आखिरकार तिवारी को देना पडा ब्लड सैंपल, कार्यवाही गोपनीय रखने की तिवारी की याचिका खारिज

By: Team Aapkisaheli | Posted: 29 May, 2012

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आखिरकार तिवारी को देना पडा ब्लड सैंपल, कार्यवाही गोपनीय रखने की तिवारी की याचिका खारिज
देहरादून/नई दिल्ली। पितृत्व विवाद में उलझे वयोवृद्ध कांग्रेसी नेता एनडी तिवारी का मंगलवार को ब्लड सैंपल ले लिया गया। ब्लड सैंपल लेने न्यायिक व प्रशासनिक अधिकारियों की एक टीम मंगलवार को उनके घर पहुंची थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने तिवारी का बेटा होने के रोहित शेखर (32) के दावे की सत्यता जांचने के लिए कांग्रेसी नेता को डीएनए जांच के लिए रक्त का नमूना देने का आदेश दिया था। ब्लड लेने के समय तिवारी के घर पर जिला जज और दिल्ली हाईकोर्ट के जोइंट रजिस्ट्रार, देहरादून सिविल हॉस्पिटल के एक सर्जन और एक पैथोलोजिस्ट सहित पांच सदस्यीय लेबोरेटरी टीम उनके घर पर मौजूद थी। याचिकाकर्ता रोहित और उनकी मां भी वहां मौजूद थीं। इससे पहले तिवारी के घर पर सुरक्षा कडी कर दी गई थी।

सुप्रीमकोर्ट ने पितृत्व विवाद मामले में तिवारी की याचिका खारिज कर दी थी। याचिका में तिवारी ने अनुरोध किया था कि इस मामले में डीएनए टेस्ट कराए जाने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई जाए। न्यायाधीश जीएस सिंघवी और एस.जे मुखोपाध्याय की अवकाशकालीन खंडपीठ ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री की याचिका खारिज कर दी। वाद दायर करने वाले युवक का दावा है कि वह तिवारी की जैविक संतान है। न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय की पीठ के समक्ष तिवारी के वकील ने कहा कि रोहित शेखर अदालती कार्यवाही के बारे में गोपनीयता को बरकरार नहीं रख रहे हैं और हर सुनवाई के बाद मीडिया को जानकारी दे रहे हैं। पीठ ने कहा कि वह उनकी दलीलों से संतुष्ट नहीं है और वह किसी को भी मीडिया से बातचीत करने से नहीं रोक सकती। पीठ ने कहा, "मीडिया से बातचीत करने पर कोई रोक नहीं है। गोपनीयता (डीएनए जांच संबंधी) रिपोर्ट के संबंध में रखी जानी है। अदालती कार्यवाही के संबंध में नहीं है।" इससे पहले शीर्ष अदालत ने गत 24 मई को पितृत्व वाद में 88 वर्षीय नेता को रक्त का नमूना देने का निर्देश दिया था। शीर्ष अदालत ने कहा कि था कि व्यक्ति के "कद के कारण" अदालती आदेश का उल्लंघन नहीं किया जा सकता।

शीर्ष अदालत ने तिवारी की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें कहा गया था कि वह अपने रक्त का नमूना देने के लिए काफी वृद्ध हैं। पीठ ने कहा, "इसका मतलब यह नहीं है कि उनके शरीर में रक्त नहीं दौड रहा है।" तिवारी को रक्त का नमूना देने के लिए 29 मई को देहरादून स्थित अपने आवास पर उपलब्ध रहने का निर्देश दिया गया था। 32 वर्षीय रोहित शेखर ने साल 2008 में पितृत्व मुकदमा दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर किया था। इसमें अदालत से कांग्रेस नेता को उनका जैविक पिता घोषित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।
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