चौथा विश्व युद्ध है आतंक से लडाई : महामहिम प्रणब मुखर्जी

By: Team Aapkisaheli | Posted: 25 July, 2012

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चौथा विश्व युद्ध है आतंक से लडाई : महामहिम प्रणब मुखर्जी
नई दिल्ली। प्रणब मुखर्जी बुधवार को देश के 13वें राष्ट्रपति बन गए। संसद के ऎतिहासिक सेंट्रल हॉल में देश के चीफ जस्टिस एचएस कपाडिया ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथग्रहण की रस्म पूर्ण होने के बाद नए राष्ट्रपति के तौर पर मुखर्जी को 21 तोपों की सलामी दी गई। इस तरह वह देश की तीनों सेनाओं के सुप्रीम कमांडर व राष्ट्र के प्रथम नागरिक हो गए। शपथ ग्रहण के मौके पर ऎतिहासिक केन्द्रीय कक्ष में उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, केन्द्रीय मंत्रिपरिषद के सदस्य, राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्री, विदेशी राजनयिक, संसद सदस्य और प्रशासन तथा सेना के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। काले रंग की अचकन और उजले रंग का चूडीदार पायजामा पहने प्रणव मुखर्जी ने अंग्रेजी में ईश्वर के नाम पर संविधान एवं विधि के संरक्षण और सुरक्षा की शपथ ली। इसके बाद उन्होंने शपथ ग्रहण करने से जुडे रजिस्टर पर हस्ताक्षर किया और उपस्थित लोगों ने मेजें थपथपा कर उनका स्वागत किया। राष्ट्रपति के रूप में अपने पहले भाषण में मुखर्जी ने कहा कि शांति के स्पष्ट पुरस्कारों ने इस सच्चाई को अस्पष्ट कर दिया है कि युद्ध का युग समाप्त नहीं हुआ है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को आतंकवाद के खिलाफ लडाई को चौथा विश्व युद्ध बताया क्योंकि यह दुनिया में कहीं भी सिर उठा सकता है। मुखर्जी ने कहा, हम चौथे विश्व युद्ध के मध्य खडे हैं। तीसरा विश्व युद्ध शीत युद्ध था लेकिन एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में यह 1990 के दशक में अपनी समाçप्त तक बहुत गर्म था। आतंकवाद के खिलाफ लडाई चौथा विश्व युद्ध है, और यह विश्व युद्ध इसलिए है क्योंकि यह अपना शैतानी सिर दुनिया में कहीं भी उठा सकता है। राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा, कई अन्य देशों द्वारा आतंकवाद की खतरनाक गम्भीरता और जहरीले परिणामों को स्वीकार किए जाने के बहुत पहले से ही भारत इस लडाई के अग्रिम मोर्चे पर है। इसके बाद नए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी निवर्तमान राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील के साथ राष्ट्रपति भवन लौटे जहां गार्ड ऑफ ऑनर व अन्य औपचारिकताओं के बाद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील को उनके नए निवास तक छोडने गए। इससे पूर्व सुबह प्रणब मुखर्जी ने देश के 13वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने के लिए राष्ट्रपति भवन रवाना होने से पहले महात्मा गांधी और अन्य महत्वपूर्ण नेताओं की समाधि पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। मर्सिडीज बेंज एस-600 में सवार प्रणव सबसे पहले राजघाट पहुंचे और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उन्होंने वीर भूमि पर राजीव गांधी को श्रद्धांजलि दी। काली शेरवानी और सफेद चूडीदार पजामा पहने प्रणब ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की समाधि शक्ति स्थल और लाल बहादुर शास्त्री के समाधि स्थल पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। शहरी विकास मंत्री कमलनाथ भी प्रणब के साथ मौजूद थे।
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