फिर लौटा 1987 का अकाल, केन्द्र ने बनाई आपात योजना

By: Team Aapkisaheli | Posted: 25 July, 2012

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फिर लौटा 1987 का अकाल, केन्द्र ने बनाई आपात योजना
नई दिल्ली। देश के अनेक हिस्सों में समय पर व पर्याप्त बारिश नहीं होने के कारण राज्य सरकारों के साथ ही केंद्र सरकार भी चिंतित है। केन्द्र ने देशभर में सूखे जैसी स्थिति से निपटने के लिए चार सौ पचास जिलो के लिए आपात योजना तैयार की है। कहा जा रहा है कि यदि पर्याप्त वर्षा नहीं हुई तो साल 2012 में वैसे ही सूखे के हालात बनेंगे जैसे 1987 में बने थे। यहां कृषि और संसदीय मामलों के राज्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि केन्द्रीय कृषि शुष्क भूमि अनुसंधान संस्थान ने राज्य सरकारों और जिला कृषि विभाग के सहयोग से योजना तैयार की है। रावत ने बताया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पहले ही मंत्रालयों और विभागों को मॉनसून की वर्षा की कमी वाले इलाकों के प्रति सचेत रहने के निर्देश दिये हैं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सभी विभागों औेर मंत्रालयों से कहा हैे कि देश के कुछ भागों में कमजोर मॉनसून के कारण उत्पन्न स्थिति का सामना करने के लिए वे राज्य सरकारों के साथ तालमेल बनायें। प्रधानमंत्री ने सभी मंत्रालयों से हर सप्ताह स्थिति की निगरानी करने और किसी भी> स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहने को कहा है। सरकार ने कम वर्षा होने की स्थिति से निपटने के लिए जो योजना बनाई है उसमें कृषि विभाग द्वारा तैयार की गई आपात योजना तथा खेतीबाडी के लिए बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाना शामिल है। पंजाब और हरियाणा को करीब 300 मेगावाट बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। पेयजल की उपलब्धता को उच्च प्राथमिकता दी जा रही है। गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए दालों की आपूर्ति के लिए सब्सिडी बढाने का प्रस्ताव मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति के सामने लाया जा रहा है।
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