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बोरियत को कहें गुडबाय

By: Team Aapkisaheli | Posted: 15 Jan, 2013

बोरियत को कहें गुडबाय
रोजमर्रा का वही काम, वही दफ्तर और ऑफिस के वही लोग। ज्यादातर लोग इस तरह की रूटीन लाइफ से बहुत जल्दी बोर हो जाते हैं। ना तो बहुत जल्दी नई नौकरी मिल सकती है और ना ही ऑफिस के माहौल को पूरी तरह बदलना हमारे बस में होता है। ऎसे में अपनी पर्सनल लाइफ में कुछ अच्छे और सकारात्मक बदलाव लाकर हम इस बोरियत से बच सकते हैं। ऎसी तब्दीलियां लाकर हम ज्यादा पौजीटिव महसूस कर सकते हैं।
 
ख्याहिशें को पूरा करें
ऎसी ख्याहिशें जिनके बारे में आप लम्बे समय से पूरा करने के लिए सोच रहे हैं, लेकिन रोजमर्रा के कामों की वजह से वक्त ही नहीं मिल पा रहा है। तो कोशिश करें कि कुछ समय निकालें जिससे आप अपने पसंदीदा काम कर सकें। इस तरह की अधूरी इच्छाएं पूरी होने से आपको काम करने की एक नई शक्ति मिलती है और करियर और लाइफ के बारे में आप एक नए नजरिए से सोचते हैं।
 
लक्ष्य के प्रति ईमादार रहें
जॉब और पारिवारिक जिम्मेदारियों के अलावा आपको अपने लिए सामाजिक सरोकार से जोडना चाहिए और इसके लिए एक एजेंडा तय करना चाहिए। एजेंडा तय करने के बाद जैसे भी सम्भव हो, उस पर अमल की पूरी कोशिश करनी चाहिए। इस बारे में आपकी सोच एकदम स्पष्ट होनी चाहिए। आपको लक्ष्यों पर अमल के लिए एक रणनीति के तहत काम की जरूरत होती है। हर एक दिन के लिए छोटे-छोटे लक्ष्य करना चाहिए और कोशिश होनी चाहिए कि उस दिन ही उनको अंजाम तक पहुंचाया जाए। अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए आप अपनी आसपास के लोगों से भी उनके सामथ्र्य के हिसाब से सहयोग लेने पर विचार कर सकते हैं।

अपनी बात कहें में संकोच ना करें
जिस बात से आप सहमत नहीं, या आपका दिल जिसे मानने को तैयार नहीं,उस बारे में न कहने से बिल्कुल भी नहीं डरना चाहिए।

दूसरों को खुशी देने से ज्यादा खुशी होती है हम अपने असापास के अनजान या फिर जान-पहचान के जरूरतमंद लोगों की मदद कर कसते हैं। जरूरी नहीं कि यह आर्थिक मदद ही हो। आप उन्हें अपनी समझदारी या पढे-लिखे होने का फायदा भी दिला सकते हैं। ऎसी चीजें, जो अब आपके लिए कम उपयोगी हैं और जिनका यूज करना अपने छोड दिया है, जरूरतमंद लोगों को दे सकते हैं। कई बार हम किसी की मदद करने की स्थिति में होते हुए भी कन्नी काट लेते हैं, इस तरह का बर्ताव बाद में हमें दोषी होने का एहसास कराता है।

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