आईआईटी जेईई- न्यू पैटर्न पर तैयारी करने के तरीके
By: Team Aapkisaheli | Posted: 27 Dec, 2012
इंजीनियरिंग में कЄरियर बनाने वाले युवाओं के लिए अब तैयारी का समय नजदीक आ गया है। आईआईटी जेईई एग्जाम शेड्यूल की घोषणा कर दी गई है। आईआईटी जेईई के नए पैटर्न से स्टूडेंट्स को तैयारी करनी होगी। आईआईटी जेईई का नया पैटर्न 2013 से लागू किया जा रहा है।
जेईई एग्जाम से स्टूडेंट्स को आईआईटी, एनआईटी और अन्य इंजीनियरिंग और आर्किटेक्चर इंस्टीट्यूट्स में एडमिशन मिलेगा। जिन स्टूडेंट्स को सिर्फ आईआईटी में एडमिशन लेना है उन्हें सिर्फ जेईई एडवांस एग्जाम देनी होगी।
तीन बार एग्जाम देने का मौका
कोई भी स्टूडेंट्स जेईई की मेन एग्जाम में तीन बार बैठ सकेगा। एंडवांस एग्जाम में उसे दो बार मौका मिलेगा। जिन स्टूडेंट्स ने 2010 में 12वीं की एग्जाम दी और वे फेल हो गए हैं और 2011 में एग्जाम पास की हो वे जेईई की मेन एग्जाम में नहीं बैठ सकेंगे।
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15 दिसंबर तक रजिस्ट्रेशन आईआईटी जेईई की मेन एग्जाम की ऑनलाइन रजिस्टे्रशन की तारीख 15 दिसंबर तक है। जेईई की मेन एग्जाम क्लियर करने के बाद ही स्टूडेंट्स एडवांस में बैठ सकेंगे। 7 अपै्रल 2013 को जेईई मेन एग्जाम ऑफलाइन।
8 से 25 अप्रैल मेन ऑनलाइन टेस्ट होगा। 2 जून को जेईई एडवांस टेस्ट होगा। आईआईटी जेईई के मेन एग्जाम में करीब 18 लाख स्टूडेंट शामिल होंगे, जबकि 1.50 लाख स्टूडेंट एडवांस टेस्ट में शामिल होंगे।
समझें रैंक का फॉर्मूला-
स्टूडेंट्स को 12वीं के अंकों में 40 प्रतिशत और जेईई मेन एग्जाम में आए मार्क्स का 60 प्रतिशत वेटेज मिलेगा। आईआईटी-जेईई में अगर दो स्टूडेंट्स को समान मार्क्स आते हैं तो सही और गलत प्रश्नों के मिले अंकों के अनुपात पर रैंक का निर्धारण किया जाएगा।
सीबीएसई के मुताबिक सब्जेक्ट एग्जाम में सही और गलत प्रश्न के मिले माइनस मार्क के अनुपात के आधार पर जेईई में छात्रों की रैंक तय की जाएगी। दो स्टूडेंट्स के जेईई मेन एग्जाम में मार्क्स समान हो जाते हैं तो पहले मैथ्स मिले अंकों को आधार बनाकर रैंक निर्धारित की जाएगी।
इसमें भी मार्क्स समान हों तो भौतिक विज्ञान और 12वीं के अंकों पर रैंक का निर्धारण होगा। अगर फिर मार्क्स समान हो तो एग्जाम में सही प्रश्नों मिले अंक और गलत आंसर की माइनस मार्क्स के अंक के अनुपात को आधार बनाया जाएगा। फिर भी अगर मार्क्स समान हो जाते हैं तो दोनों स्टूडेंट्स को एक रैंक दे दी जाएगी।