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नौसेना में बनाएं गौरवशाली करियर

By: Team Aapkisaheli | Posted: 09 Apr, 2012

नौसेना में बनाएं गौरवशाली करियर
अगर आप एडवेंचरस हैं और देश सेवा का जज्बा है तो आपके लिए नौसेना के द्वार खुले हुए हैं। नौसेना में भर्ती होकर आप कई तरह से देश की सेवा कर सकते हैं। नौसेना की पहली प्राथमिकता समुद्री क्षेत्र में देश की सुरक्षा है। इसके अलावा इंडियन मैरीटाइम फोर्सेज देश के लिए एक महत्वपूर्ण डिप्लोमैटिक हथियार भी होते हैं। यह देश के राजनीतिक उद्देश्यों और विदेश नीति को पूरा करने में भी अहम योगदान निभाते हैं। जिनमें देश की औद्योगिक ताकत का प्रदर्शन, मदद मुहैया कराने के जरिए भरोसा पैदा करना, प्रवासियों के साथ रिश्तों को प्रगाढ बनाना और देश के मूल्यों को दुनिया के सामने रखना शामिल है। यही वजह है कि नेवल अकेडमी के नए ग्रेजुएट्स को भी विदेशों में इस तरह के डिप्लोमैटिक काम में हिस्सा लेने के लिए भेजा जाता है। नेवी में रोमांच है, चैलेंज है, मानवीय और डिप्लोमैटिक मोर्चे पर सेवा का मौका है, प्रतिष्ठा है और इन सब से बढकर यहां मल्टीडाइमेंशनल और डाइनेमिक जॉब प्रोफ ाइल है। इंडियन नेवी न केवल आपकी पूरी ट्रेनिंग और एजुकेशन का खर्च उठाती है बल्कि आपके कòरियर के दौरान आपके ज्ञान और कौशल को भी पॉलिश करती है। इसके अलावा आपको यहां कई मूलभूत सुविधाएं लग्जरी तरीके के साथ उपलब्ध कराई जाती हैं जिनमें कुछ खास हैं सस्ते दरों पर आवास, मुफ्त मेडिकल सुविधा, मुफ्त यात्रा, ग्रुप हाउसिंग स्कीम, आपके बच्चों के लिए स्कूल और सब्सिडाइज्ड दरों पर मकान और कार जैसी सुविधाएं भी मुहैया कराती है। सलेक्शन प्रोसेस इंडियन नेवी की चयन प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि संभावित उम्मीदवारों में साहस भी हों और टफ नेस भी। उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा, साक्षात्कार और शारीरिक क्षमता के तीन कठोर चरणों से गुजरने के बाद ही होता है। 10$2 कैडेट एंट्री को छोडकर इंडियन नेवी में सभी स्थाई कमीशन पदों पर भर्तियां सर्विस सलेक्शन बोर्ड लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के जरिए करती है। हालांकि शॉर्ट सर्विस कमीशन में भर्तियों के लिए कोई लिखित परीक्षा नहीं होती। इसके लिए रक्षा मंत्रालय के इंटीग्रेटेड हेडक्वार्टर्स के तय मानदंडों के आधार पर आवेदन लिए जाते हैं और चयन मेरिट के आधार पर किया जाता है। एसएससी का कार्यकाल 10 सालों का होता है, जिसे 14 सालों तक बढाया जा सकता है। एसएससी ऑफि सर्स को सिर्फ चुनिंदा सेवाओं- लॉ, लॉजिस्टिक्स, एटीसी, ऑब्जर्वर, नेवल आर्किटेक्चर और एजुकेशन में ही शामिल किया जाता है। इंडियन नेवी तेजी से बदलती और विकसित टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करती है। यह बेहद परिष्कृत जहाजों, पनडुब्बियों और जहाजों के संचालन और उनके रख रखाव का काम भी करती है। परिष्कृत यानों में लगी प्रपल्शन मशीनरी, हथियारों, सेंसरों और उपकरणों को संचालित करने और इनके रख रखाव की जिम्मेदारी सेलर की होती है, जिन्हें सेवा के दौरान विभिन्न अंतराल में अलग-अलग तरह का जरूरी प्रशिक्षण दिया जाता है। सेलर का चयन अखिल भारतीय स्तर पर लिखित परीक्षा, शारीरिक दक्षता और मेडिकल टेस्ट के जरिए होता है। नेवी में पद और कार्यभार एक्जीक्यूटिव ऑफि सर- इस ब्रांच के तहत आने वाले ऑफि सर ही समुद्र में जाने वाले जहाजों, पनडुब्बियों को कमांड करते हैं। एक्जीक्यूटिव ऑफि सर्स को एंटी-सबमेरीन वारफेयर, नेवीगेशन, कम्यूनिकेशन, गनरी, लॉजिस्टिक्स, डाइविंग और हाइड्रोग्राफ ी जैसे सब स्पेशलाइजेशन का प्रशिक्षण दिया जाता है। कोई भी ऑफि सर हवाई या सबमेरीन आर्म की ट्रेनिंग में से किसी एक को चुन सकता है। इंजीनियरिंग ब्रांच- यहां आधुनिक तकनीकी, मशीनरी और प्रपल्शन सिस्टम से लैस मॉडर्न शिप्स, सबमेरीन और एयरक्रॉफ्ट का तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाता है। इन सारे सिस्टम के सुचारू तरीके से काम करने के लिए इंजीनियर ऑफि सर जिम्मेदार होते हैं। इन्हें नेवल डाकयार्ड के तटों के जॉब्स और स्वदेशी प्रोडक्शन यूनिट में भी काम करने का अवसर