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थीम बेस्ड इंटीरियर

By: Team Aapkisaheli | Posted: 14 Apr, 2012

थीम बेस्ड इंटीरियर
मोरक्कन थीम पर सजा लिविंग रूम इसमें ब्राइट और वाइबें्रट कलर्स का प्रयोग किया जाता है, जो मोटे तौर पर ऑरेंज, रेड, डीप ब्लू और ग्रीन, सैंड, गोल्ड और सिल्वर के शेड्स होते हैं। कॉपिटेराकोटा टाइल्स, सेरामिक या टेराकोटा के पॉट्स, बुनी हुई टोकरियां, फिलिग्रीन वर्क, कलरफुल मोजैक टाइल्स, हेवी वर्क वाले सिल्क कवर्स चढे तकिए, शीशे के लालटेन, शीशे के जार में सजी परफ्यूम वाली मोमबत्तियां, दीवान और उसके पास सजा हुक्का और पाम या फाइकस जैसे पौधे मोरक्कन थीम के इंटीरियर में शामिल होते है। मेडिटरेनियन
कंप्लीट मेडिटरेनियन माहौल के लिए घास की चटाइयां, पाइन या व्हाइट फ्लोर्स, फ्लोरिंग में मार्बल, कोस्टर्स और केंडल होल्डर्स, हल्के सफेद और लाइट फैब्रिक वाले कटेंüस, कलरफुल कुशंस, रॉट आयरन के केडल होल्डर्स, पाइन या रॉट आयरन फर्नीचर जैसी चीजों का खुलकर प्रयोग करें।
जापानी थीम
जापानी थीम में ब्लैक और व्हाइट कलर स्कीम प्रमुख होती है और इसमें अक्सर रेड-ब्राउन कलर के शेड्स नजर आते हैं। नेचुरल फाइबर से बनी चटाइयां, जिन्हें तातामी मैट्स कहा जाता है और आसानी से मुडने वाली टहनियों से बनाया गया फर्नीचर भी इस थीम का अहम हिस्सा है।
राजस्थानी
राजस्थानी थीम में रंगों का इस्तेमाल होता है। नक्काशीदार और हाथ की पेंटिंग वाला फर्नीचर, दीवारों से सटे लकडी के बक्से, लकडी के झरोखे और घर सजाने की संगमरमर की एसेसरीज इस थीम की जान हैं। एम्ब्रॉयडरी, मिरर और छोटे-छोटे शंखों वाले कुशन कवर, हैंड ब्लॉक पेंटिंग वाली चादरें व पर्दे जैसे सामान पूरे घर को राजस्थानी रंग से सराबोर कर देते हैं।
साउथ इंडियन
इस थीम में ब्रॉन्ज और ब्रास के आइटम्स का इस्तेमाल होता है। इस थीम के लिए चोला व हसैला स्टाइल के स्टेच्यू, दीये, कटावदार और बडा फर्नीचर, लकडी के खंभे और खिडकियों के फ्रेम एसेसरीज के रूप में इस्तेमाल होते हैं। घर के बीच में एक बरामदा होना अच्छा रहता है।
न्यूबॉर्न बेबी का रूम
अगर आपक घर मे नए मेहमान की किलकारी गूंजने वाली है, तो आपको उसके रूम पर खास ध्यान देने की जरूरत है जिसमें न्यूबॉर्न बेबी की परवरिश होने वाली है। सबसे पहले ध्यान रखें कि उस रूम की वॉल के कलर्स लाइट होने चाहिए। लाइट पिंक, क्रीम या ऑफ व्हाइट वॉल्स बेबी की आंखों को सूट करेंगी। इसके बाद ध्यान रखें कि कमरे में कोई ऎसा स्टेंड नहीं हो जिसके कॉर्नर शार्प हों। कुछ महीने बाद जब बेबी घुटने के बल चलेगा तो इस तरह के शार्प कॉर्नर्स उसे चोट पहुंचा सकते हैं।
घर में पैट तो नहीं!
अगर आपके घर में पैट हैं तो सबसे पहले यह ध्यान रखे कि बेबी के लिए ऎसे रूम का चयन करना चाहिए जहां पैट का फ्रीक्वेंट एक्सेस नहीं होता हो। अगर घर में ऎसा रूम नहीं है तो अभी से पैट की आदत डालें कि वह उस रूम में एंटर नहीं हो जहां न्यूबॉर्न बेबी को लाया जाने वाला हो।

Mixed Bag

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