मंत्री का सुझाव, शेर और बाघों को घर में पालने का बने कानून

By: Team Aapkisaheli | Posted: 02 Mar, 2015

मंत्री का सुझाव, शेर और बाघों को घर में पालने का बने कानून
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश की एक मंत्री ने हैरान करने वाला सुझाव देते हुए ऎसा कानून बनाए जाने की मांग की है जो लोगों को शेर और बाघ जैसे विशालकाय जानवरों को घरों में पालतू जानवरों की तरह रखने की अनुमति दे। ऎसा उन्होंने बाघों के संरक्षण का हवाला देते हुए कहा है। पशुपालन, बागवानी और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री कुसुम मेहदले ने राज्य के वन विभाग को भेजे एक प्रस्ताव में थाइलैंड जैसे दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों और कुछ अफ्रीकी देशों में ऎसे कानूनी प्रावधान होने का हवाला देते हुए देश में भी ऎसे कानून की मांग की है।

उनका कहना है कि जिन देशों में पहले से ऎसा कानून है, वहां इन विशालकाय जानवरों की आबादी को बढ़ाने में मदद मिली है। देश में बाघों के संरक्षण के लिए विभिन्न परियोजनाओं की ओर ध्यान दिलाते हुए मंत्री ने कहा है कि इन परियोजनाओं पर करो़डों रूपये खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन बाघों की संख्या में कोई आpर्यजनक वृद्धि नहीं हुई है। मंत्री ने कहा है कि थाइलैंड और कुछ अन्य देशों में लोगों को शेरों और बाघों को पालतू जानवरों के तौर पर रखने के लिए कानूनी मान्यता है। उन्होंने इसके साथ ही कहा है कि इन देशों में ऎसे जानवरों की संख्या में आpर्यजनक तरीके से वृद्धि हुई है।

राज्य के वन मंत्री गौरीशंकर शेजवार को पिछले साल सितंबर में भेजे गए प्रस्ताव में मंत्री ने कहा है कि अगर ऎसी कोई संभावना तलाशी जाती है तो जरूरी कार्रवाई करते हुए दिशानिर्देश पारित किए जाएं। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में छह बाघ संरक्षण अभयारण्य हैं जहां 257 बाघ हैं। इनमें बांधवगढ, कान्हा, पन्ना, बोरी सतपु़डा, संजय-दुबरी और पेंच शामिल हैं। देश में वर्ष 2010 में बाघों की अनुमानित संख्या 1706 थी, जो ताजा आंक़डों के अनुसार 2014 में 2226 बतायी जाती है।

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