मिलता है। इंडियन नेवी भारत में प्रशिक्षित नेवल ऑर्कि टेक्टों को सर्वाधिक नौकरी देने वाला संस्थान है। नेवल ऑर्कि टेक्टों को नौसेना के जहाजों की डिजाइन, कंस्ट्रक्शन, `ालिटी कंट्रोल, रिपेयर और नए कंस्ट्रक्शन से जुडा काम करना होता है। नेवी देश में ज्यादा से ज्यादा परिष्कृत युद्धपोतों का निर्माण कर रही है इसलिए कॉप्र्स ऑफ नेवल ऑर्कि टेक्ट शिप बिल्डिंग टेक्नोलॉजी से तालमेल बिठाने के लिए नए मौके मुहैया करा रहा है। एविएशन ऑफि सर- नेवी को ऎसे पायलट और ऑब्जर्वर्स की जरूरत होती है जो समुद्री युद्ध के समय एयरबॉर्न टेक्निकल कोऑर्डिनेटर के रूप में काम कर सकें। नेवी के ज्यादातर पायलट शिप बोर्न हेलिकॉप्टर और समुद्री युद्द के समय तटों पर उतारे जाने वाले जंगी विमानों को उडाते हैं। नेवल एयरक्राफ्ट दुश्मनों के तट पर खडे जहाजों, पनडुब्बियों को ढूंढते हैं और उन पर हमला करते हैं, साथ ही तटों पर होने वाले युद्धों में हिस्सा लेते हैं। इसके लिए गोवा, कोच्चि अन्य तटों और समुद्र के भीतर यूनिटों में विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। इलेक्ट्रिकल ब्रांच- समुद्र में तैरता हुआ युद्धपोत एक छोटा शहर ही होता है। जिसमें अपना पावर जनरेशन और डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम होता है। इसके अलावा इसमें कॉम्प्लेक्स मिसाइल सिस्टम, अंडरवाटर वेपन्स, राडार और रेडियो कम्यूनिकेशन उपकरण भी होते हैं। इनमें से अधिकांश कम्प्यूटर आधारित या कम्प्यूटर के जरिए चलने वाले उपकरण हैं। किसी भी जहाज के प्रभावी तरीके से युद्ध में हिस्सा लेने के लिए जरूरी है कि ये सारे उपकरण पूरी क्षमता से काम करने के लिए तैयार रहें। लिहाजा यह जिम्मेदारी इलेक्ट्रिकल ऑफि सर्स की होती है। सबमेरीन ऑफि सर- यदि आप नए मोर्चो की चुनौतियों का आनंद उठाना चाहते हैं, मेडिकल मानकों को पूरा करते हैं और आपका रिकॉर्ड शानदार है तो यह सब आपकी विशेष योग्यता मानी जा सकती है। इन नई हाईटेक वार मशीनों में उच्च स्तर का वेपन कंट्रोल सिस्टम, कम्प्यूटर कंट्रोल्ड मशीनरी और रहने की उच्च दर्जे की व्यवस्था होती है। सबमेरीन में मौजूद ऑफि सर्स की एक बडी जिम्मेदारी यह होती है कि वह शांतिकाल में भी खुद को युद्ध के लिए प्रशिक्षित करे। यदि आप इस कठोर ट्रेनिंग को सफ लतापूर्वक पूरा कर लेते हैं तब आप डाल्फि न बैज लगाने और नेवी के अत्यंत विशिष्ट सबमेरीन आर्म के सदस्य बनने के हकदार हो जाते हैं। एजुकेशन ब्रांच- नेवल ऑफि सर्स और सेलर्स के प्रशिक्षण में एजुकेशन ऑफि सर्स की बडी भूमिका होती है। ये लोग नेवी और सामान्य एजुकेशन से संबंधित सभी ब्रांचों के तकनीकी विषयों के थ्योरिटिकल आसपेक्ट सहित साइंटिफि क और मेथोडिकल दिशा-निर्देर्शाे के लिए जिम्मेदार होते हैं। वे ओशियनोग्राफ ी और मीटियोरोलॉजी में भी विशेषज्ञ होते हैं। नेवल आर्मामेंट इंसपेक्शन- ये स्पेशलिस्ट ऑफि सर विभिन्न एजेंसियों से नेवी को सप्लाई किए जाने वाले हथियारों और युद्ध सामग्री की जांच करते हैं। उन पर नेवल आर्मामेंट की `ालिटी, सेफ्टी और विश्वसनीयता देखने के साथ ही इन्हें सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी होती है। उन पर स्वदेशीकरण के मद्देनजर रिसर्च और डेवलपमेंट की भी जिम्मेदारी होती है। हाइड्रोग्राफि क ऑफि सर यह छोटा लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण सब स्पेशलाइजेशन इंडियन नेवी और दुनिया की अन्य नेवी द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले चार्ट के लिए जरूरी सूचना एकत्र करने के लिए जिम्मेदार होता है। प्रोवोस्ट ऑफि सर और लॉ ऑफि सर प्रोवोस्ट ऑफि सर्स का एक अलग समूह नेवी की नीतियों, नियंत्रण, सुरक्षा और निगरानी संबंधी जरूरतों को पूरा करता है। इसी तरह नेवी की कानूनी जरूरतों को पूरा करने के लिए लॉ ऑफि सरों का अलग समूह होता है। नेवी की एक और खास बात ये है कि यह अपने सहयोगियों के साथ जीवनभर का रिश्ता बनाने के मौके देती है। जहाज ही आपका घर बन जाता है। ये एक तरह से लघु भारत जैसा होता है जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से आए लोग एक साथ रहते हैं।

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