पढो, पढाओ और भविष्य बनाओ
By: Team Aapkisaheli | Posted: 01 Mar, 2013
मातापिता की जिम्मेदारी सिर्फ अच्छे स्कूल/कॉलेज में दाखिला कराने, किताबें ला देने और सख्ती करने तथा टयूटर लगाने तक ही सीमित नहीं रह जाती है। बच्चा पढाई में मन लगाए, उसमें एन्जौय ले और कुछ सीखे, इसके लिए जरूरी है कि उसे वैसा माहौल मिले। यह आपकी जिम्मेदारी है।
योजनाबद्ध तरीके से वक्त बचाएं। गैरजरूरी चीजों पर लगाम लगाएं। आलस्य छोडें। यह टाइम बच्चो और उसकी पढाई पर ध्यान दें।
बच्चो की खूबियों प्रोत्साहित करें। किसी और बच्चो से उसकी तुलना बिल्कुल ना करें, उसे समझाएं कि सारे विषयों का महत्व है। उसे जिज्ञासु बनाने का प्रयास करें।
जब आप की बाकी चीजों के लिए टाइम मैनेजमेंट कर सकते हैं, तो निश्चित ही अपने बच्चो की पढाई के लिए भी वक्त निकाल सकेंगे।
जितने मनोयोग से बच्चो केलिए डिजाइनर कपडे लाते हैं, उतना ही मन लगाकर उसे कलए सहायक सामग्रियां चुनें। विज्ञान, गणित, इतिहास आदि विषयों से जुडी दिलचस्प किताबें मार्केट में मौजूद हैं। बच्चो के लिए चित्रों, गीतों और पहेलियौं वाली किताबें पढना खेल की तहर होता है।
बच्चो की जिज्ञासा को कभी भी टालें नहीं। यदि जवाब नहीं मालूम, तो उससे कहें कि आप एक निश्चित समय बाद उसे विस्तार से समझाएंगे। इस बीच किताब या इंटरनेट आदि स्त्रोंतो से जवाब पता करें और अपना वादा पूरा कर दें।
बच्चो की किताबें एक बार पलटकर तो देखें। बहुत कुछ आपका पढा हुआ है। उसे याद करें। जो नई चीज है, उसे पढें, समझें, संदर्भ खोजें। इसमें आपको आनंद आएगा और आपकी जानकारी भी दुरूस्त होगी।