ब्रिक्स देशों का कर चोरी से लडऩे का संकल्प

By: Team Aapkisaheli | Posted: 04 , 2017

ब्रिक्स देशों का कर चोरी से लडऩे का संकल्प
शियामेन(चीन)। दुनिया की पांच उभरती अर्थव्यवस्थाओं के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में एक ऐसी निष्पक्ष एवं आधुनिक कर प्रणाली बनाने का सोमवार को संकल्प लिया गया, जो सुरक्षित पनाहगाहों में मुनाफों को ठिकाने लगाकर कर चोरी करने जैसे मुद्दों से निपटेगी। इसके साथ ही सम्मेलन में कर चोरी पर लगाम लगाने के लिए कर संबंधित सूचनाओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने का भी संकल्प लिया गया।

समूह के 9वें शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित ब्रिक्स देशों के नेता भाग ले रहे हैं। पांच देशों के इस समूह ने ब्रिक्स भ्रष्टाचार रोधी कार्य समूह के माध्यम से भ्रष्टाचार के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने का संकल्प लिया है।

शिखर सम्मेलन के अंत में सामान्य सत्र के दौरान एक घोषणा-पत्र को मंजूरी दी गई। इस सत्र में मोदी ने कहा कि भारत ने काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई तेज की है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने पाया है कि प्रौद्योगिकी और डिजिटल संसाधन गरीबी और भ्रष्टाचार से लडऩे में मजबूत हथियार हैं। हमारे राष्ट्रीय अनुभवों का इस्तेमाल कर ब्रिक्स देश सभी के लिए लाभकारी परिणामों के लिए साझेदारी गहरा कर सकते हैं।’’

25 पृष्ठों के ब्रिक्स लीडर्स शियामेन घोषणा-पत्र में कहा गया है, ‘‘हम एक निष्पक्ष और आधुनिक वैश्विक कर प्रणाली हासिल करने और एक अधिक न्यायसंगत, विकास समर्थक और कुशल अंतर्राष्ट्रीय कर वातावरण को बढ़ावा देने के प्रति अपनी बचनबद्धता दोहराते है। इसमें विकासशील देशों में आधार क्षरण एवं लाभ हस्तांतरण (बीईपीएस) से निपटने पर सहयोग बढ़ाना, कर सूचनाओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना और क्षमता निर्माण में सुधार शामिल हैं।’’

नेताओं ने कहा कि वे सतत विकास पर भ्रष्टाचार के नकारात्मक प्रभाव से भलीभांति वाकिफ हैं और इसके साथ ही उन्होंने ब्रिक्स और भ्रष्टाचार रोधी सहयोग बढ़ाने के प्रयासों का समर्थन करने की घोषणा की।

घोषणा-पत्र में कहा गया है कि नेताओं ने स्वीकार किया है कि भ्रष्टाचार की आमद का अवैध प्रवाह आर्थिक विकास और वित्तीय स्थिरता को बाधित करता है और संपत्ति वसूली में संवर्धित सहयोग का समर्थन करता है।

घोषणा-पत्र में कहा गया है, ‘‘हम स्वीकार करते हैं कि भ्रष्टाचार एक वैश्विक चुनौती है, जिसमें अवैध धन और वित्तीय प्रवाह तथा विदेशों में जमा काला धन शामिल हैं। यह समस्या आर्थिक विकास और स्थायी विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। हम इस संबंध में अपने ²ष्टिकोण को समन्वित करने की कोशिश करेंगे और भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र संकल्प के आधार पर और अन्य प्रासंगिक अंतर्राष्ट्रीय कानूनी उपायों के आधार पर भ्रष्टाचार से लडऩे और उसे रोकने के लिए एक मजबूत वैश्विक बचनबद्धता को प्रोत्साहित करेंगे।’’
(आईएएनएस)

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