किसानों को आधी कीमत पर मिलेगा डीजल : पवार

By: Team Aapkisaheli | Posted: 01 , 2012

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किसानों को आधी कीमत पर मिलेगा डीजल : पवार
नई दिल्ली। सरकार अब भी सूखे की स्थिति नहीं मान रही है पर सूखे की आशंका को ध्यान में रखकर उससे निपटने के उपाय के लिए 1900 करोड रूपए के पैकेज की घोषणा की गई है। सरकार सूखा प्रभावित राज्यों में डीजल से पंपिंगसेट चलाकर खेतों में खडी फसल की सिंचाई के लिए किसानों को डीजल पर 50 फीसद सब्सिडी देगी। इसमें से 25 फीसद राज्य सरकार देगी जबकि 25 फीसद केंद्र देगा। डीजल पर सब्सिडी सितम्बर के महीने तक उपलब्ध होगी। सरकार ने राज्यों से कहा है कि सूखे का आकलन कर बताएं तो सरकार वित्तीय सहायता देगी। कृषि मंत्री शरद पवार खुद प्रभावित राज्यों में जाकर सूखे का आकलन करेंगे। उन्होंने सूखे की घोषणा करने से इनकार करते हुए कहा कि यह राज्यों का विषय है। केंद्र सरकार संभावना को ध्यान में रखकर वित्तीय सहायता जारी कर रही है। कृषि मंत्री शरद पवार की अगुवाई में बने अधिकार प्राप्त मंत्री समूह की आज हुई बैठक में फैसला लिया गया कि 320 जिलों को सहायता दी जाए जिससे कि किसानों को सूखे से ज्यादा नुकसान न हो। सरकार ने एक ओर सिंचाई के लिए डीजल पर सब्सिडी देने का फैसला किया वहीं पेयजल के लिए अलग से बंदोबस्त किया गया। सूखे में प्रभावित हुई फसल की जगह सरकार किसानों को फिर से नया ग्रीष्मरोधक बीज देगी जिससे कि पानी की कमी में फसल खराब न हो। फसल उगाने के लिए सरकार धन भी उपलब्ध कराएगी। कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में सिंचाई के लिए बडे पैमाने पर भूमिगत जल का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऎसे राज्यों को सब्सिडी का लाभ प्राप्त होगा। सरकार ने 1440 करोड रूपए कर्नाटक, राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात को दिए हैं जिससे कि वाटरशेड प्रबंधन का काम हो सके। इसके अलावा 453 करोड रूपए नेशनल रूरल ड्रिंकिंग वाटर प्रोग्राम के लिए महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान और हरियाणा को दिए गए हैं। 38 करोड रूपए रिलीज भी किए गए जो महाराष्ट्र, कर्नाटक और राजस्थान के लिए हैं। सरकार ने ऑयलमिल केक के लिए आयात पर ड्यूटी पूरी तरह हटा ली है। 306 जिलों में कम वारिश के आंक़डे मिले हैं। शरद पवार ने माना कि पिछले साल की तुलना में इस बार उत्पादन प्रभावित होगा लेकिन खाद्यान्न की कोई समस्या नहीं है। 607 जिलों में से 320 जिलों के लिए आपात योजना बनी है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि इन जिलों में भयंकर सूखा है। पवार ने बताया कि सरकार ने बची हुई खरीफ फसल को संरक्षित रखने के लिए समेकित जल प्रबंधन कार्यक्रम के तहत 1440 करोड रूपए की सहायता देने का फैसला किया है। इसके तहत महाराष्ट्र को 501 करोड, राजस्थान को 424 करोड, गुजरात को 320 करोड और कर्नाटक को 195 करोड रूपए मिलेंगे। उन्होंने बताया कि 30 जुलाई तक पूरे देश में कुल 20 फीसद कम बारिश हुई है। उन्होंने बताया कि कम बारिश के कारण आठ लाख, 71 हजार हेक्टेयर कम क्षेत्र में धान की फसल लगी है जबकि 43.48 लाख हेक्टेयर कम क्षेत्र में तिलहन की फसल लगी है। उन्होंने कहा कि सूखे जैसी स्थिति के बावजूद देश में पशुओं के लिए चारा आदि की समस्या उत्पन्न नहीं होगी।
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