दिग्विजय के खिलाफ मानहानि के मामले में सुनवाई टली

By: Team Aapkisaheli | Posted: 27 May, 2015

दिग्विजय के खिलाफ मानहानि के मामले में सुनवाई टली
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में आरोप तय करने पर बहस की सुनवाई अदालत ने मंगलवार को स्थगित कर दी। महानगर दंडाधिकारी गोमती मनोचा ने मामले में आरोप तय करने के लिए जारी बहस की सुनवाई एक अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी। इसके साथ ही न्यायालय ने दोनों नेताओं की उन याचिकाओं को भी अनुमति दे दी, जिसमें उन्होंने व्यक्तिगत उपस्थित से छूट दिए जाने की मांग की थी।

भाजपा नेता नितिन गडकरी ने एक अक्टूबर, 2012 को दिग्विजय सिंह के खिलाफ मानहानि का एक मामला दर्ज कराया था। दिग्विजय सिंह ने भाजपा सांसद अजय संचेती के साथ नितिन गडकरी के व्यापारिक संबंध होने का आरोप लगाया था। दिग्विजय ने गडकरी पर आरोप लगाया था कि संचेती को कोयला खदान आवंटन के एवज में उन्हें 490 करो़ड रूपये मिले थे।

हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने बाद में संचेती को कोयला खदान का आवंटन रद्द कर दिया था। अपनी याचिका में गडकरी ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 (मानहानि) और 500 (मानहानि के लिए सजा) के तहत मुकदमा चलाने की मांग की थी। अदालत में दर्ज कराए गए अपने बयान में गडकरी ने संचेती के साथ व्यापारिक संबंधों की बात खारिज की थी। उन्होंने यह भी कहा था कि दिग्विजय सिंह ने उनके खिलाफ पूरी तरह से झूठे और मानहानिकारक आरोप लगाए हैं।

गडकरी ने अदालत में कहा कि दिग्विजय सिंह ने कहा था कि संचेती को कोयला खदान आवंटन के लिए मैं जिम्मेदार हूं जो कि झूठ है। केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि दिग्विजय सिंह ने उनकी गरिमा कम करने, उन्हें बदनाम करने और छवि धूमिल करने के लिए उनके खिलाफ मानहानिकारक आरोप लगाए हैं। अदालत ने प्रथम दृष्टया सबूत दिग्विजय सिंह के खिलाफ पाते हुए 17 नवंबर, 2012 को उन्हें सम्मन जारी किया था। सम्मन का अनुपालन करते हुए दिग्विजय सिंह 21 दिसंबर, 2012 को न्यायालय में पेश हुए थे, जिसके बाद उन्हें जमानत दे दी गई थी।

Mixed Bag

Ifairer