रिव्यू : घर-परिवार को संवारने के लिए कई कुर्बानियां देती "सुपर नानी"

By: Team Aapkisaheli | Posted: 31 Oct, 2014

रिव्यू : घर-परिवार को संवारने के लिए कई कुर्बानियां देती
अपनी खूबसूरती और एक्टिंग से पहचान बनाने वाली अभिनेत्री रेखा ने सुपर नानी बनकर से एक बार फिर से फिल्मों मे री-एंट्री की है। 90 के दशक में "दिल" और "बेटा" जैसी फिल्में दे चुके इंद्र कुमार पुराने स्कूल के माहिर निर्देशक के तौर पर जाने जाते हैं। हाल के बरसों में वे "ग्रैंड मस्ती" जैसी सफल एडल्ट कॉमेडी भी दे चुके हैं। अब इंद्र कुमार ने रेखा को लेकर "सुपर नानी" फिल्म बनाई है। इंद्र कुमार की फिल्म सुपर नानी एक ऎसी औरत की कहानी है, जो अपने घर-परिवार को संवारने के लिए कई कुर्बानियां देती है, लेकिन उसका पति और उसके बच्चे उसकी बिल्कुल इज्जत नहीं करते। ऎसे माहौल में, उस औरत का नवासा (बेटी का बेटा) अमेरिका से आता है और सताई हुई अपनी नानी को नई दिशा देता है। अब दुनिया इस नानी के कदमों में है, और नानी-नाती मिलकर परिवार को सही रास्ते पर लाने में जुट जाते हैं।

कहानी...

भारती भाटिया (रेखा) ने पूरी जिंदगी पति आर के (रणधीर कपूर) की देखभाल की, वो भी पूरे "भारतीय संस्कारों" के साथ। वक्त गुजरने के साथ-साथ भारती का पूरा परिवार अपने-अपने काम में डूब जाता है और सबको लगता है कि भारती की जगह सिर्फ किचन में है। भारती को उनका परिवार पुराने जमाने की महिला समझता है और अक्सर उनका अपमान तक कर देता है। ऎसे में भारती का नाती मन (शरमन जोशी) की एंट्री होती है जो अमेरिका से लौटता है। मन नानी को काफी प्यार करता है और उनका दुख जल्द ही समझ लेता है। इसके बाद वो नानी को नई पहचान देने के लिए मॉडल और एक्ट्रेस बनाने का मन बना लेता है। इसके बाद कहानी में दिलचस्प मोड शुरू हो जाता है, लेकिन फिर नानी यानि रेखा क्या-क्या कमाल दिखाती है इसके लिए आपको सिनेमाघरों का रूख करना होगा।

अभिनय...

फिल्म सुपर नानी में संदेश के अलावा कुछ नहीं है स्क्रीनप्ले एकदम बचकाना लगता है। रेखा आज जो भी हैं वो अपनी एक्टिंग की ही दम पर है। ऎसे में उनकी एक्टिंग पर कोई सवाल नहीं है। दूसरी तरफ, शरमन जोशी भी को जो किरदार मिला था उसमें वो सटीक नजर नहीं आए। म्यूजिक... सुपर नानी में म्यूजिक की बात है तो ये फिल्म की कहानी से बेहतर है। फिल्म के गाने "माहेरू माहेरू", "धानी चुनरिया" के साथ "प्रभु मेरे घर को" में हर्षित सक्सेना और संजीव-दर्शन की जोडी ने अच्छा काम किया है।

क्यों ना देखें...


аफिल्म देखते वक्त ऎसा लगता जैसे कोई टीवी सीरियल देख रहे हो। फिल्म के कई सीन और डायलॉग तो इतने सस्ते और बचकाने हैं कि आपको हैरत होगी है कि रेखा, अनुपम खेर और शरमन जोशी जैसे कलाकारों ने इस फिल्म में काम करने के लिए हामी कैसे भरी।

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