कच्चे तेल के आयात में कटौती, कीमत पांच माह के निचले स्तर पर

By: Team Aapkisaheli | Posted: 15 May, 2012

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 कच्चे तेल के आयात में कटौती, कीमत पांच माह के निचले स्तर पर
नई दिल्ली। अमेरिकी दबाव के बीच भारत ने मंगलवार को स्वीकार किया कि उसने ईरान से कच्चे तेल के आयात में बडे पैमाने पर कटौती की है। वहीं दूसरी ओर यूरोप में ऋण संकट को लेकर बढी चिंता के बीच एशियाई कारोबार में कच्चे तेल की कीमत घटकर करीब 94 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई जो पांच माह का निम्न स्तर है।

पेट्रोलियम राज्य मंत्री आर पी एन सिंह ने कहा कि 2010-11 और 2011-12 के दौरान भारतीय तेल कंपनियों ने ईरान से 18.5 एमएमटी और 17.44 एमएमटी कच्चे तेल का आयात किया। उन्होंने बताया कि 2012-13 में ईरान से 15.5 एमएमटी कच्चे तेल का आयात किया जाना है। सिंह ने धर्मेद्र प्रधान के सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विश्व के किसी भी क्षेत्र विशेष पर अपनी निर्भरता कम करने और देश की ऊर्जा सुरक्षा को सुदृढ बनाने के लिए भारत कच्चे तेल के आयातों के अपने स्त्रोतों का विविधीकरण करने के लिए लगातार प्रयास करता रहा है।

सिंह ने कहा कि भारत अभी 30 से ज्यादा देशों से कच्चे तेल का आयात कर रहा है। न्यूयॉर्क मर्केटाइल एक्सचेंज में जून डिलीवरी के लिए कच्चे तेल की कीमत 44 सेंट्स घटकर 94.34 डॉलर प्रति बैरल रही। दिसंबर के बाद तेल कीमत का यह निम्न स्तर है। ब्रेंट क्रूड की कीमत जुलाई डिलीवरी के लिए 45 सेंट्स घटकर 110.55 डॉलर प्रति बैरल रही।

दुनिया के सबसे अधिक तेल खपत वाले देश अमेरिका तथा चीन में आर्थिक नरमी के संकेत के बीच इस माह की शुरूआत से अब तक कच्चे तेल की कीमत में 11 प्रतिशत की कमी आ चुकी है। माह की शुरूआत में कच्चे तेल की कीमत 106 डॉलर प्रति बैरल थी। विशेषज्ञों के अनुसार यूनान में नए सरकार के गठन को लेकर अनिश्चितता तथा यूरो क्षेत्र में गहराते ऋण संकट के कारण कच्चे तेल की कीमत में नरमी आई है।
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