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प्राकृतिक सौन्दर्य से घिरा एषाट्टुमुखम

By: Team Aapkisaheli | Posted: 11 Sep, 2012

प्राकृतिक सौन्दर्य से घिरा एषाट्टुमुखम
प्राकृतिक वन सौन्दर्य, जो नदी के बहाव तक के क्षेत्र में है, उस सुन्दर प्रदेश की ओर यात्रा करने के लिए आकर्षिक करता है। तुंबूरमुषी चैक डैमपरिसर प्रकृति की सुन्दरता से सरोबोर है। सडक के दोनों ओर खजूर के लम्बे, घने छतरी के समान पत्ती वाले पेड खडे थे। खजूरों को तोड कर गुच्छों में इकटा किया गया था। पता चला कि इन्हें प्लांटेशन कौरपोरेशन वाले कोल्लम या मंगलापुरम ले जाएंगे। वहां खजूरों से पाम ऑयल बनाया जाता है। खूबसूरत व्यू खजूर के बडे, घने वन के एक ओर दूर दिखती ऊंचे पहाडों की कतारें वास्तव में मन को मोह लेती हैं। उनका सौन्दर्य धूप में निखरा हुआ सा लगता है। चट्टानों को चूम कर बहने वाली चालकुडी नदी का दृश्य एक पोस्टकार्ड की तसवीर जैसा लगा । पानी कम होने की वजह से नदी के अन्दर पडे पत्थर साफ दिखाई दे रहे थे। कुंबलमडी, कुरम्पट्टामुडी पहाडी के बीच का सुन्दर गांव का नाम सार्थक करता है।
प्राकृतिक सौन्दर्य से घिरा गांव
एषाट्टुमुखम प्राकृतिक सौन्दर्य से घिरा गांव है। यहां के पार्क और डैम में प्रवेश के लिए पास अनिवार्य है। बच्चाों और बडों के लिए अलग-अलग पास हैं। कैमरे के लिए भी अलग पास हैं। यह एकणाकुलम जिला टूरिज्म काउंसिल के अधीन है। चालकुडी नहीं की रिवर डाइवर्जन स्कीम से मिलकर एषट्टुमुखम का यह प्रकृति गांव तैयार हुआ है। पेरिंगलकुत्तु शोलयार डैम का अधिकतर पानी एषाट्टुमुखम के तंबूरमुषी डैम का अधिकतर पानी एषाट्टुमुखम के तंबूरमुषी डैम की ओर बहता है। एषाट्टुमुखम प्रकृति गांव व तंबूरमुशी डैम गार्डन नदी के दोनों ओर है। प्रकृति गांव से सेट कनाल बांध पर आप चल कर नदी पार बांध तक पहुंच सकते हैं। पानी के बहाव के कारण कई तरह के आकार लिए पत्थर यहां मिलते हैं। इसलिए लोग शाम को निर्धारित समय में यहां का नजारा लेना नहीं भूलते । जब डैम खुलता है तो पानी तेजी से बहता है। उस समय नदी पार करना मुश्किल होता है। इसलिए लोग दोनों किनारों पर बंधी मोटी रस्सी के सहारे नदी पार करते हैं। तंबूरमुषी डैम के राम से मशहूर गार्डन में आगे चलें, तो यहां बहुत खूबसूरत नजारे देखने को मिलेंगे। काली, नीली और सफेद तितलियां पर्यटकों को अचंभित कर देती हैं।
बटरफ्लाई गार्डन
गार्डन के एक ओर जंगल है, जो वन्य जीवों से भरा है। गार्डन में डार्क ब्लू टाइगर, लाइट ब्लू टाइगर , लैमन बटरफ्लाई जैसी 150 किस्म की तितलियां मौजूद हैं। अगर आप सुबहसुबह जाएं, तो बडी-बडी तितलियों को देख सकते हैं। तंबूरमुषी गार्डन भारत के सबसे सुन्दर बटरफ्लाई गार्डनों में से एक है। पास ही में जंगल होने की वजह से कई प्रकार के पक्षियों को भी यहां देख सकते हैं। रात को जंगल से निकल कर वन्य जीव पानी पीने यहां पहुंच जाते हैं। आनमुडी पहाडी किनारों से वाषचाल वन की परिक्रमा कर आने वाली चालकुडी नदी यहां पहुंच कर 7 हिस्सों में बह कर निकलती है यानी नदी के 7 रूख बन जाते हैं। तभी तो यह क्षेत्र एषाट्टुमुखम के नाम से जाना जाता है।

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