वित वर्ष 2015-16 का आम बजट थोडी देर में, संसद पहुंचे जेटली

By: Team Aapkisaheli | Posted: 28 Feb, 2015

वित वर्ष 2015-16 का आम बजट थोडी देर में, संसद पहुंचे जेटली
नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरूण जेटली आज साल 2015-16 का बजट पेश करेंगे, जो मोदी सरकार का पहला पूर्ण बजट होगा। बजट पर पूरे देश की निगाह टिकी है और इसमें आम आदमी के हित के लिए कुछ ब़डे कदम उठाए जाने की उम्मीद है। वित्त मंत्री अरूण जेटली आज वित्त वर्ष 2015-16 का आम बजट पेश करेंगे। वे संसद भवन पहुंच चुके है। इससे पहले वे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलने राष्ट्रपति भवन गए थे। यह एनडीए गठबंधन सरकार का पहला पूर्ण बजट होगा। माना जा रहा है कि सरकार बजट में आम आदमी के अनुकूल उपायों की घोषणा कर सकती है तथा साथ ही "मेक इन इंडिया" अभियान को आगे बढ़ाने के प्रबंध करेगी।

यह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार का पहला पूर्ण बजट होगा। चर्चा है कि यह आरपार का बजट होगा। जेटली आज सुबह 11 बजे लोकसभा में आम बजट को पेश करेंगे। आम बजट दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा की करारी हार के बाद पेश किया जा रहा है। इसके अलावा इस साल बिहार विधानसभा चुनाव भी होने हैं। ऎसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या यह बजट लोकलुभावन होगा। ऎसी उम्मीद जताई जा रही है कि वित्त मंत्री टैक्स स्लैब बढ़ा सकते हैं या बचत उत्पादों में निवेश की सीमा में बढ़ोतरी कर सकते हैं।

माना जा रहा है कि जेटली राजकोषीय मजबूती के रास्ते पर आगे बढ़ेंगे और राजकोषीय घाटे का लक्ष्य सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.6 प्रतिशत पर रखेंगे। चालू वित्त वर्ष में यह 4.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। व्यक्तिगत आयकरदाताओं को रियायत के अलावा वित्त मंत्री कंपनियों के निवेश को बढ़ाने के उपायों की घोषणा कर सकते हैं साथ ही वह मेक इन इंडिया अभियान के तहत विनिर्माण को प्रोत्साहन के लिए उपायों की घोषणा कर सकते हैं। जेटली ने जुलाई, 2014 में अपने पहले बजट में व्यक्तिगत आयकरदाताओं को राहत पहुंचाने के रूख के बारे में कहा था। माना जा रहा है कि भाजपा सरकार के पहले पूर्ण बजट में वह अपने इस रूख को जारी रखेगी।

पिछले साल उन्होंने व्यक्तिगत आयकर छूट की सीमा 50,000 रूपये बढ़ाकर 2.50 लाख की थी। इसके अलावा बचत पर आयकर छूट की सीमा भी 50,000 रूपये बढ़ाकर 1.50 लाख रूपये की थी।
इस बजट में उम्मीदें :
-इनकम टैक्स में छूट की सीमा बढ सकती है।
-टैक्स छूट की सीमा 2.5 लाख रूपये से बढाकर 3 लाख होने की उम्मीद।
-पेंशन के लिए अलग सेक्शन बन सकता है।
-टैक्स फ्री इन्फ्रा बॉन्ड फिर अलग से ला सकते हैं जेटली।
-रेस्टोरेंट में बना खाना महंगा हो सकता है।
-सिगरेट और गुटखा महंगा हो सकता है।
-देश में बनने वाले टीवी सस्ते हो सकते है।
-देश में बने मोबाइल सस्ते हो सकते हैं।
-जिम, क्लब की मेंबरशिप महंगी हो सकती है।

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