Parenting Tips: स्कूल से घर आए बच्चा, तो पेरेंट्स बिल्कुल ना पूछे इस तरह के सवाल
By: Team Aapkisaheli | Posted: 23 Apr, 2025
स्कूल से घर आने पर पेरेंट्स बच्चों से अक्सर कई सवाल पूछते हैं, जैसे कि दिनभर क्या किया, टीचर ने क्या पढ़ाया, और दोस्तों के साथ कैसा समय बीता। हालांकि, पेरेंट्स की यह कोशिश बच्चों के साथ जुड़ने और उनकी गतिविधियों को समझने की होती है, लेकिन कई बार इससे बच्चों पर उल्टा प्रभाव पड़ता है। लगातार सवाल पूछने से बच्चे एंजायटी और तनाव का अनुभव करने लगते हैं। उन्हें लगता है कि हर समय उनकी निगरानी की जा रही है और उनके हर काम का हिसाब देना पड़ता है। इससे बच्चों का आत्मविश्वास भी प्रभावित हो सकता है और वे अपने पेरेंट्स से खुलकर बात करने में हिचकिचाने लगते हैं।
आज स्कूल में क्या किया?पेरेंट्स अक्सर बच्चों से पूछते हैं कि आज स्कूल में क्या किया? यह सवाल सुनने में सामान्य लगता है, लेकिन कई बार इससे बच्चों पर दबाव पड़ सकता है। बच्चे सोचते हैं कि उन्हें अपने पूरे दिन का विस्तृत ब्यौरा देना होगा, जिससे वे तनावग्रस्त हो सकते हैं। इसके बजाय, पेरेंट्स बच्चों से उनके दिन के किसी खास हिस्से के बारे में पूछ सकते हैं, जैसे कि "आज स्कूल में तुम्हें सबसे ज्यादा क्या पसंद आया?" या "आज तुम्हारी कोई मजेदार बात हुई क्या?" इस तरह के सवाल बच्चों को अपने दिन के सकारात्मक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करते हैं और उन्हें कम तनावपूर्ण महसूस कराते हैं।
तुम्हारे टीचर ने क्या पढ़ाया?तुम्हारे टीचर ने आज क्या पढ़ाया? जैसे सवाल पूछने से बच्चों को लगता है कि उनके पेरेंट्स उनकी पढ़ाई पर बहुत ध्यान दे रहे हैं और उन्हें हर चीज़ का हिसाब देना होगा। इससे बच्चों पर अनावश्यक दबाव पड़ सकता है और वे एंजायटी का अनुभव कर सकते हैं। इसके बजाय, पेरेंट्स बच्चों से पूछ सकते हैं कि "आज तुम्हें स्कूल में कुछ नया सीखने को मिला क्या?" या "आज की कोई दिलचस्प बात जो तुम्हें याद है?" इससे बच्चों को अपने अनुभव साझा करने में आसानी होगी और वे अधिक सहज महसूस करेंगे।
तुम्हारे दोस्तों के साथ कैसा समय बीता?तुम्हारे दोस्तों के साथ कैसा समय बीता? जैसे सवाल पूछने से बच्चों को लगता है कि उनके पेरेंट्स उनकी सामाजिक जीवन पर बहुत ध्यान दे रहे हैं। इससे बच्चों को लगता है कि उन्हें अपने दोस्तों के साथ के अनुभवों को विस्तार से बताना होगा, जिससे वे तनावग्रस्त हो सकते हैं। इसके बजाय, पेरेंट्स बच्चों से पूछ सकते हैं कि "आज तुम्हारे साथ कोई मजेदार चीज़ हुई क्या?" या "तुम्हारे दोस्तों ने आज क्या किया?" इससे बच्चों को अपने सामाजिक अनुभवों को साझा करने में आसानी होगी और वे अधिक सहज महसूस करेंगे।
तुम्हारी क्लास में तुम्हें सबसे ज्यादा क्या पसंद आया?तुम्हारी क्लास में तुम्हें सबसे ज्यादा क्या पसंद आया? जैसे सवाल पूछने से बच्चों को लगता है कि उनके पेरेंट्स उनकी पसंद-नापसंद पर बहुत ध्यान दे रहे हैं। इससे बच्चों को लगता है कि उन्हें अपनी पसंद-नापसंद के बारे में विस्तार से बताना होगा, जिससे वे तनावग्रस्त हो सकते हैं। इसके बजाय, पेरेंट्स बच्चों से पूछ सकते हैं कि "आज तुम्हें स्कूल में कुछ अच्छा लगा क्या?" या "आज की कोई चीज़ जो तुम्हें यादगार लगी?" इससे बच्चों को अपने अनुभव साझा करने में आसानी होगी और वे अधिक सहज महसूस करेंगे।
तुम्हें टीचर ने डांटा क्या?बच्चों से तुम्हें टीचर ने डांटा क्या? जैसे सवाल पूछने से बच्चों को लगता है कि उनके पेरेंट्स उनकी गलतियों पर बहुत ध्यान दे रहे हैं। इससे बच्चों को लगता है कि उन्हें अपनी गलतियों के बारे में विस्तार से बताना होगा, जिससे वे तनावग्रस्त हो सकते हैं। इसके बजाय, पेरेंट्स बच्चों से पूछ सकते हैं कि "आज तुम्हें कोई मदद की जरूरत पड़ी क्या?" या "आज तुम्हें कोई समस्या आई क्या?" इससे बच्चों को अपने अनुभव साझा करने में आसानी होगी और वे अधिक सहज महसूस करेंगे।
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