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खेलोंगे-कूदोंगे तो बनोंगे नवाब

By: Team Aapkisaheli | Posted: 27 Sep, 2012

खेलोंगे-कूदोंगे तो बनोंगे नवाब
खेलकूद में करियर बनाने के इच्छुकों के लिए आईजी स्कूल ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंस ज्ञान के साथ-साथ अनेक रोमांचकारी अनुभव उपलब्ध कराता है। फिजिकल एजुकेशन के क्षेत्र में करियर बनाने वालों के लिए इंदिरा गांधी इंस्टीटय़ूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंस एक महत्वपूर्ण केंद्र है। 1987 में दिल्ली सरकार की पहल पर विकास पुरी में स्थापित यह इंस्टीटय़ूट खेलकूद को शिक्षा का हिस्सा बना कर उसे प्रोत्साहित करने में अहम भूमिका निभा रहा है। बीएससी, बीपीएड और एमपीएड करके यहां हर वर्ष बहुत से युवा खेल की दुनिया में करियर बना रहे हैं। खेल का एक बडे उद्योग के रूप में तब्दील होने पर यह क्षेत्र आए दिन कई अवसर लेकर सामने आ रहा है। संस्थान में हर वर्ष दाखिला लेने वालों की संख्या बढती जा रही है, जो इसके लोकप्रिय होने का प्रमाण है।
कौन-कौन कोर्स?
दिल्ली विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ इंटरडिसिप्लिनरी एंड एप्लायड साइंसेज के तहत इसमें फिजिकल एजुकेशन से संबंधित कई कोर्स शुरू किए गये, जिनमें स्त्रातक स्तर पर प्रमुख कोर्स बीएससी फिजिकल एजुकेशन, हेल्थ एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स प्रमुख हैं। इसे लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीटय़ूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन ग्वालियर, नेताजी सुभाष इंस्टीटय़ूट ऑफ स्पोर्ट्स पटियाला और सेंट्रल हेल्थ एजुकेशन ब्यूरो जैसे संस्थानों की प्रोफेशनल सलाह के बाद तैयार किया गया। इसके अलावा, बीपीएड यानी बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन तथा एमपीएड यानी मास्टर ऑफ फिजिकल एजुकेशन का कोर्स भी चल रहा है।
कैसे मिले एडमिशन
इन कोर्सेज में दाखिला हर वर्ष लिखित परीक्षा, फिजिकल फिटनेस टैस्ट और साक्षात्कार के आधार पर होता है। बीपीएड में पहले लिखित परीक्षा, स्पोर्ट्स प्रोफिशिएंसी, फिजिकल फिटनेस टैस्ट, खेलकूद की क्षमता की परख और साक्षात्कार आदि से गुजरना होता है। इसके अलावा, बारहवीं के बेस्ट फोर के एकेडमिक परफॉर्मेस को भी 20 फीसदी वेटेज देकर दाखिले की मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है। कुछ ऎसी ही प्रक्रिया एमपीएड में भी दाखिले के लिए है।
लिखित परीक्षाओं का पाठयक्रम पहले ही छात्रों को बताया दिया जाता है। निर्धारित पाठयक्रम से ही सवाल पूछे जाते हैं। दाखिला पाने के बाद कोर्स में उन्हीं छात्रों को सालाना परीक्षा में बैठने दिया जाता है, जिन्होंने तय हाजिरी पूरी की है। जैसे बीएससी फिजिकल एजुकेशन के लिए 66, बीपीएड के लिए 75 और एमपीएड के लिए 80 प्रतिशत की अनिवार्यता रखी गई है। दाखिले की प्रक्रिया मई के आखिरी सप्ताह से शुरू होकर जून- जुलाई तक चलती है।
सीटों का फॉर्मूला
बीएससी फिजिकल एजुकेशन में 108 सीटें, बीपीएड में 77 और एमपीएड में 39 सीटे हैं। ओबीसी कोटा लागू होने के बाद संस्थान में सभी कोर्सेज में 54 फीसदी सीटों का इजाफा किया गया है। दाखिले की फीस विभिन्न कोर्सो में सालाना 7100 रूपये से 7500 रूपये के बीच है।
