सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण से कहा, हर चीज के लिए एक लक्ष्मण रेखा है
By: Team Aapkisaheli | Posted: 20 , 2020
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश अरुण मिश्रा ने वरिष्ठ अधिवक्ता
प्रशांत भूषण के खिलाफ अदालत की अवमानना मामले में सजा पर सुनवाई के दौरान
कहा कि हर चीज की एक लक्ष्मण रेखा होती है, जो कि परंपराओं या तय नियमों पर
आधारित है, जिसे कभी नहीं तोड़ा जाना चाहिए। न्यायमूर्ति मिश्रा की
अध्यक्षता वाली पीठ ने गुरुवार को भूषण से कहा कि अगर आप अपनी टिप्पणियों
को संतुलित नहीं करते हैं, तो आप संस्थान को नष्ट कर देंगे और अदालत इतनी
आसानी से अवमानना की सजा नहीं देती है।
न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा,
संतुलन होना ही चाहिए। संयम तो होना ही चाहिए। हर चीज के लिए एक लक्ष्मण
रेखा होती है। आप रेखा को क्यों पार करना चाहते हैं?
सुनवाई के
दौरान भूषण ने दावा किया कि उन्होंने शीर्ष अदालत में कुछ व्यक्तिगत और
व्यावसायिक मुद्दों पर जनहित के लिए मुकदमे लड़े हैं। उन्होंने जोर देकर
कहा कि उनके ट्वीट गैरहाजिर रहने की स्थिति में नहीं किए गए।
न्यायमूर्ति
मिश्रा ने कहा कि अदालत जनहित में अच्छे मामलों को लड़ने का स्वागत करती
है। न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा, मैंने एक न्यायाधीश के रूप में 20 वर्षों
में किसी को अवमानना का दोषी नहीं ठहराया। यह मेरा पहला ऐसा आदेश है।
भूषण
का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने अदालत के समक्ष दलील
दी कि इस बात की कोई पुष्टि नहीं है कि दोनों ट्वीट्स ने शीर्ष अदालत की
महिमा को कम किया हो।
धवन ने पीठ से पूछा कि वह बताएं कि अदालत को ऐसा क्यों लगा कि भूषण के ट्वीट अपमानजनक थे। (आईएएनएस)
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