800 करो़ड रूपए की राशि ही जुटा पाईं। इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में आईपीओ से जुटाई गई राशि का आंक़डा 82 फीसद नीचे आया है। शेयर बाजारों के पास उपलब्ध आंक़डों के विश्लेषण के बाद पता चलता है कि 31 मार्च, 2012 को समाप्त वित्त वर्ष में 33 भारतीय कंपनियों ने आईपीओ के जरिए कुल 5,808 करो़ड रूपए की राशि जुटाई। वित्त वर्ष 2010-11 में 52 कंपनियों ने आईपीओ से 33,183 करो़ड रूपए की राशि जुटाई थी। दिलचस्प तथ्य यह है कि बीते वित्त वर्ष में आईपीओ के जरिए पूंजी बाजार में उतरने वाली एनबीसीसी एकमात्र सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी रही। एनबीसीसी ने आईपीओ से 120 करो़ड रूपए की राशि जुटाई। वहीं सार्वजनिक क्षेत्र की दो अन्य कंपनियों पावर फाइनेंस कारपोरेशन और तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) ने अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) के जरिए धन जुटाया। पीएफसी ने एफपीओ से 4,660 करो़ड रूपए और ओएनजीसी ने 12,000 करो़ड रूपए जुटाए। वित्त वर्ष के अन्य प्रमुख आरंभिक सार्वजनिक निर्गमों में एलएंडटी फाइनेंस ने 1,245 करो़ड रूपए की राशि जुटाई। गोल्ड लोन कंपनी मुथूट फाइनेंस ने 900 करो़ड रूपए आईपीओ से जुटाए। किशोर बियाणी प्रवर्तित फ्यूचर ग्रूप ने 750 करो़ड रूपए और जिंस एक्सचेंज एमसीएक्स ने 663 करो़ड रूपए आईपीओ के जरिए जुटाए।
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