फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी
By: Team Aapkisaheli | Posted: 13 Aug, 2012
अब से 65 साल पहले हमारा देश अंगे्रजों की गुलामी से आजाद हुआ था। इसलिए हर साल हम 15 अगस्त के दिन हमारा स्वाधीनता दिवस बडी धूमधाम के साथ मनाते हैं। पर स्वाधीनता दिवस के इस अवसर पर हम आपसे कहना चाहते हैं कि सिर्फ रिपब्लिक डे और इंडीपैन्डेंस सेलिब्रेट करने से ही आपका देश के प्रति कर्तव्य पूरा नहीं हो जाता है। आओ कुछ संकल्प करें कि हम हर दिन, हर छोटे-बडे कार्य में देशहित के बारे में सोचेंगे, हम जातिवाद को बढावा नहीं देंगे और राष्ट्रवाद को अपनाएँगे साथ ही अमल करेंगे, तो शायद बिना वर्दी के भी सच्ची देशभक्ति होगी और तभी हम सच्चे दिल से कह पाएंगे कि हां, हमें अपने देश से प्यार है। 14 अगस्त 1947 को रात 11 बजे संघटक सभा द्वारा भारत की स्वतंत्रता को मनाने की बैठक आरंभ हुई, जिसमें अधिकार प्रदान किए जा रहे थे। जैसे ही घडी में रात के 12 बजे भारत को आजादी की मिल गई और अब यह एक स्वतंत्र देश बन गया । तत्कालीन स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपना प्रसिद्ध भाषण दिया ।
इसके बाद तिरंगा झण्डा फहराया गया और लाल किले के प्राचीर से राष्ट्रीय गान गाया गया। आज स्वतंत्रता दिवस समीप आते ही सभी ओर खुशियां पुैल जाती हैं। यह ऎसा समय है जब सभी प्रमुख शासकीय भवनों को रोशनी से सजाया जाता है और तिरंगा झण्डा घरों तथा अन्य भवनों पर फहराया जाता है। स्वतंत्रता दिवस- 15 अगस्त एक राष्ट्रीय अवकाश है, इस दिन के अवकाश का मह┼╛व प्रत्येक नागरिक को दशकों पहले हमारे बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों द्वाराकिए गए बलिदान को याद करके समझना चाहिए और अपनी आजादी का जश्न मनाना चाहिए। स्वतंत्रता के एक सप्ताह पहले से ही श्हीदों की कहानियों के बारे में फिल्में दिखाई जाती है और राष्ट्रीय भावना से सम्बन्धित कहानियां और रिपोर्ट प्रकाशित की जाती है। विशेष प्रतियोगिताओं और कार्यक्रमों के आयोजन द्वारा देश भक्ति की भावना को प्रोत्साहन दिया जाता है।
राष्ट्रपति द्वारा स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संदेश प्रसारित किया जाता है। इसके बाद अगले दिन लाल किले से तिंरगा झण्डा फहराया जाता है। राज्य स्तर पर विशेष स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें झण्डा फहराने के आयोजन, मार्च पास्ट और सांस्कृतिक आयोजन शामिल हैं। इन आयोजनों को राज्यों की राजधनियों में आयोजित किया जाता है और आम तौर पर मुख्य मंत्री इन कार्यक्रमों की अध्यक्षता कराते हैं। छोटे पैमाने पर शैक्षिक संस्थानों, आवास संघों, सांस्कृतिक केन्दों और राजनैतिक संगठनों द्वारा कार्यक्र म आयोजित किए जाते हैं। स्वतंत्रता दिवस का एक और प्रतीक पतंग उडाने का गेम हे। आकाश में ढेर सारी पतंगें दिखाई देती हैं जो लोग अपनी अपनी छतों से उडा कर भारत की स्वतंत्रता का समारोह मनाते हैं। अलग-अलग प्रकार, आकार और रंगों की पतंगें तथा तिरंगे मार्केट में उपलब्ध हैं। यह दिवस पतंग उडाकर अपने संघर्ष के कौशलों का प्रदर्शन करने का अवसर है।