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स्किन टॉनिक

By: Team Aapkisaheli | Posted: 09 May, 2012

स्किन टॉनिक
त्वचा को हरदम जवां बनाए रखने के लिए जरूरी है कि उसे पूरा पोषण दिया जाए। फिर त्वचा शरीर के किसी भी हिस्से की क्यों ना हो। बस कुछ बातों को ध्यान में रखकर आप भी बना सकती हैं मिस ग्लोइंग स्किन।
बैक पर नजर : ज्यादातार महिलाएं पीठ व बाजुओं के पीछे के हिस्से को नजरअंदाज कर देती हैं। इन हिस्सों की सफाई के लिए एंडी ब्ौक्टीरिअल क्लींजर प्रयोग में लाएं। इसे लगाने से मुंहासों से भी बचा जा सकता है। बाजू के नीचे के हिस्से पर उभरे छोटे-छोटे दानों से बचने के लिए अल्फा बीटा हाइड्रॉक्सी लोशन लगाएं।
नेक लाइन सुराहीदार : गरदन के साथ गर्दन में मौजूद नसें सिकुड कर ज्यादा दिखाई देने लगती हैं। गर्दन शरीर का ऎसा हिस्सा है, जहां पील ऑफ या लेजर भी असरदार नहीं रहते हैं। बैठते-उठते समय या चलते वक्त अपना पॉpर ठीक रखें। गर्दन को स्ट्रेच करना भी फायदेमंद होगा। शरीर के इस हिस्से पर रेटिनॉल, पेप्टाइड व ग्लाइकोलिक एसिड युक्त उत्पाद लगाएं। अगर आपकी गरदन पर झुर्रियां ज्यादा हैं, तो बोटोक्स उपचार लें या नेक लिफ्ट कराएं।
बस्ट लाइन हो बेस्ट : बस्ट लाइन की सुंदरता को उभारने के लिए उस हिस्से को मॉइpराइज करने के बाद उस पर शिमर डस्ट करें। बस्ट जैल व क्रीम आदि लगाएं। इनमें ऎसे तत्व हों, जो त्वचा को अस्थायी तौर पर सपोर्ट देते हुए मुलायम बनाएं।
मुलायम हाथों के लिए : हाथों को मुलायम बनाने के लिए पहले मृत त्वचा को एक्सफोलिएट करके साफ करें। त्वचा जब हल्की नमी लिए हो, तो हाथों पर गाढी क्रीम लगाएं। ऎसा करने से हाथों में मौजूद थोडी-बहुत तैलीय ग्रंथियों को नमी मिलेगी। इसके अलावा अगर पार्लर में मेनीक्योर कराना हो, तो पैराफिन वैक्स उपचार लें। वैक्स से नमी प्रदान करने वाले तत्व त्वचा में अच्छे से जज्ब हो जाते हैं।
स्पाइडर वेंस : स्पाइडर वेंस के लिए कभी हारमोनों को दोषी ठहराया जाता है, तो कभी वंशानुगत कारण इसके लिए जिम्मेदार होते हैं। अन्य तकलीफों में काफी लाभकारी लेजर उपचार इस समस्या में जरा भी असरदार नहीं रहता है। इसके लिए बेहतरीन इलाज इन्जेक्शन रहता है। इन्जेक्शन लगाना आसान रहता है, सस्ता भी रहता है और समय भी ज्यादा नहीं लगता है। इन्जेक्शन भी 2 तरह के आते हैं। सैलीन इन्जेक्शन थोडा दर्द करते हैं, लेकिन इसे लगाने से ये नसें टूट कर साफ हो जाती हैं। इसे 2-6 बार लगाया जाता है। रेजर का इस्तेमाल : शेव करने के लिए रेजन का प्रयोग करें, तो बालों को कुछ मिनट के लिए गीला रहने दें। ऎसा करने से बाल गीले हो कर खडे हो जाएंगे। त्वचा पर रेजर का प्रयोग करने से पहले बचाव करने वाला शेविंग जैल लगाएं, जिसमें विटामिन ई हो। आजकल मार्केट में बिल्ट इन क्रीम व जैलवाले रेजर भी उपलब्ध हैं, इन्हें इस्तेामल में लाएं।
पैरों के नाखून बनेंगे सुंदर : अक्सर पैरों के नाखून या तो पीलापन लिए होते हैं या फफूंद पैदा होने के साथ केल्स व दरारें पडने लगती हैं। व्यक्ति की उम्र का अंदाजा उसके जूता उतारने से लगाया जा सकता है। पैरों में मृत त्वचा से निजात पाने के लिए नहाते वक्त प्यूबिक स्टोन से उसको साफ करना ना भूलें। कभी भी मृत त्वचा को रेजर से साफ करने का प्रयास ना करें। ऎसा करने से मृत त्वचा दोबारा आ जाएगी। पैरों पर कभी-कभार मॉइpराइजिंग फेशियल मास्क लगाएं। साथ ही बीच-बीच में नाखूनों को बिना नेल पॉलिश लगाएं ही छोड दें। सेल्यूलाइट : 90 प्रतिशत महिलाएं सेल्यूलाइट से पींडित होती ही हैं। कई महिलाओं में इसके पीछे कारण हारमोनल बदलाव होता है, तो कई महिलाओं में यह समस्या वंशानुगत या वसा जमा होने के कारण हो जाती है। इस तरह की चरबी को मेसा थेरैपी से घुलाया जाता है। इसके अलावा पौधों के अर्क व अन्य हर्बल तत्वों से बनाया गया इन्जेक्शन भी काफी लाभकारी साबित होता है। साथ ही त्वचा की निचली परत में फैट मेल्टिंग लेजर उपचार भी दिया जाता है, जो कि एफडीए द्वारा प्रमाणित है।
ढलकी-ढलकी त्वचा : एफडीए द्वारा प्रमाणित लाइट थेरेपी, जिसे टाइटन कहा जाता है< से पेट और स्तनों में दोबारा कसाव लाया जाता है। त्वचा पर ज्यादा मुलायम एहसास के लिए विटामिन व ह्याल्यूरॉनिक एसिड युक्त मॉइpराइजर भी इस्तेमाल में लाए जाते हैं। इसके इस्तेमाल से झुर्रियों, लटकी, निस्तेज त्वचा व गर्दन के नीचे-ऊपर आई शुष्कता से भी निजात पाई जा सकती है। सर्दियों में मॉइpराइजिंग शावर जैल प्रयोग में लाएं, जो त्वचा को साफ करके नमी की परत भी बनाए रखें।

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