जानें: भगवान श्री कृष्ण के बारे में  
   By: Team Aapkisaheli | Posted: 22 Jun, 2017
    

 
        
        भगवान श्रीकृष्ण को भारत के एक लोकदेवला के रूप में प्रतिपादित किया जिसके 
कारण ना केवल श्रीकृष्ण की महिमा और भव्यता में विस्तार हुआ बल्कि कृष्ण 
कथा एवं कृष्णागाथाओं का भी कलेवर एवं रूपरेखा समृद्ध हुई। इसके अतिरिक्त 
श्रीकृष्ण के प्रति भारतीयों के विचित्र आकर्षण का एक अनय यह भी कारण है कि
 कृष्णकथा एवं कृष्णाख्यान ही भारत में एक ऐसी गाथा है जोकि सदियों से 
भारतीयों के जनमानस के साथ अंतरंगता से जुडी हुई है और उनकी अन्तचेंतना में
 इस तरह घनिष्ठता से समाहित है और श्रीकृष्ण की मन्त्रमुग्ध करने वाली 
अलौकिक माधुरी व्यक्तित्व छटा उनके विचारों, अन्तर्भावों और सांस्कृतिक 
आयामों में इतनी रस बस गई है कि प्रत्येक भारतीय उन्हें अपने अन्तरंग पा कर
 उनसे अपने दिल की बात कहने में भी सफल हो जाता है चाहे वह किसी वर्ग, जाति
 अथवा धर्म से सम्बधित हो, खेती बाडी करता हुआ कृषक या कारखाने का मजदूर 
अथवा गणमान्य शास्त्रवेत्ता ही क्यों ना हो ये सभी भारतीय कृष्णकथा एवं 
लीला प्रसंगों को अपने अपने स्वतंत्र ढंग से प्रस्तुत कर उसे जीवंत ही नहीं
 बनाते बल्कि व्यापक कर देते हैं। यहीं नहीं भारतीयों के सर्वाधिक 
हर्षोल्लास के साथ मनाये जाने वाले अत्यन्त लोकप्रिय उत्सवों की की 
श्रृंखला में श्रीकृष्ण से जुडे उत्सव और त्यौहार जैसे जन्माष्टमी, रास, 
हिण्डोला, तीज होली, वसन्तोत्सव इत्याादि सर्वप्रसिद्ध हैं जो कि भारत के 
प्रत्येक प्रान्त के निवासी जनजातियों के जीवन का अंतरंग हिस्सा बन गए हैं 
जिसके कारणवशं यह स्वत: सिद्ध है कि श्रीकृष्ण भगवान ीाारत के प्रत्येक 
कोने में विविध आस्थाओं वाले जनसमुदाय के केवल आकर्षण केन्द्र ही नहीं 
बल्कि श्रद्धापात्र भी हैं अत: उनका यह अदम्य लोकदेवता रूप भारत में 
राष्ट्रीय एकता एवं सद्भावना के प्रचार प्रसार के लिए प्रेरणास्त्रोत की 
भांति कार्यान्वित किया जा सकता है।
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