आगे बढें और सेना को आगे ले चलें : जनरल बिक्रम सिंह

By: Team Aapkisaheli | Posted: 02 Jun, 2012

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आगे बढें और सेना को आगे ले चलें : जनरल बिक्रम सिंह
नई दिल्ली। नए सेनाध्यक्ष जनरल बिक्रम सिंह ने शुक्रवार को कहा कि वह सेना की धर्मनिरपेक्ष और गैरराजनीतिक छवि को बरकरार रखने का प्रयास करेंगे। पूर्व की घटनाओं को पीछे छोड दिया जाना चाहिए और सेना को आगे ले जाने के लिए, आगे के शीशे में देखकर बढना चाहिए। जनरल सिंह रक्षा मंत्रालय के बाहर "गार्ड आफ ऑनर" का निरीक्षण करने के बाद रक्षा संवाददाताओं से मुखातिब थे। उन्होंने कहा कि कार आगे के शीशे से देखकर चलाते हैं, पीछे देखने वाले शीशे में देखकर नहीं। मेरा मुद्दा यह है कि जो भी हुआ उसे पीछे छोड देना चाहिए और सेना को आगे ले जाने के लिए आगे के शीशे में देखकर बढना चाहिए। उनसे रक्षा मंत्री एके एंटनी की उस सलाह के बारे में पूछा गया था कि जिसमें उन्होंने पूर्व की हलचल को भुलाने को कहा था। हाल में सरकार और सेना के संबंधों में आए तनाव के बारे में पूछे जाने पर सेना प्रमुख ने कहा कि उन्हें समस्याओं पर गौर करने के साथ ही आगे का रास्ता निकालना होगा। उन्होंने कहा कि सैन्य मुख्यालय में पूर्व में मैंने पांच कार्यकाल बिताए हैं और यह छठा होगा। कम से कम पूर्व में हमारे समक्ष कोई समस्या नहीं आई। मुझे देखने दीजिए कि समस्याएं क्या हैं और हम उसे दूर करेंगे। जनरल सिंह ने कहा कि मुझे पक्का विश्वास है कि दोनों पक्षों की समझ, दोनों पक्षों की प्रतिबद्धता को देखते हुए मुझे इस बात का पक्का विश्वास है कि कोई समस्या नहीं होगी। 59 वर्षीय जनरल सिंह ने 13 लाख की क्षमता वाली सेना को दिए संदेश में कहा कि वह उसकी "धर्मनिरपेक्ष और गैरराजनीतिक" छवि को बरकरार रखने का प्रयास करेंगे। उन्होंने जनरल वीके सिंह से पदभार ग्रहण करने के एक दिन बाद कहा कि हमें अपने बल को धर्मनिरपेक्ष और गैरराजनीतिक बनाए रखने के लिए अपना कार्य उसी तरह से करना चाहिए, जैसी हमसे अपेक्षा है। जनरल सिंह से सेना में वरिष्ठ स्तरों पर गुटबाजी, नागरिकों और सेना के संबंधों के अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंचने और भ्रष्टाचार संबंधी खबरों के बीच सेना को अपना संदेश देने के लिए कहा गया था। पूर्वोत्तर में फर्जी मुठभेड और लद्दाख में अधिकारियों और जवानों के बीच हाल में हुए संघर्ष के आरोपों पर जनरल सिंह ने कहा कि इन सभी मामलों से नियम के तहत निपटा जाएगा और कुछ भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। जनरल सिंह ने कहा कि मेरा मानना है कि मेरे चीफ आफ स्टॉफ की ओर से सेना की तीसरी कोर को एक पत्र लिखा गया था जिसमें उन सभी आरोपों की जांच करने के लिए कहा गया था और मैं आपको बताना चाहता हूं कि ऎसा कुछ भी नहीं है जिसे नजरअंदाज किया जाना चाहिए। मैं आपको यह भरोसा दिलाना चाहता हूं। सेनाध्यक्ष से उन आरोपों पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया था जो एक मेजर की ओर से चीफ आफ आर्मी स्टॉफ, पूर्वी कमान और तीसरी कोर मुख्यालय को लिखे पत्र में लगाए गए थे कि मार्च 2010 में तीसरी कोर की एक गुप्तचर इकाई की ओर एक फर्जी मुठभेड को अंजाम दिया गया था जिसमें तीन नागरिक मारे गए थे। यह पूछे जाने पर कि क्या वह मानते हैं कि नागालैंड में आधारित तीसरी कोर चीजों को नजरंदाज करने का प्रयास कर रही थी, जैसा कि उनके पूर्ववर्ती सेनाध्यक्ष ने बृहस्पतिवार को कहा था, उन्होंने (जनरल विRम) कहा कि नहीं मैं यह नहीं कह रहा। मैंने यह नहीं कहा..। मैं अपने काबिल पूर्ववर्ती के बयान पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। गौरतलब है कि जनरल वीके सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा था कि वह इस बात को लेकर चिंतित थे कि सैन्य मुख्यालय की ओर से निर्देशों के बावजूद तीसरी कोर की ओर से आरोपों की कोई जांच नहीं कराई गई। यह पूछे जाने पर कि वह नयोमा में जवानों और अधिकारियों के बीच हुए संघर्ष, कांगो में संयुक्त राष्ट्र अभियान में लगे सैनिकों के कथित गलत आचरण की घटनाओं से कैसे निपटने की योजना बना रहे हैं, जनरल सिंह ने कहा कि इन सभी मामलों से नियमों के तहत निपटा जाएगा।
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