पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश ने पेश की मिसाल, बेटे के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में सुनवाई शुरू की
By: Team Aapkisaheli | Posted: 07 Jun, 2012
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार चौधरी ने अपने बेटे अरसलान इफ्तिखार पर भ्रष्टाचार के आरोपों का स्वत: संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ सुनवाई शुरू कर दी है। न्यायमूर्ति चौधरी की अध्यक्षता में तीन न्यायाधीशों की खंडपीठ ने बुधवार सुबह इस मामले की सुनवाई आरंभ की। अटॉर्नी जनरल इरफान कादिर ने इस पर आपत्ति जताई कि सुनवाई करने वाली खंडपीठ में मुख्य न्यायाधीश खुद शामिल हैं और यह हितों के टकराव का मामला बनता है।
इस पर इफ्तिखार चौधरी ने कहा कि उनके बेटे अथवा जिसने भी उच्चतम न्यायालय की प्रतिष्ठा को प्रभावित किया है, उसे छोडा नहीं जाएगा। इफ्तिखार चौधरी ने कहा कि अगर उनके बेटे के खिलाफ आरोप साबित होता है तो उसे कानून के मुताबिक दंडित किया जाएगा। मुख्य न्यायाधीश ने आदेश दिया कि इस मामले से जुडे सभी पक्ष बृहस्पतिवार तक अदालत के समक्ष सबूत पेश करें। सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि उसने हुसैन और अरसलान के बीच गठजोड से जुडी खबरें कुछ चैनलों पर आने के बाद इस मामले को संज्ञान में लिया है। सुनवाई से पहले अरसलान ने संवाददाताओं से कहा कि वह इस मामले में वह निर्दोष हैं और मुख्य न्यायधीश (उनके पिता) ने उनसे मामले के निपटारे तक घर नहीं लौटने के लिए कहा था। हुसैन अदालत में पेश नहीं हुआ।
उनके एक सहयोगी ने बताया कि हुसैन ब्रिटेन में अपना उपचार करा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में हुसैन के खिलाफ कई मामले चल रहे हैं। ये मामले उन लोगों ने दायर किए हैं जिनका आरोप है कि हुसैन ने उनकी जमीन हडप ली और बहरिया शहर में मिला लिया। हुसैन सत्तारूढ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के करीबियों में गिने जाते हैं। मीडिया में उनके और अरसलान के संबंधों के खुलासे के समय को लेकर भी चर्चा है। 40 करोड की घूस लेने का आरोप पाकिस्तानी मीडिया की खबरों के मुताबिक अरसलान और रियल स्टेल उद्यमी मलिक रियाज हुसैन के बीच गठजोड है।
हुसैन पाक के बडे रईसों में गिने जाते हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में चल रहे अपने कुछ मामलों को प्रभावित करने के मकसद से अरसलान को करीब 40 करोड रूपए दिए और उन्हें विदेश दौरा भी कराया। मीडिया की खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए पाक सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने का फैसला किया।