अब दिन में जितने मर्जी करो एसएमएस

By: Team Aapkisaheli | Posted: 15 July, 2012

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अब दिन में जितने मर्जी करो एसएमएस
नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को अपने निजी इस्तेमाल के लिए प्रति दिन 200 से ज्यादा एसएमएस करने पर लगे कैप को हटा दिया है। मोबाइल से एक दिन में 200 मैसेज भेजने की सीमा तय करने के मामले में आम लोगों को राहत मिली है। कोर्ट ने ट्राई के फैसले को रद्द करते हुए इसे आम उपभोक्ताओं के जीवन में हस्तक्षेप माना और मौलिक अधिकारों का हनन बताया।

हालांकि अदालत ने व्यावसायिक मैसेज की सीमा को बरकरार रखा है। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश एके सीकरी व न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलो की खंडपीठ ने अपने फैसले में स्पष्ट किया है कि ट्राई द्वारा प्रति मोबाइल रोजाना 200 एसएमएस की अधिकतम सीमा तय करने के पीछे लोगों को अनावश्यक मैसेज से मुक्ति दिलवाना है। खंडपीठ ने कहा, लेकिन यह फैसला आम आदमी की जिंदगी में खलल डालने वाला है और उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन भी है। अदालत ने कहा कि वह ट्राई द्वारा आम लोगों पर प्रति दिन 200 मैसेज की सीमा तय करने संबंधी फैसले को रद्द करती है, मगर यह रोक व्यवसायिक मैसेज पर बरकरार रहेगी।

हालांकि अदालत ने कहा कि ट्राई चाहे तो मैसेज की सीमा तय करने पर नए सिरे से विचार कर सकती है। खंडपीठ ने यह निर्णय टेलीकॉम वाचडॉग नामक एनजीओ द्वारा दायर जनहित याचिका पर दिया। याची के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि हर व्यक्ति को अपनी बात रखने की आजादी है और इस प्रकार मैसेज की संख्या पर लगाम लगाना उनके अधिकारों का हनन है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि प्रोडक्ट की बिक्री के लिए मैसेज भेजने से लोगों को परेशानी हुई है, मगर उसके लिए सरकार ने 500 से 20 हजार रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान कर रखा है। इसलिए आम लोगों के हित को देखते हुए ट्राई के फैसले को खारिज किया जाए।
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