1 of 1 parts

विवाह के बाद वधू ससुराल में कब न रहे.....

By: Team Aapkisaheli | Posted: 08 Jun, 2012

विवाह के बाद वधू ससुराल में कब न रहे.....
विवाह होने के पश्चात प्रथम चैत्र मास में वधू अपने मायके में न रहे। कारण- यह पिता के लिए अशुभ रहता है। यदि ज्येष्ठ महीने में वधू ससुराल में रहे तो देवर के लिए अशुभ रहता है। इसी प्रकार आषाढ मास सास के लिए, पौष मास श्वसुर के लिए, क्षयमास स्वयं वधू के लिए एवं अधिमास पति के लिए वधू द्वारा ससुराल में रहने पर अशुभ फलदायक होता है। यदि उपर्युक्त व्यक्ति जीवित न हों तो कोई प्रश्न ही नहीं उठता। विवाह के प्रथम वर्ष मे वधू के रहने के नियम एवं धर्मसूत्र प्रणीत हैं।
इनको शास्त्रकारों ने काफी विचार-विमर्श और अनुभवों के बाद स्थापित किया है। इसके अतिरिक्त वधू-वर के हमेशा इकट्ठे रहने के फलस्वरूप वैचारिक एवं तात्विक आदान-प्रदान उचित मात्रा में न होने से मतभिन्नता पैदा हो जाती है। इसलिए बीच-बीच में वधू को अपने मायके चला जाना चाहिए। इससे दोनों के बीच आतुरता एवं खिचांव होने में मदद मिलती है। इसी कारण बहुसंख्य लडकियां विवाह के बाद वधू नियमों का पालन करती हैं। धर्म शास्त्र ने तत्कालीन सामाजिक परिस्थिति एवं लोगों के वैचारिक स्तर के अनुसार ये नियम बनाए है।

Most Popular

Mixed Bag

News

рд░рд┐рдВрдХреВ рд╕рд┐рдВрд╣ рдХреЗ рдкрд┐рддрд╛ рдиреЗ рдХрд╣рд╛,рдмрд╣реБрдд рдЙрдореНрдореАрджреЗрдВ рдереА, рдЙрд╕рдХрд╛ рджрд┐рд▓ рдЯреВрдЯ рдЧрдпрд╛ рд╣реИ
рд░рд┐рдВрдХреВ рд╕рд┐рдВрд╣ рдХреЗ рдкрд┐рддрд╛ рдиреЗ рдХрд╣рд╛,рдмрд╣реБрдд рдЙрдореНрдореАрджреЗрдВ рдереА, рдЙрд╕рдХрд╛ рджрд┐рд▓ рдЯреВрдЯ рдЧрдпрд╛ рд╣реИ

Ifairer