मोदी बोले-धन्यवाद अमेरिका

By: Team Aapkisaheli | Posted: 02 Oct, 2014

मोदी बोले-धन्यवाद अमेरिका
नई दिल्ली। प्रधनामंत्री नरेद्र मोदी पांच दिवसीय अमेरिका की यात्रा के बाद बुधवार को स्वदेश लौट आए। हवाई अड्डे पर सेना के वशिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य और कई भाजपा नेता भी एयरपोर्ट पहुंचे। इससे पहले बुधवार को ीाारतीय समयानुसार तडके करीब चार बजे मोदी अमेरिका से रवाना हुए थे। स्वेदश रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका को धन्यवाद दिया और अपनी इस यात्रा को अत्यंत सफल तथा संतोषजनक बताया।
मोदी ने यूएस इंडियन बिजनेस काउंसिल की ओर से मंगलवार को आयोजित एक समारोह में कहा чैंक यू अमेरिका। इसके बाद वे सीधे एंड्रज एयरफोर्स बेस रवाना हो गए, जहां से एयर इंडिया वेन में उन्होंने नई दिल्ली के लिए उडान भरी। 3 स्मार्ट शहर बनाने में मदद भारत में 100 स्मार्ट शहरों के विकास के कार्यRम को आगे बढ़ाने की योजना के तहत अमेरिका, भारत में तीन ऎसे शहरों के विकास में सहयोग देगा। भारत के 500 शहरों में नागरिक संगठनों और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर स्वच्छ पेयजल और जलमल निकासी सुविधा प्रदान करने के लिए काम करेगा।
 जिन तीन स्मार्ट शहरों के विकास में अमेरिका सहयोग करेगा, उनमें इलाहाबाद, अजमेर और विशाखापत्तनम शामिल हैं। यह ऎलान ओबामा और मोदी के बीच शिखर वार्ता के बाद किया गया। गौरतलब है कि भारत सरकार ने 100 स्मार्ट शहरों के विकास की योजना बनाई है और इस संबंध में केंद्रीय बजट में 7060 करो़ड रूपये के आवंटन का प्रस्ताव किया गया है। 500 अरब डॉलर का लक्ष्य भारत-अमेरिका कारोबार को पांच गुना बढ़ाकर 500 अरब डॉलर करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। साथ ही मोदी और ओबामा ने आर्थिक सहयोग बढ़ाने और कारोबारी निवेश को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त कार्यRम स्थापित करने की बात कही। इसके साथ ही मोदी ने अमेरिकी उद्योगों से भारत में अपना आधार बनाने और इसे बढ़ाने का आग्रह किया, इससे पहले कि \'देर हो जाए।\' पीएम ने अमेरिका-भारत कारोबार परिषद (यूएसआईबीसी) से कहा कि वह अगले छह महीने में भारत में कारोबार को सुगम बनाने के लिए सभी जरूरी चीजें लागू कर देंगे। यूएसआईबीसी ने मोदी को बताया कि उन्होंने अगले तीन साल में अपने सदस्यों की ओर से भारत में 41 अरब डॉलर के निवेश की पहचान की है। परमाणु क्लबों पर समर्थन अमेरिका ने विशिष्ट परमाणु क्लबों में भारत की एंट्री और सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्य के तौर पर उसकी दावेदारी के समर्थन की बात कहते हुए , भारत के साथ अपने रणनीतिक संबंधों को विस्तार दिया। इसके अलावा दोनों देशों ने 2005 के असैन्य परमाणु करार को तेजी से लागू करने से जु़डे जवाबदेही और तकनीकी मुद्दों को सुलझाने के लिए अंतर एजेंसी संपर्क समूह बनाने का फैसला किया है। साथ ही दौरे की अन्य उपलब्धियों में 10 साल के रक्षा सहयोग ढांचे का नवीकरण , नेविगेशन सहयोग समझौता और हाई टेक्नॉलजी , अंतरिक्ष और स्वास्थ्य सहयोग समेत कई अन्य पहल शामिल हैं। मार्स पर मिलकर काम मंगल की कक्षा में अपने - अपने अंतरिक्ष यान भेजने के बाद भारत और अमेरिका भविष्य में लाल ग्रह के रहस्यों की खोज के लिए साथ मिलकर काम करने पर सहमत हो गए हैं। अमेरिका का कहना है कि इससे दोनों देशों को और दुनिया को काफी लाभ होगा।
 इस संबंध में कल टोरंटो में इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉटिकल कांग्रेस से इतर नासा के प्रशासक चार्ल्स बोल्डेन और इसरो के अध्यक्ष के . राधाकृष्णन ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। साइन किए गए चार्टर के अनुसार , नासा - इसरो मार्स वकिं№ग ग्रूप की स्थापना की जाएगी। यह समूह मंगल अभियानों के लिए दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने संबंधी क्षेत्रों की पहचान करेगा। मोबाइल गवनें№स मोदी ने कहा है कि ई गवनें№स में उनकी और ओबामा की रूचि एक जैसी है। दोनों ही मोबाइल गवनें№स के कार्यRम लागू करने में लगे हैं। मोदी ने कहा कि डिजिटल भारत अभियान के तहत मोबाइल के माध्मय से सरकारी सेवाओं को जनता तक पहुंचाने की योजना है। इससे पूरा \' मेक इन इंडिया \' कार्यRम डिजिटल जगत से जुडा है। मैं भी डिजिटल नेटवर्क से जु़डा हूं। ओबामा और मोदी के संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने डिजिटल भारत कार्यRम में भागीदारी की प्रतिबद्धता व्यक्त की है , जिसका लक्ष्य ई गवनें№स , ई सेवा , औद्योगिक सहयोग और भारतीय नागरिकों को डिजिटल टेक्नॉलजी के जरिए शक्ति संपन्न बनाना है।
 क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों से निपटेंगे जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रयासों में तेजी लाने की इच्छा व्यक्त करते हुए भारत और अमेरिका ने एक एमओयू को अंतिम रूप दिया। इसमें भारत के कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने और जलवायु के अनुरूप उर्जा अर्थव्यवस्था तैयार करने में मदद के लिए एक अरब डॉलर प्रदान करने की बात कही गई है। मोदी और ओबामा ने निर्यात आयात बैंक और भारतीय नवीकरणीय उर्जा विकास एजेंसी के बीच गठजो़ड को मजबूत बनाने का स्वागत किया , जो भारत को अमेरिकी नवीकरणीय उर्जा निर्यात को बढ़ावा देगा। दोनों नेताओं ने उर्जा सुरक्षा , स्वच्छ उर्जा और जलवायु परिवर्तन पर \' नए और ब़डे रणनीतिक गठजो़ड पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन को कम करने और जलवायु परिवर्तन के संबंध में और लचीलापन लाने के महत्व को रेखांकित कч या।

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