खुलासा: "बोफोर्स कांड में अमिताभ बच्चन को फंसाया गया था

By: Team Aapkisaheli | Posted: 26 Apr, 2012

शाहरूख का महिलाओं का सम्मान, शुरूआत दीपिका से करेंगे!
खुलासा:
।नई दिल्ली। बोफोर्स मामले में हुए नवीनतम खुलासे में यह बात सामने आई है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का इसमें कोई हाथ नहीं था। इस बात का खुलासा स्वीडन के पूर्व पुलिस चीफ स्टेन लिंडस्ट्रॉर्म ने किया है। बोफोर्स घोटाले का पर्दाफाश करने वाले व्हिसल ब्लोअर का कहना है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के इस सौदे में रिश्वत लेने के सबूत नहीं हैं। इस घोटाले के 25 साल बाद इस व्यक्ति ने अपनी पहचान जाहिर की है।

यह शख्स हैं स्वीडन के पूर्व पुलिस प्रमुख स्टेन लिंडस्ट्रोम। स्टेन ने एक भारतीय पत्रकार चित्रा सुब्र±मण्यम के साथ बातचीत में यह खुलासा किया है। स्टेन के मुताबिक उन्होंने ही इस घूसकांड के 350 से ज्यादा डॉक्यूमेंट भारतीय पत्रकारों को दिए थे और इसी से बोफोर्स डील में दलाली का खुलासा हुआ था। राजीव गांधी सरकार ने 1986 में स्वीडन की बोफोर्स एबी कंपनी से 400 तोपों का 1437 करोड रूपये में सौदा किया था। सौदे के साल भर बाद ही 1987 में अंग्रेजी अखबार की पत्रकार चित्रा सुब्रमण्यम ने खुलासा किया कि इस सौदे में दलाली का खेल हुआ और इस खेल का सूत्रधार हथियारों का दलाल ओत्तावियो क्वात्रोकी था।

अमिताभ बच्चन को फंसाया...


लिंडस्ट्रोम के मुताबिक बोफोर्स घोटाले में अमिताभ बच्चन का नाम जोडने के लिए उन पर दबाव बनाया गया था। ऎसा ही दावा उनसे इंटरव्यू लेने वाली वरिष्ठ पत्रकार चित्रा सुब्रमण्यम ने भी किया है। चित्रा सुब्रमण्यम के मुताबिक, जब वीपी सिंह की सरकार थी तब मेरे ऊपर बोफोर्स घोटाले में अमिताभ बच्चन का नाम उछालने का दबाव बनाया जा रहा था। बोफोर्स घोटाले में अमिताभ बच्चन बेदाग साबित हो चुके हैं लेकिन उनको बदनाम करने की जमकर कोशिश की गई। लिंडस्ट्रोम ने चित्रा सुब्रमण्यम को दिए इंटरव्यू में कहा, 1990 में मुझ पर कुछ लोगों ने दबाव डाला कि बोफोर्स केस में अमिताभ बच्चन का नाम भी जोडा जाए। चित्रा सुब्रमण्यम के मुताबिक जब जांच में अमिताभ बच्चन के खिलाफ कुछ नहीं निकला तो पत्रकारों पर भी अमिताभ का नाम घसीटने का दबाव डाला गया।

बोफोर्स के धब्बे से पाक-साफ निकलने पर खुश हूं : अमिताभ

बोफोर्स रिश्वत मामले में क्लीन चिट मिल जाने पर बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चान ने खुशी जताई है। महानायक ने बुधवार को कहा कि वह इस बात से दुखी हैं कि सच्चााई 25 वर्षो के बाद सामने आई। पत्रकारों से बातचीत में बच्चान ने बोफोर्स मामले में स्वीडन के एक जांचकर्ता के खुलासों का स्वागत किया। बच्चन ने कहा कि इन वर्षो में वह अपमान एवं प्रतिष्ठा की हानि के साथ जीवन बिताए। उन्होंने कहा, ""मैं खुश हूं कि सच्चााई 25 वर्षो के बाद उजागर हुई।""
महानायक ने हालांकि कहा कि काश उनके पिता स्वर्गीय हरिवंश राय बच्चान यह देख पाते। उन्होंने कहा, ""मेरा परिवार बोफोर्स मामले की सच्चााई पहले दिन से ही जानता था।"" बच्चान ने कहा, ""मेरे पिता ने एक बार मुझसे पूछा था कि क्या मैं वास्तव में इस घोटाले में संलिप्त हूं। मेरी इच्छा थी कि इस सच्चााई से पर्दा मेरे पिता के जीवित रहते उठे।""
  अपने ब्लॉग "बिगबी डॉट बिगअड्डा डॉट कॉम" पर अमिताभ ने लिखा कि वह अपना व्यक्तिगत अनुभव बता रहे हैं। घटना के 25 साल बाद उन्हें एक-एक करके सभी घटनाएं याद आ रही हैं। उन्होंने लिखा, ""किसी को भी इसका एहसास नहीं हो सकता कि इस दौरान मैं कितनी पी़डा से गुजरा।"" अमिताभ की पत्नी व राज्यसभा सांसद जया बच्चान ने कहा, ""हम तो सच्चााई 25 साल पहले भी जानते थे। लेकिन न्याय मिलने में समय लगता है। हम निर्दोष साबित हुए।""

जांच पर कोई सरकार गंभीर नहीं...

लिंडस्ट्रोम और चित्रा सुब्रमण्यम का कहना है कि क्वात्रोकी को सजा दिलाने की बात तो छोडिए, कोई भी सरकार बोफोर्स घोटाले की जांच को लेकर गंभीर नहीं रही। यह पूछे जाने पर कि 25 साल बाद क्क्या किया जा सकता है, चित्रा सुब्रमण्यम ने कहा, चाहे कुछ भी हो लेकिन चुप रहना कोई विकल्प नहीं है। स्वीडन पुलिस के पूर्व प्रमुख स्टेन लिंडस्ट्रोम और घोटाला उजागर करने वाली पत्रकार चित्रा सुब्रमण्यम को भरोसा है कि इस खुलासे के बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ लडाई फिर तेज होगी।

ये था बोफोर्स मामला...

1986 में भारत सरकार ने स्वीडन की एक कंपनी एबी बोफोर्स से 155 एमएम की 410 होवित्जर बोफोर्स तोपें खरीदी थी। कुल सौदा 1437 करोड रूपये में हुआ था। 16 अप्रैल 1987 को स्वीडिश रेडियो ने खुलासा किया कि फर्म ने सौदे के लिए रिश्वत दी थी। सौदे में स्वीडिश हथियार निर्माता कंपनी एबी बोफोर्स से क्वात्रोकी पर दलाली का आरोप लगा। 22 जनवरी 1990 को सीबीआई ने मामले में रिपोर्ट दर्ज की थी। 
शाहरूख का महिलाओं का सम्मान, शुरूआत दीपिका से करेंगे!Next

Mixed Bag

Ifairer