भारत की अर्जी खारिज, आठ बैडमिंटन खिलाडी अयोग्य करार

By: Team Aapkisaheli | Posted: 01 , 2012

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भारत की अर्जी खारिज, आठ बैडमिंटन खिलाडी अयोग्य करार
लंदन। ओलिंपिक बैडमिंटन टूर्नामेंट में मैच फिक्सिंग में शामिल आठ खिलाडियों को इन खेलों से अयोग्य घोषित कर दिया गया है। इनमें चार दक्षिण कोरिया के तथा इंडानेशिया और चीन की दो-दो खिलाडी शामिल हैं। इनमें चीन की वांग जियाओली एवं वू यांग, इंडोनेशिया की ग्रेसिया पोली एवं मेलिएना जौहारी, दक्षिण कोरिया की जूंग क्यूंग युन एवं किम हा ना तथा दक्षिण कोरिया की ही हा जुंग युन एवं किम मिन जुंग है। इन्हें विश्व बैडमिंटन महासंघ की अनुशासनात्मक जांच के बाद अयोग्य घोषित किया गया। इन खिलाडियों पर आरोप था उन्होंने पसंदीदा ड्रा हासिल करने के लिये जानबूझकर अपने मैच गंवाये। दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक संघ ने भारत की उस अपील को खारिज कर दिया है जिसमें भारत ने जापान के खिलाडियों पर जानबूझकर मैच हारने का आरोप लगाया था। भारत ने जापान के खिलाफ अपील की थी। भारतीय बैडमिंटन टीम ने खिलाडियों के जानबूझकर हारने के मामले में भारतीय ओलिंपिक संघ में शिकायत दर्ज कराई थी जिसे संघ ने आगे बढा दिया था। इसके बाद आरोपों की बुधवार को अनुशासनात्मक सुनवाई की गयी। विश्व बैडमिंटन महासंघ ने चीन, दक्षिण कोरिया और इंडोनेशिया की युगल खिलाडियों पर मैच जीतने के लिये अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास नहीं करने और खेल के लिये अपमानजनक और हानिकारक रवैया अपनाने के लिये अपनी आचार संहिता के तहत आरोप लगाये थे। इस मामले में सुनवाई उत्तरी लंदन बैडमिंटन स्थल वेम्बले एरेना के पास स्थित होटल में की गयी। विश्व बैडमिंटन महासंघ अधिकारियों ने सबसे पहले दक्षिण कोरियाई खिलाडियों से पूछताछ की। इसके बाद चीन और इंडोनेशिया के खिलाडियों से पूछताछ की गयी। अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति ने बैडमिंटन महासंघ को स्वयं इस विवाद से निबटने के लिये कहा था। आईओसी प्रवक्ता मार्क एडम्स ने कहा, हमें महासंघ पर पूरा भरोसा है। उन्हें इस तरह के विवादों से निबटने का अनुभव है। दुनिया के चोटी के खिलाडी और 2004 के ओलिंपिक एकल चैंपियन तौफीक हिदायत ने इस स्थिति को सर्कस मैच करार दिया। उन्होंने भी खिलाडियों को ओलिंपिक से बाहर करने की अपील की थी। हिदायत ने कहा, यदि उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया जाता है तो मुझे खुशी होगी। मैं जानता हूं कि मैं इंडोनेशिया से हूं और महिला युगल जोडी इंडोनेशिया की है लेकिन मैं ऎसा खेल के हित में कह रहा हूं। जो कुछ हुआ वह खेल भावना के अनुकूल नहीं है। तब संदेह हुआ जब... इन मैचों पर तब संदेह हुआ जबकि चीनी टीम आसानी से डेनमार्क की टीम से हार गयी थी। उनकी योजना यह थी चीन स्वर्ण और रजत पदक जीते लेकिन यह तभी संभव था जबकि चीनी जोडी मैच हारती। इससे उसे सेमीफाइनल से पहले अपनी हमवतन जोडी से नहीं भिडना पडता। एक अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, इस तरह की घटनाएं आम हैं लेकिन ओलिंपिक जैसी प्रतियोगिता में ऎसा नहीं होता है। जिन खिलाडियों को बाहर किया गया है उनमें से दो खिलाडियों ने जान बूझकर नेट पर सर्विस की या शटलकॉक वाइड फेंक दी। ग्रुप चार के लिये क्वालीफाई कर चुकी दो जोडियों ने कमजोर प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ खेलने के लिये ऎसा किया। चीन की यू यांग और वांग शियाओली और दक्षिण कोरिया के गैर वरीय जुंग क्युंग और किम हा ना के बीच मैच संदेह के घेरे में है। चीनी जोडी यह मैच भारी अंतर से हारी। बाद में दक्षिण कोरिया के तीसरी वरीयता प्राप्त हा जे और किम मिन जुंग ने इंडोनेशिया के मेलियाना जौहरी और पोली ग्रेसिया के बीच मैच की भी विश्व बैडमिंटन महासंघ जांच कर रहा है। इस बीच चीनी मीडिया ने जानबूझकर ओलिंपिक मैच हारने के आरोपों के बाद इन आठों खिलाडियों की निंदा की। शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अधिकारी ने कहा, कोर्ट पर इन चार टीमों में जज्बे की कमी दिखी और इनमें जीत की इच्छा भी नहीं थी। इस तरह का बर्ताव उचित स्पर्धा की ओलिंपिक भावना का पूरी तरह से उल्लंघन करता है। चीन की ओलिंपिक एथलीटों का यह दूसरा विवाद था क्योंकि 16 वर्षीय तैराक ये शिवेन के 400 मी व्यक्तिगत मेडले में रिकार्ड के साथ स्वर्ण जीतने के बाद डोपिंग का संदेह जताया जा रहा है।
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