कोर्स में तब्दीली
खेल के स्वरूपों में आए बदलाव और क़डी प्रतिस्पर्धा को देखते हुए इसके कोर्सो के ढांचे और पाठयक्रम में तब्दीली लाई गई है। एमपीएड के कोर्स को सेमेस्टर सिस्टम के मुताबिक तैयार किया गया है। दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध होने के कारण यहां भी विभिन्न कोर्स में सेमेस्टर सिस्टम लागू किया गया है। दो वर्ष का यह कोर्स चार सेमेस्टर का हो गया है। इसमें खेल के क्षेत्र में रिसर्च प्रोसेस व स्टेटिस्टिकल टेक्नीक के बाद खेलों में स्पेशलाइजेशन के पेपर भी हैं। बीपीएड कोर्स को भी संशोधित किया गया है। इसमें अलग दो सेमेस्टर में फिजिकल एजुकेशन के शिक्षण की प्रक्रिया के बारे में प्रशिक्षित किया जाता है। यह कोर्स एक साल का है।
इसमें थ्योरी और प्रेक्टिकल, दोनों भागों को बराबर महत्व दिया गया है। इसमें एड ऑन कोर्स के रूप में स्पोर्ट्स जर्नलिज्म, जिम ऑपरेशन, व्यक्तित्व विकास, कंप्यूटर एप्लीकेशन, एरोबिक्स, योग, हेल्थ मैनेजमेंट जैसी चीजें शामिल की गई हैं। दूसरे सेमेस्टर में छात्रों को कम से कम एक पेपर जरूर विकल्प के तौर पर पढना होता है। बीएससी फिजिकल एजुकेशन का कोर्स भी संशोधित करके छह सेमेस्टर का हो गया है, जिसमें वैकल्पिक पेपर के तौर पर स्पोर्ट्स न्यूट्रिशन, कंप्यूटेशनल टेक्नोलॉजी, फिजियोथेरेपी, स्पोर्ट्स जर्नलिज्म, शारीरिक विकास, स्पोर्ट्स उद्योग, इंस्ट्रूक्टर, गुस्सा व तनाव प्रबंधन, ईवेंट मैनेजमेंट जैसी चीजें शामिल की गई हैं।
सुविधाएं
इंस्टीटय़ूट में स्पोर्ट्स साइंस लैबोरेटरी तैयार की जा रही है। यहां बायो मैकेनिक्स, एक्सरसाइज फिजियोलॉजी, स्पोर्ट्स फिजियोथेरेपी, स्पोर्ट्स साइकोलॉजी को लेकर काम होगा। संस्थान प्लेसमेंट सेल खोलने की भी तैयारी कर रहा है। कòरियर कहां इसमें बीएससी कोर्स करने के बाद छात्र खेल से संबंधित गतिविधियों, उद्योग व मैनेजमेंट के क्षेत्र में अवसर तलाशते हैं। बीपीएड करने के बाद आमतौर पर छात्रों को स्कूलों में स्पोर्ट्स यानी फिजिकल एजुकेशन विभाग में शिक्षक बनने का मौका मिलता है। आज खेल को पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा बनाया जा रहा है।
ऎसे में सभी स्कूलों में फिजिकल एजुकेशन के शिक्षक रखे जा रहे हैं। इसी तरह एमपीएड करने के बाद छात्र पीएचडी आदि करके कॉलेजों में फिजिकल एजुकेशन विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर, प्रोफेसर आदि बनते हैं। खेल के विशेषज्ञों को ट्रेनिंग सेंटर, स्पोर्ट्स मैनेजमेंट व ईवेंट मैनेजमेंट उद्योग में भी कई अवसर मुहैया कराए जाते हैं। संस्थान में आने वाले समय में फिजिकल एजुकेशन व स्पोर्ट्स साइंस से जु़डी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। यहा छात्रों के लिए कई सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू किए जाएंगे, जिनमें योग, हॉलिस्टिक पर्सनेलिटी डेवलपमेंट, एरोबिक्स और जिम ऑपरेशन जैसे कोर्स हैं। ये सेल्फ फाइनेंसिंग कोर्स है। इसमें सितंबर-अक्तूबर में दाखिले का काम शुरू होता है।

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