गाय के सेवा करने पर आपकी सेहत के लिए देती है अमृत,हर रोग का नाशक है गाय से प्राप्त उत्पाद
By: Team Aapkisaheli | Posted: 17 Dec, 2025
बच्चों की नाक अगर बहुत बहती है बार बार सर्दी जुकाम होता है वागभट्ट जी
कहते हैं नाक बहुत बहती हो, सर्दी जुकाम हो तो गौ का घी एक एक बूँद नाक मैं
डाल दो सर्दी जुकाम ऐसे गायब होगा जैसे गधे के सिर से सींग।
अगर
नींद नही आती या अच्छी नींद लेनी है, गहरी नींद लेनी है गाय का घी एक एक
बूँद नाक में डालकर सो जाओ बहुत गहरी नींद आयेगी। आपको खराटे बंद करने हैं,
तो जिनको भी खराटे आते हैं रात में तो गाय का घी एक एक बूँद नाक में डाल
लो 3 दिन बाद चौथे दिन से खराटे आने बंद हो जाएंगे।
अगर आपके बाल
झड़ते हैं तो गाय का दूध लें उसकी दही बनाओ। उस दही को 5-6 दिन तांबे के
बर्तन में रहने दो, दही का रंग हरा-हरा हो जायेगा, फिर उस दही को बालों में
लगाओ फिर 1 घंटे बाद शिकाकाई से बाल धो लो हफ्ते में ऐसा 4 बार करें और
बाल टूटना एक ही हफ्ते में बंद हो जायेंगे। भविष्य में बाल न टूटें, अच्छे
रहें, दरुस्त रहें, तंदरुस्त रहें तो महीने में एक बार या फिर दो बार गाय
के मूत्र से बाल धो लें, बहुत अच्छा नेचुरल कंडीशनर है, तो जैसे कंडीशनर
यूज करते हैं वैसे ही गौमूत्र का इस्तेमाल करें गाय के मूत्र में थोडा पी
मिला लें और जैसे कंडीशनर यूज करते हैं वैसे ही इस्तेमाल करें।
अगर
बच्चों की पसलियाँ बहुत ही तकलीफ में हो, जैसे कि कई बार पसलियों में बलगम
जम गया तो एक ही चम्मच गौ मूत्र पिला दें। एक ही दिन में बलगम बाहर आ
जाएगी, बड़ों को अगर पीना है तो आधे कप तक पी सकते हैं।
इसके बाद
जितने भी किडनी या मूत्र सम्बंधित रोग है इनमें सबसे अच्छी दवा है गौमूत्र,
जैसे अगर पेशाब थोडा थोडा आता है गौमूत्र पीना शुरू करो खुल के आएगा।
पेशाब में जलन होती है पेशाब पीना शुरू करें जलन बंद हो जाएगी, पेशाब अगर
लाल रंग का आता है तो गौमूत्र पीना शुरू करो, नार्मल कलर आयेगा मूत्र के
लगभग 22-23 रोग इस अकेले गौमूत्र से आता हैं।
यदि आपको कब्जियत बहुत है पेट साफ़ नही हो रहा है तीन दिन आधा आधा कप गौमूत्र पी लो चोथे दिन से पेट एक दम साफ़।
फिर
यदि आपके शरीर में बीसियों रोग हैं वात, पित्त और कफ के, पित्त के रोगी
विशेष दयां रखें कि जब वे गौमूत्र लें तो गौ का घी ज्यादा उपयोग करें। पेट
में गैस बन रही है या एसिडिटी बन रही है ये रोग पित्त के रोग हैं, यदि इसे
ठीक करने के लिए गौ मूत्र का उपयोग कर रहे हैं तो घी ज्यादा खाएं।
यदि
आपके शरीर पे जितने भी सफ़ेद दाद या धब्बे है सब चले जायेंगे, आँखों के
नीचे डार्क सर्किल है रोज सुबह आँखों के नीचे लगा लें, डार्क सर्किल चले
जायेगे खाज-खुजली या दाद हो गये हैं तो थोड़ी मालिश करिए तुरंत चला जायेगा।
नोट : ध्यान यहाँ सभी जगह सिर्फ देशी गाय के घी, मूत्र का ही जिक्र किया गया हैं किसी अन्य नस्ल की गाय का घी, मूत्र उपयोगी नही है.
वागभट्ट
जी कहते हैं आँख का कोई भी रोग सभी कफ के रोग है जैसे मोतियाबिंद,
ग्लूकोमा और रेटिनल डीटेचमेंट जिसका तो दुनिया में कोई भी इलाज है ही नही,
ऑपरेशन भी नही है उसका हो भी तो सफल नही है। अगर अमेरिका भी चले जायें इलाज
के लिए तो डॉक्टर भी कहेंगे ओप्रतिओं तो कर देंगे लेकिन विज़न आने की कोई
गारंटी नही है, और आँखों का लाल होना आँखों से पानी आना आँखों में जलन होना
तो ऐसी छोटी से लेकर बड़ी बीमारी ये सभी गौमूत्र से ठीक होती हैं।
और
कंट्रोल नही क्योर(cure) होती है जड़ से खत्म होती है बस करना इतना ही है
कि देसी गाय का मूत्र कपडे से छानकर एक एक बूँद आँख में डालनी है, सवा 1
महीने में चश्मे का नंबर बदल जायेगा और 3 महीने में चश्मा उतर जायेगा
ग्लूकोमा 4 सवा 4 महीने में बिलकुल ठीक होता है, केटरेक्ट अगर ठीक करना हो
तो 6 महीने में ठीक हो जायेगा और रेटिनल डीटेचमेंट अगर ठीक करना हो तो 1
साल से डेढ़ साल तक लगता है लेकिन लगातार डालते रहिये 1-1 बूँद गौमूत्र
डालते रहिये।
बच्चों के अगर कान बह रहे हैं कान से अगर मवाद निकल रहा है तो 2 या 3 दिन 1-1 बूँद सुबह शाम डाल दीजिये मवाद निकलना बंद हो जायेगा।
डॉ. पीयूष त्रिवेदी ,आयुर्वेद मर्म विशेषज्ञ राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय प्रताप नगर एवं शासन सचिवालय जयपुर ।#पहने हों कछुआ अंगूठी तो नहीं होगी पैसों की तंगी...