स्कॉटलैंड जाने का फैसला सोच-समझकर लें धीरज  : गोलकीपर संधू

By: Team Aapkisaheli | Posted: 15 Jan, 2018

स्कॉटलैंड जाने का फैसला सोच-समझकर लें धीरज  : गोलकीपर संधू
बेंगलुरू। यूरोप में अपने करियर का काफी समय बिताने के बाद भारतीय फुटबाल के नम्बर-1 गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू का मानना है कि धीरज सिंह मोरंगथम को स्कॉटलैंड जाने का कदम सावधानीपूर्वक उठाना होगा।

संधू का मानना है कि धीरज उनके स्थान पर गोलकीपिंग की जिम्मेदारी के प्रबल दावेदार हैं।

धीरज स्कॉटिश प्रीमियरशिप क्लब मदरवेल एफसी के ट्रायल के लिए तैयार हैं। वह इस क्लब के साथ करार कर चुके हैं।

संधू ने आईएएनएस के साथ एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैं बहुत खुश हूं। यह उनके बाहर कदम रखने का सही समय है। वह 18 साल के हैं और काश उनकी आयु के समय मुझे भी ऐसे अवसर मिलते है। हालांकि, इस कदम पर धीरज को सोच-समझकर विचार करना होगा।’’

भारत के 25 वर्षीय गोलकीपर संधू ने कहा, ‘‘यह अच्छी बात है कि वह खुद को चुनौती देना चाहते हैं। यह शारीरिक रूप से मानसिक तौर पर अधिक प्रभावकारी है। आशा है कि वह अपने स्थानांतरण के बारे में सही फैसला ले रहे हों।’’

संधू ने कहा, ‘‘ऐसा इसलिए है कि अगर वह ऐसे स्थान पर जा रहे हैं, जो भविष्य में उन्हें एक खिलाड़ी नहीं मानेगा, तो यह बड़ी परेशानी वाली बात होगी।’’

संधू वर्तमान में इंडियन सुपर लीग में बेंगलुरु एफसी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

धीरज ने फीफा अंडर-17 विश्व कप में एक गोलकीपर के रूप में बेहतरीन प्रदर्शन कर सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा था। उन्होंने संधू के अनुपालन करते हुए विदेश जाने का फैसला लेने से पहले कुछ मैच आई-लीग क्लब इंडियन एरॉज के लिए भी खेले।

ब्रिटेन में वर्क परमिट पर फुटबाल खिलाडिय़ों को क्वालीफाई करने के लिए कई नियम हैं।

संधू ने कहा, ‘‘इसमें तीन सप्ताह का समय लग सकता है। आशा हा कि वह भारतीय बाजार में प्रवेश के लिए खिलाड़ी इस्तेमाल ’’

एजेंट ने आईएएनएस से कहा, ‘‘इसमें तीन सप्ताह का समय लगेगा। आशा है कि उन्हें एक खिलाड़ी की तरह इस्तेमाल न किया जाए। यह उनके बाहर जाने के लिए सही समय है।’’

भारत में वापसी के बाद की स्थिति के बारे में संधू ने कहा, ‘‘पहले तो काफी मुश्किल हुई। मैंने शामिल होने की बहुत कोशिश की। देखा जाए, तो परिस्थिति में काफी अंतर होता है। मेरे लिए सबसे बड़ा अंतर था मौसम। हालांकि, मैंने सहज होने की कोशिश की और यहां लोगों ने मुझे घर जैसा महसूस कराया।’’

पिछले साल की शुरुआत में भारत वापस आना संधू के विचार में शामिल नहीं था। यह एक विकल्प था और वह भारत में सबसे बेहतरीन क्लब में रहना चाहते थे। बेंगलुरु टीम ने भारतीय फुटबाल को नक्षे में लेकर आया है।

संधू ने अब तक आईएसएल में खेले गए सात मैचों में आठ बार गोले होने से बचाया है। वह किसी प्रकार का दबाव महसूस नहीं करते हैं। वह जीतने के लिए यहां पर हैं।

अपने भविष्य के बारे में संधू ने कहा कि वह जब तक भारत में हैं, तब तक  बेंगलुरु क्लब के साथ बने रहना चाहते हैं।
(आईएएनएस)

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