1 of 1 parts

आह ऊह आउच को अब कहे दें बाय

By: Team Aapkisaheli | Posted: 25 Aug, 2012

आह ऊह आउच को अब कहे दें बाय
आप चाहे कितनी भी समझदार मां क्यों ना हो, लेकिन बच्चो को गोद में उठाने के मामले में आप अकसर कुछ ना कुछ गलतियों तो जरूर करती होंगी। इसका सबसे ज्यादा असर आपकी रीढ की हड्डी पर पडता है और कमर दर्द हो जाता है। लेकिन आपको यह भी पता होना चाहिए कि बच्चो को कमर पर लेकर चलना आपकी कमर को कितना नुकसान पहुंचा सकता है। शोधकर्ताओं के द्वारा पता चला है कि कमर दर्द के मरीजों में हर साल लगभग एक करोड मदर्स शामिल होती है। पहले गर्भावस्था, फिर बच्चें को गोद में लेकर चलना और साथ में घर का काम करने से आपको कमर दर्द की समस्या होने की आशंका बढ जाती है। इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि आप अपने प्यार-दुलार और जिम्मेदारियों से मुंह मोड लें, लेकिन कुछ बातों का ख्याल रखना बेहद जरूरी है।
ऎक्सरसाइज करें फिट रहें
अकसर यह देखा गया है कि गर्भावस्था के बाद महिलाओं का पेट वाला हिस्सा लटक जाता है और इसका असर रीढ को सहारा देने वाली मांसपेशियों पर भी पडता है। इसके 2-3 साल में दूसरा बच्चाा होने के बाद तो मामला और भी बिगड जाता है। इसलिए यदि आप स्वस्थ रहना चाहती हैं, तो हैल्थ को लेकर सजग रहें और नियमित पैदल भ्रमण करें और कसरत भी करें।
बच्चो को गोद में ध्यान से उठाएं
बच्चों को हिप्स पर उठाना काफी आरामदायक लगता है, लेकिन लम्बे समय तक ऎसा करने से आप की बॉडी का आकार बिगड सकता है। इतना ही नहीं, इससे आपकी रीढ को सहारा देने वाली मांसपेशियों पर भी जोर पडता है और वे कमजोर हो जाती हैं। इसलिए बेहतर होगा कि आप बच्चो को छाती से चिपकाकर उठाएं और उसकी दोनों टांगें शरीर की दोनों साइड में कर लें।
ज्यादा झुकें नहीं
हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि बच्चो को गोद में उठाने के लिए ज्यादा झुकने की वजह से भी आपकी कमर में तकलीफ हो सकती है, इसलिए बेहतर होगा कि आप बच्चो को झुककर उठाने की बजाय खडा होना जानता है, तो उसे खडे होकर उठाएं।
ज्यादा वजन से बचें
कभी एक साथ ज्यादा वजन उठाने की कोशिश ना करें। बेहतर होगो कि बाजार में खरीदारी करते समय ट्रॉली की बजाय टोकरी में सामान इससे आपको अंदाजा रहेगा कि आपने कितने वजन का सामान खरीदा है। साथ ही, एक हाथ में सामान उठाने की बजाय दोनों हाथों में आधा-आधा सामान लें।
ना डालें कमर पर दबाव
ज्यादातर नई माताएं अपने बच्चो को दिन में कम से कम 40 मिनट तो उठाती ही हैं, जबकि दो साल पूरे करते-करते उसी बच्चो का वजन 13- से 18 किलो तक हो जाता है। इसलिए जब आप बच्चो को उठाएं, तो इसके लिए कमर पर दबाव ना डालें। यदि आप सम्भलकर बच्चो को उठाएंगी, तो आप कमर दर्द से बच सकती हैं।
हील्स पहनें से बचें
एक या डेढ इंच की ऊंची एडी वाली सैंडल ठीक है, लेकिन इससे जयादा ऊंची एडी की कई मांसपेशियों को छोटा कर सकती हैं। इससे कमर के निचले हिस्से पर खिचांव पडता है।

Mixed Bag

Ifairer