भाषा और क्षेत्र से ज्यादा फिल्में करने में मजा आता है: ऐश

By: Team Aapkisaheli | Posted: 03 May, 2016

भाषा और क्षेत्र से ज्यादा फिल्में करने में मजा आता है: ऐश
अपनी बेटी आराध्य के जन्म के पाँच साल बाद संजय गुप्ता की असफल फिल्म ‘जज्बा’ के जरिए फिल्मी परदे पर अपनी दूसरी पारी की शुरूआत करने वाली ऐश्वर्या राय बच्चन इन दिनों 20 मई को प्रदर्शित होने जा रही ओमंग कुमार की फिल्म ‘सरबजीत’ को लेकर सुर्खियों में हैं। इस फिल्म के ट्रेलर ने बॉक्स ऑफिस के लिए काफी उम्मीदें जगा दी हैं। यह उम्मीदें पूरी होंगी या नहीं यह तो अभी से नहीं कहा जा सकता लेकिन इन फिल्मों ने ऐश्वर्या को पूरी तरह से बॉलीवुड में फिर से सक्रिय कर दिया है।

वैश्विक मंच पर भारत का नाम रोशन करने वाले शुरूआती कलाकारों में से एक ऐश्वर्या राय बच्चन का कहना है कि उन्हें हर तरह की फिल्में करना पसंद हैं, फिर चाहे उन फिल्मों की भाषा या क्षेत्र कोई भी हो। बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा और दीपिका पादुकोण हॉलीवुड की बड़ी फे्रंचाइजी फिल्मों में काम कर रही हैं, वहीं ऐश्वर्या ‘ब्राइड एंड प्रिज्यूडिस’, ‘पिंक पैंथर 2’, ‘मिस्ट्रेस ऑफ स्पाइसेज’ और ‘प्रोवोक्ड’ जैसे अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट पर काम कर चुकी हैं।

जब ऐश्वर्या से पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि अंतरराष्ट्रीय फिल्मकार भारतीय सितारों के साथ काम करने के लिए तैयार हो रहे हैं, तो उन्होंने कहा, ‘‘उन सभी कलाकारों को बधाई, जो हर तरह का सिनेमा कर रहे हैं। मुझे नहीं लगता कि सिनेमा का स्थानीयकरण किया जाना चाहिए। मेरा रवैया हमेशा यही रहा है।’’ ऐश्वर्या ने कहा कि उन्होंने हमेशा विविधता से भरी भूमिकाएं करने में यकीन किया है यह उनके द्वारा की गई फिल्मों में झलकता है।

ऐश्वर्या ने बताया, ‘‘विविधता से भरी भूमिकाएं करने में यकीन के कारण ही मैंने शायद करियर की शुरूआत ‘इरूवर’ के साथ कीं....मैं यहां एक कलाकार बनने के लिए हूं और मुझे सिनेमा का हिस्सा बनकर अच्छा लगता है फिर चाहे वह किसी भी क्षेत्र, भाषा की हो और कहीं भी बनाई जाए। मुझे सिनेमा से प्यार है।’’ इस साल ऐश्वर्या को कान फिल्म समारोह में रेड कारपेट पर चलने के 15 साल हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि फिल्में चुनने के लिए उनका रवैया बिल्कुल सरल रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कभी इस बात को लेकर हो-हल्ला नहीं मचाया कि फिल्म कहां बन रही है। मेरा यह रवैया रहा है और आज भी यह कायम है। यही वजह है कि मुझे दक्षिण भारतीय फिल्मों, हिंदी सिनेमा, बंगाली फिल्मों और कुछ अंग्रेजी फिल्मों में काम करने के शानदार मौके मिले।’’

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